कलांतर- 2021: राष्ट्रीय कला प्रतियोगिता में छात्रों के साथ कैदियों ने भी लिया भाग, विजेताओं को पुरस्कार प्रदान

बेंगलुरू (अमृता श्रीवास्तव की रिपोर्ट): कला के क्षेत्र में देश की अग्रणी सामाजिक संस्था कलांतर आर्ट ट्रस्ट की ओर से शहरी तथा आवास मामलों के मंत्रालय, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन तथा डीआरडीओ के सहयोग से कलांतर- 2021 तीन माह तक आयोजित किया गया। राष्ट्रीय कला के अंतिम भाग के विजेताओं की घोषणा के साथ समारोह भी धूमधाम से समापन हुआ। राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किये गये इस समारोह में विभिन्न आयु वर्ग के कला प्रेमियों के लिए पेंटिंग, लेखन, संगीत तथा अभिनय की प्रतियोगिताएं का आयोजन किया गया।

दो चरणों में प्रतियोगिता

कोोरना महामारी के इस समय में यह प्रतियोगिताएं पूरी तरह से ऑनलाइन रखी गयी। संगीत एवं अभिनय की प्रतियोगिताएं पहले चरण में संपन्न और पेंटिंग तथा लेखन प्रतियोगिताएं दूसरे चरण में रखी गई। इनमे प्रथम चरण में प्रतिभागी को अपनी रचना पटल के वेबसाइट पर सीधे अपलोड करना था। वहीं प्रतियोगिता के दूसरे चरण में ऑनलाइन कैमरे पर तत्काल दिए हुए विषय पर अपनी रचना लिखनी थी प्रतियोगिता का आयोजन सटीक और कसा हुआ रहा है।

स्कूलों के साथ जेल दर्ज करवाई

कलांतर 2021 कला समारोह में देशभर के चार हजार से अधिक स्कूलों ने अपनी प्रतिभागिता दर्ज करवाई। कलांतर समारोह की विशेषता यह रही कि इसमें स्कूलों के छात्र, आम नागरिकों के साथ देश के विभिन्न जेलों में बंद कैदियों ने भी भाग किया। जेल प्रशासन का प्रतियोगिता में भरपूर सहयोग मिला और वह प्रशसंनीय रहा है। स्मरणीय बात यह है कि इस प्रतियोगिता के अंतर्गत अलीगढ जेल से एक प्रतिभागी को लेखन के लिए और आंबेडकर नगर जेल के एक प्रतिभागी को अभिनय के लिए पुरस्कार प्राप्त हुए है। जेल के कैदियों को आम धारा से जोड़ने की इस कोशिश को एक सराहनीय कदम माना गया।

हर्ष की लहर

सभी प्रतियोगिता की हर श्रेणी में खूब जांच परख करने के बाद विजेताओं का चुनाव किया गया। हर प्रतियोगिता के लिए प्रथम, द्वितीय, तृतीय और सराहरना (सांत्वना) पुरस्कार की घोषणा की गयी। प्रतियोगिता भिन्न आयु वर्ग के बीच में विभाजित की गयी थी, जिससे हर आयु वर्ग को प्रतिभा प्रदर्शन का समुचित अवसर दिया गया।

कलांतर के कार्य और धन्यवाद

ध्यान योग्य बात यह है कि राष्ट्रीय स्तर की वार्षिक कला प्रतियोगिताएं के आयोजन के साथ साथ कलांतर आर्ट ट्रस्ट देशभर में आर्थिक रूप से दुर्बल आय वर्ग के लोगों के लिए निःशुल्क कला प्रशिक्षण के क्षेत्र में भी कार्यरत है। कलांतर के राष्ट्रीय अध्यक्ष विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि संस्था का उद्देश्य है कि आने वाली पीढ़ी के ह्रदय में आधुनिकता के साथ ही कला के प्रति प्रेम का समावेश हो जिससे वो अपने भीतर उपज रहे मानसिक विकारों को समाप्त कर सकें।

हरित क्रांति व श्वेत क्रांति के बाद अब कला क्रांति

उन्होंने बताया कि जिस प्रकार हरित क्रांति व श्वेत क्रांति से देश में वृहद् परिवर्तन आया है। उसी प्रकार कलांतर द्वारा आरम्भ की गयी कला क्रांति से भी एक दिन देश में वृहद् परिवर्तन आएगा। अंत में उन्होंने कलांतर की ओर से सभी विजेता प्रतिभागियों को बधाई देते हुए सभी प्रतिभागियों का और उनके सभी डिपार्टमेंट और स्पोंसर्स को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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