अमरावती : आंध्र प्रदेश में हड़कंप मचाने वाले नेल्लोर जिले के कृष्णापट्टणम बोणिगी आनंदय्या की ओर से वितरित की जा रही कोरोना दवा को रोक दिया है। अधिकारियों ने आनंदय्या की दवा को दस दिनों के लिए बंद करने का आदेश दिया है। पुलिस कृष्णापट्टणम स्थित आनंदय्या के निवास और दवा वितरण केंद्र पहुंची। इसके बाद इलाके को खाली करा दिया। दवा बनाने के लिए लाई गई सामग्री को भी जब्त कर लिया।
कहा जा रहा है कि सरकार की ओर से अनुमति दिए जाने तक इस दवा के वितरण को रोक दिया जाएगा। दवा पर अध्ययन पूरा होने के बाद ही कोरोना दवा वितरण पर निर्णय जाएगा। अधिकारियों ने लोगों से आग्रह किया कि वे दवा लेने के लिए कृष्णपट्टणम न आये।
दूसरी ओर आनंदय्या की बनाई दवा की जांच के लिए आईसीएमआर की टीम इस महीने की 24 तारीख को कृष्णापट्टणम जा रही है। यह टीम आनंदय्या की ओर से बनाई गई दवा की जांच करेगी। इस मौके पर आनंदय्या अपनी बनाई गई दवा का डेमो देंगे। सैंपल लेने के बाद आईसीएमआर की टीम इसका अध्ययन करेगी। इसके बाद ही इस पर स्पष्टता आएगी।
ICMR ने भी नेल्लोर जिले के कृष्णपट्टणम आनंदय्या की दवा पर प्रतिक्रिया दी है। आईसीएमआर की निदेशक डॉ वर्षिनी ने कहा कि वे अभी इस आयुर्वेदिक दवा के बारे में कुछ भी बात नही करेगी। फिलहाल इस दवा पर अध्ययन किया जा रहा है। इस दौरान कुछ भी कहा जाता है तो भ्रम पैदा होगा।
इसी क्रम में प्रदेश आयुष विभाग ने आनंदय्या दवा की पहले ही जांच कर चुका है। आयुष विभाग की टीम शुक्रवार को कृष्णापट्टणम गई और सैंपल एकत्रित किये। टीम ने दवा को तैयार किये जा रहे पदार्थ, तैयार करने की विधि, रोगियों को दी जा रही पद्धति, मरीज के ठीक होने की जानकारी और अन्य विवरण एकत्र किये। साथ ही, आयुष अधिकारियों आनंदय्या को आदेश दिया कि आयुर्वेद के संदर्भ में इस दवा को लेकर परीक्षण की जरूरत है। तब तक इस दवा के वितरण को रोक दिया जाये।
हालांकि अधिकारियों ने साफ है कि इसमें इस्तेमाल किये जाने वाले पदार्थ नुकसानदेह नहीं हैं। वहीं दूसरी ओर आनंदय्या की दवा को लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चा चल पड़ी है। सोशल मीडिया में कॉरपोरेट अस्पतालों और ड्रग माफिया से आनंदय्या को बचाने की मांग की गई है।