हैदराबाद: तेलंगाना सरकार (Telangana Government) ने स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) को भव्य रूप से मनाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR) ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के अवसर पर तेलंगाना में देशभक्ति की भावना जगाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाये।
इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने तेलंगाना में हर घर और हर सरकारी कार्यालय पर गर्व से राष्ट्रीय ध्वज फहराने का आह्वान किया। इसके लिए आवश्यक लगभग 1.20 करोड़ तिरंगे झंडों के उत्पादन की व्यवस्था करने के अधिकारियों को निर्देश दिये। गद्वाला, नारायणपेट, राजन्ना सिरिसिल्ला, पोचमपल्ली, भुवनगिरी, वरंगल और अन्य क्षेत्रों में हथकरघा और पॉवर हैंडलूमों कों राष्ट्रीय ध्वज बनाने का आदेश दें। स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय ध्वज और देशभक्ति अभियानों की छपाई का खर्च सरकार की ओर से वहन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और उनके संघर्ष के फल को वर्तमान पीढ़ी को समझना चाहिए और इसके लिए हर कोने पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ खेल और निबंध प्रतियोगिताओं सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाये।
केसीआ ने आगे कहा कि तेलंगाना में ‘भारतीय स्वतंत्रता वज्रोत्सव पखवाड़ा’ कार्यक्रम 15 दिनों के लिए आयोजित किये जाये। 15 अगस्त से सात दिन पहले और उसके बाद सात दिन स्वतंत्रता दिवस मनाये। मुख्यमंत्री ने ‘आजादी अमृत महोत्सव’ (75th Year of Independence Day of India) के 75 वर्ष पूरे होने पर प्रगति भवन में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की पीढ़ी को देश और तेलंगाना में स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों के बलिदान को समझने की जरूरत है। स्वतंत्र भारत ने 75 वर्षों में कई बड़ी-बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों और संविधान निर्माताओं ने भारत को अधिक गुणात्मक तरीके से बनाने का सपना देखा था। प्रत्येक नागरिक की यह जिम्मेदारी है कि वह उनमें निहित लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और संघवादी मूल्यों को बनाए रखे।
केसीआर ने कहा कि भारत विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं, धर्मों, रीति-रिवाजों और परंपराओं के साथ उच्चतम सार्वभौमिक मूल्यों के साथ विविधता में एकता बनाए रखता है। दुनिया के अन्य देशों की तुलना में इसकी एक अनूठी सांस्कृतिक जीवन शैली है। यह खेद की बाद है कि बदलते समय में बढ़ते तकनीकी काम के दबाव और आर्थिक जरूरतों के संदर्भ में अतीत में प्रचलित देशभक्ति आज के युवाओं में नहीं देखी जाती है।