जम्मू-कश्मीर में पहली बार खदानों की बड़ी नीलामी, देश-विदेश की ये कंपनियां होगी मालामाल

नोट- 370 सेक्शन हटने के बाद लोगों में डर था कि जम्मू-कश्मीर जैसे सुंदर प्रदेश के साथ छेड़छाड़ की जाएगी! अब होने वाली यह नीलामी क्या यह संकेत दे रही है? अनुच्छेद 370 भारत के संविधान का एक प्रावधान था, जिसने जम्मू और कश्मीर को विशेष स्वायत्तता दी थी, जिसमें अपना संविधान और ध्वज शामिल था। इसे 5 अगस्त 2019 को निरस्त कर दिया गया, जिसके बाद जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख। इस निरस्त होने से, अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू और कश्मीर को प्राप्त विशेष दर्जे को समाप्त कर दिया गया और राज्य को भारत के बाकी हिस्सों के समान अधिकार दिए गए। हम सुधी पाठकों से इस पर विस्तार से लेख की अपेक्षा करते हैं। प्राप्त लेख तेलंगाना समाचार में प्रकाशित किये जाएंगे।

हैदराबाद/जम्मू-कश्मीर : जम्मू-कश्मीर में पहली बार 24 नवंबर को सात खदानों की नीलामी होगी। उम्मीद है कि इस नीलामी से देश का खजाना भरेगा। इस रकम से देश को 2047 का विकसित भारत बनाने में योगदान मिलेगा। जम्मू-कश्मीर की उमर अब्दुल्ला सरकार ने दुर्लभ खनिज पदार्थ चूना पत्थर की खदानों की नीलामी करने का फैसला किया है। इस नीलामी से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही जम्मू-कश्मीर के लघु उद्योग भी विकसित होंगे। साथ-साथ देश की भी आय होगी और जम्मू-कश्मीर का आर्थिक विकास भी होगा।

गौरतलब है कि हाई क्वालिटी वाले खनिज पदार्थ चूना पत्थर की नीलामी माइंस एंड मिनरल्स डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन एक्ट 1957 की धारा 11 की उपधारा (4) और (5) के तहत नीलामी हो रही है। वहीं यह नीलमी जम्मू-कश्मीर के इतिहास में खनन क्षेत्र में पहली और आज तक की सबसे बड़ी नीलामी होगी। नीलामी कार्यक्रम का नेतृत्व केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी किशन रेड्डी करेंगे। इस दौरान जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी भी मौजूद रहेंगे।

ज्ञातव्य है कि चूना पत्थर सीमेंट, निर्माण कार्य और अन्य औद्योगिक कार्यों में इस्तेमाल होता है। इसके लिए सात खदानों की नीलामी होनी है। यह नीलामी अनंतनाग, राजौरी और पुंछ जिलों की हैं। यह खदानें करीब 314 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई हैं। वहीं इन खदानों को G3 और G4 कैटेगरी में बांटा गया है। इनका मतलब है कि कुछ खदानों में चूना पत्थर होने की रेकी की गई है और कुछ खदानों में चूना पत्थर खोजने का काम जारी है। नीलामी पूरी तरह से ऑनलाइन होगी। इसकी निगरानी खुद मुख्यमंत्री करेंगे।

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आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर देश के सबसे बड़े और हाई क्वालिटी वाले चूना पत्थर भंडारों का इलाका है। चूना पत्थर में CaCO₃ (कैल्शियम कार्बोनेट) की 90 फीसदी से ज्यादा मात्रा है। यह सीमेंट बनाने में इस्तेमाल होती है। जम्मू-कश्मीर की खदानों से देश की कई बड़ी सीमेंट कंपनियों को चूना पत्थर मिलता है। पुलवामा की ख्रेव खदान से हांगकांग माइनिंग कंपनी को चूना पत्थर मिलता है। ख्रेव और रियासी खदानों से जेके सीमेंट, सीमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया को कच्चा मिलता है। इनके अलावा अल्ट्राटेक कंपनी भी यहीं से चूना पत्थर खरीदती है। जम्मू-कश्मीर में चूना पत्थर की सबसे बड़ी खदान पुलवामा की ख्रेव खदान है। इस ख्रेव को सीमेंट सिटी ऑफ कश्मीर भी कहते हैं। (एजेंसियां)

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