हैदराबाद : केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र पर महाराष्ट्र राज्य के अकोला जिले के हिंदी अध्यापकों के लिए गूगल मीट के माध्यम से आयोजित 447वें नवीकरण पाठ्यक्रम का ऑनलाइन समापन समारोह शुक्रवा को संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ योगेंद्रनाथ शर्मा ‘अरुण‘ (माननीय मंडल सदस्य, केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल, आगरा) ने की। मुख्य अतिथि के रूप में डॉ सविता मोहन (माननीय मंडल सदस्य, केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल, आगरा) उपस्थित थीं। डॉ गंगाधर वानोडे (क्षेत्रीय निदेशक, केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र) इस नवीकरण पाठ्यक्रम के संयोजक हैं।
महाराष्ट्र राज्य के अकोला जिले के हिंदी अध्यापिका सुश्री अनीता अजमेरा के सरस्वती वंदना से कार्यक्रम आरंभ हुआ। केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र द्वारा ‘भारत जननि एक हृदय हो‘ संस्थान गीत सुनाया गया। केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ गंगाधर वानोडे ने अतिथियों का स्वागत किया एवं अतिथियों का परिचय दिया। इस दौरान उन्होंने नवीकरण पाठ्यक्रम का प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया। सुश्री संगीता किरडे ने स्वागत गीत सुनाया। श्री राजेश ताले एवं श्री शालीग्राम सदर ने देशभक्ति गीत सुनाया। सुश्री मीना घुले ने स्वरचित कविता के माध्यम से पाठ्यक्रम से संबंधित अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
श्री राजन शर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस नवीकरण पाठ्यक्रम में व्याकरण की जटिलताओं को सरलतम तरीके के साथ समझाया गया। अध्यापकों का प्रश्नोत्तर युक्त व्याख्यान सराहनीय एवं प्रेरणादायी रहा। मेरे अब तक के प्रशिक्षणों में यह नवीकरण पाठ्यक्रम सर्वोत्तम रहा है। अकोला जिले की अध्यापिका सुश्री नीलिमा हरणे ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि व्याकरण की गहराइयों को सरल, सुगम एवं आसान शब्दों के साथ सुलझाया। इस नवीकरण पाठ्यक्रम में रोचक ढंग से आसान भाषा में भारतीय संस्कृति के दर्शन कराए। सृजनशीलता को किस प्रकार विकसित किया जाए, समझाया गया। हमने भाषा कौशल की भी जानकारी प्राप्त की। हिंदी भाषा से जुड़े रहने का उत्साह बढ़ाया। हिंदी साहित्य का इतिहास, पाठ्यपुस्तक विश्लेषण भी सरल एवं रोचक तरीके से पढ़ाया गया। इस प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को भाषा विज्ञान तथा विविध पक्षों को सरल तरीके से पढ़ाया गया। इस नवीकरण पाठ्यक्रम में हमें ज्ञानवर्धन विषयों की जानकारी प्राप्त हुई है। यह ज्ञान हमारे लिए भविष्य में भी बहुत उपयोगी सिद्ध होगा।
इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ सविता मोहन (माननीय मंडल सदस्य, केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल, आगरा) ने अपने वक्तव्य में कहा कि इस नवीकरण पाठ्यक्रम में अध्यापकों की जो प्रशंसा हुई इससे पता चलता है कि अध्यापकों ने इस नवीकरण पाठ्यक्रम में बहुत सारा ज्ञान अर्जित किया है। विश्व में हिंदी को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। विश्व भर में आज हमारी हिंदी साहित्य, संचार एवं बाजार की चीजों के माध्यम से विश्व में छाई हुई है। आज आपके प्रशिक्षणार्थियों ने शुद्ध हिंदी में अपना कार्यक्रम प्रस्तुत किया। ऐसा लग ही नहीं रहा था कि आप विदर्भ से हैं। हिंदी आज हम लोगों के बीच आ गई है। आज हमारा देश हिंदी के रंग में रंग गया है। आप यशस्वी हों, तेजोमय हों, आप सबको मेरा आशीर्वाद।
अध्यक्षीय भाषण में डॉ योगेंद्रनाथ शर्मा ‘अरुण‘ (माननीय मंडल सदस्य, केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल, आगरा) ने अपने आशीर्वचन में कहा कि जिस दिन शिक्षक यह मान लेता है कि वह सर्वगुण संपन्न हो गया है, वहीं से उसका पतन शुरू हो जाता है। यदि वह मानता है कि वह विद्यार्थी है तो वह हमेशा कुछ-न-कुछ प्राप्त करता रहता है। हम हर पग पर सीखते हैं। और यही सीखना शिक्षक की सबसे बड़ी भूमिका होती है। शिक्षक वही है जो विद्यार्थी की आंखों में आंखें डालकर देखता है। आज के प्रजातंत्र में हिंदी सचमुच रोजगार, पत्रकारिता, बैंक की भाषा बन गई है। हम रोज नवीन होते हैं। अनुभव का खजाना मिल जाता है, तो हम अमीर हो जाते हैं। इतने अमीर हो जाते हैं कि वह सभी को बाँटते हैं। आप अध्यापकगणों को इस नवीकरण पाठ्यक्रम के दौरान बहुत कुछ सिखाया गया है और आपने उसका लाभ लिया है। इस कार्यक्रम की सफलता के लिए सबको शुभकामनाएँ। जिन्होंने आपको पढ़ाया उनको भी शुभकामनाएं।
अपनी मधुर वाणी एवं सुंदर गीत के साथ डॉ. योगेंद्रनाथ शर्मा ‘अरुण‘ ने प्रतिभागियों का उत्साह बढ़ाया। डॉ योगेंद्र कुमार मिश्रा एवं डॉ. रमेश कुमार अतिथि अध्यापकों ने प्रतिभागियों को अपना आशीर्वचन दिया। इस ऑनलाइन नवीकरण पाठ्यक्रम में कुल 56 (महिला-18, पुरुष-38) हिंदी अध्यापकों ने नियमित प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस दौरान प्रतिभागियों का पर-परीक्षण लिया गया। हिंदी अध्यापकों ने समापन समारोह में उत्साह के साथ भाग लिया। कार्यक्रम का सफल संचालन अकोला जिले की हिंदी अध्यापिका सुश्री सरलता वर्मा द्वारा किया गया तथा सुश्री सविता मानकर ने आभार एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। श्री प्रेमदास राठोड के राष्ट्रगान के साथ समारोह समाप्त हुआ।