हैदराबाद (सरिता सुराणा की रिपोर्ट): अणुव्रत विश्व भारती के निर्देशानुसार अणुव्रत समिति हैदराबाद द्वारा 74वें अणुव्रत स्थापना दिवस पर रविवार शाम को ‘अणुव्रत काव्यधारा’ कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया।
इस आयोजन में अणुविभा के अध्यक्ष संचय जैन, महामंत्री भीखमचंद सुराणा, उपाध्यक्ष राजेश सुराणा, तेलंगाना प्रभारी तिलोक सिपाणी, अणुव्रत समिति हैदराबाद के अध्यक्ष सुरेश सुराणा, मंत्री अशोक मेड़तवाल, महिला मण्डल अध्यक्ष श्रीमती अनीता गिड़िया, तेयुप अध्यक्ष प्रवीण श्यामसुखा और टीपीएफ अध्यक्ष मोहित बैद एवं अन्य अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।
श्रीमती सरोज भण्डारी के मंगलाचरण से कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। तत्पश्चात् अध्यक्ष ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। सभी सम्मानित व्यक्तियों ने कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। तेरापंथ धर्मसंघ के नौंवे आचार्य, आचार्य श्री तुलसी द्वारा 1 मार्च सन् 1949 को राजस्थान के सरदारशहर कस्बे से अणुव्रत आन्दोलन का सूत्रपात किया गया था। यह आन्दोलन व्यक्ति के नैतिक और चारित्रिक व्यक्तित्व निर्माण के लिए प्रारम्भ किया गया था। आज भी आचार्य श्री महाश्रमण जी अहिंसा यात्रा के माध्यम से अणुव्रत आन्दोलन को जन-जन तक पहुंचा रहे हैं।
कवि सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी कवि-कवयित्रियों ने अणुव्रत आन्दोलन और अणुव्रत आचार संहिता पर अपनी-अपनी रचनाएं प्रस्तुत करते हुए श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इनमें प्रमुख थे- श्रीमती सरिता सुराणा, श्रीमती रीटा सुराणा, श्रीमती अनीता गिड़िया, श्रीमती सरला पी भुतोड़िया, श्रीमती निशा पींचा, श्रीमती वीनू नाहटा, श्रीमती विभा भारती, श्रीमती वर्षा बैद, श्रीमती प्रेम संचेती, श्री दिलीप डागा, श्री मदनलाल मरलेचा और साध्वी पावनी जी आदि।
लगभग दो घंटे तक चलने वाले इस राष्ट्रीय कवि सम्मेलन की सभी सहभागियों और श्रोताओं ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की। संयोजिका नीरज सुराणा ने बहुत ही सुन्दर ढंग से इस कार्यक्रम का काव्यमय संचालन किया। मंत्री अशोक मेड़तवाल के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।