हैदराबाद: केंद्रीय हिंदी संस्थान, अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद तथा विश्व हिंदी सचिवालय के तत्वावधान में वैश्विक हिंदी परिवार की ओर से हिंदी भाषा श्रृंखला के अंतर्गत ‘भारत, ब्रिटेन और अमेरिका में आयोजित ‘आगामी हिंदी सम्मेलन : दिशा और दृष्टि’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया।
भारत, ब्रिटेन और अमेरिका में आयोजित आगामी हिंदी सम्मेलनों से हिंदी और भारतीय भाषाओं को नई दिशा और दृष्टि मिलेगी और भारत भारतीयता अपेक्षाकृत अधिक मुखरित होगी। ये उद्गार राज्य सभा के माननीय सांसद अशोक वाजपेयी द्वारा केंद्रीय हिंदी संस्थान, अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद तथा विश्व हिंदी सचिवालय के तत्वावधान में वैश्विक हिंदी परिवार द्वारा आयोजित आभासी वैश्विक परिचर्चा में अध्यक्ष पद सुशोभित करते हुए शुभाशंसा स्वरूप प्रकट किए गए । इस आयोजन में 25 से अधिक देशों के हिंदी से जुड़े विचारकों, साहित्यकारों और भाषाकर्मियों ने उत्साहवर्षक ढंग से सहभागिता की।
मुख्य अतिथि के रूप में विश्व रंग भारत के निदेशक प्रो संतोष चौबे की ओर से दिसंबर माह में भोपाल में आयोजित होने वाले विराट सम्मेलन की जानकारी दी गई। आज के कार्यक्रम के प्रणेता और वैश्विक हिन्दी परिवार के अध्यक्ष अनिल जोशी जी ने कहा कि हिंदी के राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में सुविचारित बिन्दुओं का समुचित कार्यान्वयन हो। लंदन, न्यूयार्क, दिल्ली, सरदार पटेल की मूर्ति स्थल केवड़िया (गुजरात), नेपाल, भोपाल और भुवनेश्वर आदि में हिंदी व भारतीय भाषाओं से संबंधित महोत्सव में संकल्प के साथ सार्थक सहभागिता हो।
विशिष्ट वक्ता के रूप में अमेरिका के हिंदी फाउंडेशन के अध्यक्ष अशोक ओझा ने अवगत कराया कि न्यूयार्क में भारतीय कौंसलावास के सहयोग से भाषा शिक्षण पर 20 और 21 अक्तूबर को सम्मेलन संपन्न होगा। लंदन के ऑक्सफोर्ड में आगामी 13 से 15 अक्तूबर तक आयोजित होने वाले भारोपीय हिंदी महोत्सव के निदेशक डॉ पदमेश गुप्त और दिव्या माथुर ने कहा कि इसमें भाषा, साहित्य, अनुवाद, तकनीकी और सिनेमा आदि से संबंधित समन्वित गरिमामयी सत्र होंगे जिसके लिए रजिस्ट्रेशन खुला है।
विशिष्ट वक्ता के रूप में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के महासचिव अतुल कोठारी ने शुभकामनाएँ दीं और सह संयोजक ए विनोद ने बताया कि गुजरात सम्मेलन में राज्यों के शिक्षा मंत्री और भाषाशास्त्री नई शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं के क्रियान्वयन पक्ष पर आगामी अगस्त माह की 18 और 19 तारीख को गहन चर्चा करेंगे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संयुक्त महामंत्री डॉ पवनपुत्र बादल ने लखनऊ से बताया कि भुवनेश्वर में आगामी 23 से 25 नवम्बर तक वृहद सम्मेलन होगा जिसमें गहन चर्चा सहित सभी भारतीय भाषाओं के चुनिंदा साहित्यकारों को सम्मानित किया जाएगा।
कार्यक्रम में स्वागत साहित्यकार डॉ राजेश कुमार द्वारा किया गया और बखूबी संचालन प्रवासी भारतीय शोध केंद्र भोपाल के सलाहकार डॉ जवाहर कर्नावट द्वारा किया गया। संयोजन एवं सहयोग मॉरीशस से विश्व हिंदी सचिवालय की महासचिव डॉ माधुरी रामधारी, केंद्रीय हिंदी संस्थान के निदेशक प्रो सुनील कुलकर्णी, अमेरिका से प्रो सुरेन्द्र गंभीर, श्री अनूप भार्गव और सिंगापुर से प्रो संध्या सिंह, कनाडा से डॉ शैलेजा सक्सेना तथा भारत से प्रो वी जगन्नाथन, वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव, डॉ रमेश यादव, डॉ विजय मिश्र, डॉ विजय नगरकर, डॉ गंगाधर वानोडे तथा डॉ जयशंकर यादव द्वारा किया गया। विपरीत परिस्थितियों में भी तकनीकी सहयोग का दायित्व डॉ मोहन बहुगुणा और डॉ सुरेश मिश्र उरतृप्त द्वारा बखूबी संभाला गया।
अंत में इंद्रप्रस्थ कॉलेज दिल्ली की प्राचार्या डॉ रेखा सेठी द्वारा सभी अतिथियों, वक्ताओं एवं सुधी श्रोताओं के प्रति आत्मीयता से आभार प्रकट किया गया। सभी सम्मेलनों के आयोजकों ने अधिकाधिक संख्या में सहभागिता हेतु आग्रह किया। यह कार्यक्रम “वैश्विक हिंदी परिवार” शीर्षक से यू-ट्यूब पर द्रष्टव्य है। रिपोर्ट लेखन कार्य डॉ जयशंकर यादव ने किया।