यह मानसून का मौसम है। इस मानसून मौसम को बीमारियों का मौसम भी कहा जाता है। क्योंकि इस मौसम विभिन्न प्रकार के जल जनित या वेक्टर जनित रोग होने की संभावना अधिक होती है। मुख्यरूप से वायरल फीवर और मच्छर जनित बीमारियां भी हैं। इस बार मानसून में डेंगू और चिकनपॉक्स के कई मामले देखने को मिल रहे है।
इस समय तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र के साथ अनेक राज्य डेंगू, मलेरिया और चिकनपॉक्स की चपेट में है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक कई क्षेत्रों में डेंगू और चिकनपॉक्स देखने को मिल रहा है। इस बात को ध्यान में रखते हुए यहां कुछ घरेलू उपचार के साथ-साथ एहतियाती उपाय दिये गये हैं।
यह आपको और आपके बच्चों को डेंगू मलेरिया और चिकनपॉक्स जैसी बीमारियों से निजात दिलाएंगे। डेंगू के मच्छर पानी में पनपते हैं। नीम और कपूर जैसे औषधीय गुणों वाले पत्तों को जलाकर धूम्रपान करना आवश्यक है। नगर पालिका द्वारा किए गए धूमन के अलावा इस प्रकार की धूम्रपान सुरक्षा प्रदान कर सकती है।
हल्दी बहुत ही उपयोग चीज है। हल्दी में एंटीबायोटिक का काम करती है। यह दवा के समान ही अच्छा काम करती है। हरिद्रा को गर्म दूध के साथ लेने या मौसम के दौरान शहद के साथ चाटने से सांस की बीमारियों से बचाव हो सकता है। इसी तरह तुलसी, अदरक और गुडूची की पत्तियों का काढ़ा आदि बनाने में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इस मौसम में जोड़ों सहित शरीर में दर्द होता है। इसलिए गर्म पानी से राहत मिलती है। ज्यादा से ज्या शरीर को ढकने की सलाह दी जाती है। साथ ही बार-बार ठंडे वातावरण में न जाये। यात्रा भी कम से कम करे।
आयुर्वेद के अनुसार सभी रोगों की जड़ ‘एनोरेक्सिया’ है। इसलिए इस मौसम में सोने के समय को सही रखें। सही समय पर सही मात्रा में नींद लें। इससे कब्ज का खतरा कम हो सकता है। फिर भी अगर कब्ज बनी रहती है, तो हरदे आदि दवाओं से भी इसे ठीक किया जा सकता है। मगर जिन लोगों को कब्ज या सीने में जलन होती है तो उन्हें यह बीमारी होने की संभावना अधिक होती है। इसके लिए खाने में बीन्स जैसी कम भारी चीजें लेना फायदेमंद होगा। साथ ही ठंडा पानी या ठंडा भोजन भी कब्ज पैदा करता है।