हैदराबाद : केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र पर महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जयंती श्रद्धापर्वूक मनाई गई। सर्वप्रथम महापुरुषों के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया गया।
इस अवसर पर क्षेत्रीय निदेशक प्रो. गंगाधर वानोडे ने कहा कि गांधी जी के विचारों एवं दर्शन को जीवन में उतारने की जरूरत है। वे जब दक्षिण अफ्रीका से लौटे तो उन्होंने देखा कि अंग्रेज भारतीयों पर अनेक अत्याचार कर रहे हैं ये सब उनसे सहा नहीं गया और देश की स्वतंत्रता के लिए सत्य और अंहिसा के बल पर देश को अंग्रेजों से स्वतंत्रता दिलाई। गांधी जी ने स्वदेशी वस्त्र, वस्तुएँ अपनाने की सलाह दी। साथ ही हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, मद्रास की स्थापना सन् 1918 में की जिससे दक्षिण में हिंदी का प्रचार-प्रसार हुआ।
लाल बहादूर शास्त्री जी को याद करते हुए वानोडे ने कहा कि शास्त्री जी नदी को तैरकर पार करते थे फिर स्कूल जाते थे। जब वे भारत के प्रधानमंत्री थे उस समय देश में अन्न की कमी के समय उन्होंने खुद रोज एक समय भोजन करने का व्रत रखा और देशवासियों से भी व्रत रखने का आह्वान किया। वे सादगी और ईमानदारी की मिशाल थे उन्होंने ‘जय जवान जय किसान’का नारा दिया।
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आज हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ‘स्वच्छ भारत मिशन’ की शुरूआत किए हुए दस वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। हमें भी इस मिशन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। स्वच्छ भारत अभियान के तहत केंद्र पर सफाई अभियान भी चलाया जाएगा।
डॉ. कामेश्वरी ने इस अवसर पर लाल बहादुर शास्त्री और महात्मा गांधी के जीवन पर प्रकाश डाला। डॉ. फत्ताराम नायक ने कहा कि गांधी जी के दर्शन को जीवन में उतारने की जरूरत है। उनके विचारों को अपनाकर ही विश्व में शांति स्थापित की जा सकती है। वहीं 476वें नवीकरण पाठ्यक्रम के प्रतिभागी अध्यापक रमेश एच. डोंगरे ने गांधी जी के जीवन चरित्र पर कविता पाठ भी किया। इस अवसर पर केंद्र के सदस्य डॉ. संदीप कुमार, सजग तिवारी, शेख मस्तान वली व अन्य कार्मिक उपस्थित थे।