सूत्रधार साहित्यिक संस्था का उद्घाटन समारोह, ‘आधा इश्क’ पुस्तक लोकार्पण एवं कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन

हैदराबाद (सरिता सुराणा की रिपोर्ट): सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, भारत हैदराबाद एवं केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, हैदराबाद केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को सूत्रधार संस्था का उद्घाटन समारोह, पुस्तक लोकार्पण एवं कवि सम्मेलन का आयोजन संस्थान के सभागार में किया गया। संस्थापिका सरिता सुराणा ने कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन किया और उन्हें मंच पर आमंत्रित किया। केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के निदेशक डॉ गंगाधर वानोडे ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ अहिल्या मिश्र मुख्य अतिथि और पुस्तक लोकार्पणकर्ता के रूप में और साहित्य मनीषी विद्वान प्रो ऋषभदेव शर्मा विशेष अतिथि के रूप में मंचासीन थे।

प्रख्यात भाषाकर्मी और से. नि. सहायक महाप्रबंधक, राजभाषा ई सिंडिकेट बैंक डॉ वी वेंकटेश्वर राव सम्माननीय अतिथि और वरिष्ठ प्रबंधक राजभाषा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के देवकांत पवार भी मंच पर विराजमान थे। कार्यक्रम संचालिका श्रीमती मंजुला दूसी ने संस्थापिका सरिता सुराणा और सचिव आर्या झा को मंच पर आमंत्रित किया। उद्घाटनकर्ता एवं मंचासीन अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की फोटो के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके माल्यार्पण किया गया। श्रीमती शुभ्रा मोहन्तो ने बहुत ही मधुर स्वर में सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की।

बैनर का उद्घाटन एवं स्वागत भाषण

तत्पश्चात् सरिता सुराणा, खुशबू और पराग सुराणा और मोनिका तुलस्यान द्वारा सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, भारत हैदराबाद के बैनर का विमोचन किया गया। विमोचन के पश्चात् श्रीमती शुभ्रा मोहन्तो, श्रीमती सस्मिता नायक और श्रीमती ऋचा चौधरी ने मिलकर स्वागत गीत प्रस्तुत किया। उसके बाद सरिता सुराणा ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए सभी मंचासीन और मंचाभिमुख अतिथियों का शब्द पुष्पों से स्वागत किया और संस्था की स्थापना से लेकर के विगत 3 वर्षों के ऑनलाइन कार्यक्रमों की संक्षिप्त जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि सूत्रधार मंच की स्थापना कोरोना काल के दौरान 31 मई सन् 2020 को की गई थी। तब से लेकर आज तक सभी कार्यक्रम ऑनलाइन ही आयोजित किए जा रहे थे। आज संस्था का जमीनी स्तर पर विधिवत उद्घाटन हुआ है।

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संस्था का उद्देश्य

इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय भाषाओं और संस्कृति को बढ़ावा देना, हिन्दी भाषा और साहित्य के विकास में योगदान देना और नवोदित लेखकों को एक मंच प्रदान करना है, जिससे वे स्थापित साहित्यकारों के साथ मिलकर आगे बढ़ सकें। सूत्रधार मंच पर समय-समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं और बच्चों की प्रतिभा को निखारने के लिए भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। मंच की स्थापना के 3 वर्ष पूर्ण होने पर संस्था द्वारा बहुभाषी कवि सम्मेलन, प्रवासी भारतीय कवयित्री सम्मेलन और अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का शानदार आयोजन किया गया।

अतिथियों का सम्मान और पुस्तक लोकार्पण

स्वागत भाषण के पश्चात् संस्था के सदस्यों द्वारा मंचासीन अतिथियों का शाॅल और मोती माला से सम्मान किया गया। डॉ आशा मिश्र ने लोकार्पण होने वाली कृति की बहुत ही सटीक समीक्षा और परिचय प्रस्तुत किया। तत्पश्चात् आर्या झा कृत कहानी संग्रह ‘आधा इश्क’ का लोकार्पण डॉ अहिल्या मिश्र और मंचासीन अतिथियों द्वारा किया गया। संस्था सदस्यों द्वारा संस्थापिका सरिता सुराणा और लेखिका आर्या झा का सम्मान किया गया। उसके बाद उन्होंने पुस्तक के बारे में अपनी बात रखी।

मुख्य अतिथि डॉ अहिल्या मिश्र ने सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था के उद्घाटन अवसर पर सरिता सुराणा को बधाई दी और आर्या झा की कहानियों के बारे में विस्तार से बात की। प्रो ऋषभदेव शर्मा ने अपने वक्तव्य में सूत्रधार संस्था के कार्यक्रमों की प्रशंसा करते हुए कहा कि संस्था साहित्यिक एवं सांस्कृतिक विविध तरह के कार्यक्रम आयोजित करती है, जिनमें देश और विदेश से ख्याति प्राप्त साहित्यकार शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि संस्था ने उस समय लोगों को जोड़ा जब हम सब घरों में कैद थे और साहित्यिक गतिविधियां बंद हो गई थी।

डॉ वी वेंकटेश्वर राव जी ने कहा कि सूत्रधार संस्था और सरिता जी से मेरा परिचय फेसबुक के माध्यम से हुआ और तबसे मैं संस्था के कार्यक्रमों से जुड़ा हुआ हूं। संस्था हिन्दी भाषा और साहित्य के लिए बहुत ही प्रशंसनीय कार्य कर रही है। देवकांत पवार ने कहा कि वे बैंक में राजभाषा अधिकारी के रूप में अनुवाद का कार्य करते हैं। आज यहां पर आमंत्रित करने के लिए संस्था के आभारी हैं।

अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ गंगाधर वानोडे ने सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था भारत, हैदराबाद के उद्घाटन के अवसर पर संस्थापिका सरिता सुराणा एवं समस्त सदस्यों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी और संस्था के कार्यक्रमों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। साथ ही साथ आर्या झा जी की पुस्तक के लोकार्पण हेतु उन्हें बधाई दी और ऐसे साहित्यिक आयोजनों और हिन्दी सेवी संस्थाओं के कार्यों की भी प्रशंसा की। अंशु सक्सेना ने प्रथम सत्र का धन्यवाद ज्ञापन किया। सत्र समाप्ति के बाद सभी ने दोपहर भोजन का आनन्द लिया।

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कवि सम्मेलन

द्वितीय सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। प्रोफेसर ऋषभदेव शर्मा ने इस सत्र की अध्यक्षता की। सत्र की संचालिका श्रीमती सुदेशना सामन्त ने अध्यक्ष एवं मुख्य अतिथि श्रीमती विनीता शर्मा, विशेष अतिथि सत्य प्रसन्न राव एवं सम्माननीय अतिथि रेनू शब्दमुखर को मंच पर आमंत्रित किया। प्रसिद्ध साहित्यकार रेनू शब्दमुखर जयपुर, राजस्थान से पधारी थीं। इसी तरह कोयम्बटूर से श्रीमती नीतू दाधीच व्यास अपने पतिदेव के साथ कार्यक्रम हेतु पधारीं। उन्होंने अपनी कविता से कवि सम्मेलन की शुरुआत की। तत्पश्चात् भावना पुरोहित, तृप्ति मिश्रा, किरन सिंह, देवकांत पवार, डॉ. राजीव सिंह, डॉ. संगीता जी शर्मा, श्रीमती भगवती अग्रवाल, बिनोद गिरि अनोखा, सुहास भटनागर, मंजुला दूसी, अंशु सक्सेना, डॉ. स्वाति गुप्ता, सरिता सुराणा और सुदेशना सामन्त ने अलग-अलग विषयों से सम्बन्धित रचनाओं का पाठ किया।

नांदेड़ से पधारे दयाशंकर ने बहुत ही भावपूर्ण रचना का वाचन किया। तत्पश्चात् श्रीमती विनीता शर्मा ने बहुत सुन्दर भावपूर्ण गीत प्रस्तुत किया। सत्य प्रसन्न राव ने बहुत ही सुन्दर दोहे, ग़ज़ल और नवगीत प्रस्तुत करके कवि सम्मेलन को ऊंचाईयों तक पहुंचाया। रेनू शब्दमुखर ने अपने अंदाज में अपनी रचनाओं की प्रस्तुति दी और अपनी संस्था के बारे में जानकारी दी। अध्यक्षीय टिप्पणी देते हुए प्रो. ऋषभदेव शर्मा ने एक-एक रचनाकार की रचना पर अपनी समीक्षात्मक टिप्पणी प्रस्तुत की और बाद में अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। उनकी रचनाएं सुनकर दर्शक गण भाव विभोर हो गए और करतल ध्वनि से उनका अभिनन्दन किया। परम्परा से हटकर कार्यक्रम के अन्त में प्रो ऋषभदेव शर्मा, श्रीमती विनीता शर्मा, सत्य प्रसन्न राव और रेनू शब्दमुखर का संस्था के सदस्यों द्वारा शाॅल और मोती माला से सम्मान किया गया।

स्वतंत्रता सेनानी पण्डित गंगाराम स्मारक मंच के चेयरमैन भक्तरामजी और तेलंगाना समाचार के सम्पादक वरिष्ठ पत्रकार के राजन्ना भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। संस्था द्वारा शॉल और मोती माला से उनका सम्मान किया गया। कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रत्येक कवि एवं कवयित्री का मोती माला और कलम द्वारा सम्मान किया गया। कार्यक्रम में आलोक कुमार सक्सेना, मयूर पुरोहित, मिथिलेश कुमार झा और श्रीमती सरिता झा, सिद्धार्थ व्यास, सुमन दुधोड़िया और मनोज दुधोड़िया, श्रीमती आर्या दास की गरिमामय उपस्थिति रही। सुहास भटनागर ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

अन्त में सरिता सुराणा ने केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के निदेशक डॉ गंगाधर वानोडे एवं उपस्थित सभी कर्मचारियों का, सभी सम्मानित साहित्यकारों और संस्था सदस्यों का हार्दिक आभार व्यक्त किया। अपने दोनों बच्चों- खुशबू और पराग सुराणा और मानस पुत्री मोनिका तुलस्यान का हार्दिक आभार व्यक्त किया, जिनके अथक परिश्रम और सहयोग से यह कार्यक्रम सफल हुआ। उन्होंने कार्यक्रम के मीडिया पार्टनर डेली शुभ लाभ के प्रधान सम्पादक गोपाल जी अग्रवाल का, सिटी विजन हिन्दी के विजय कुमार और श्रीकांत का, राज न्यूज़, ईटीवी, एवीबीपी और जन्म साक्षी तेलुगु चैनल के प्रतिनिधियों का हार्दिक आभार व्यक्त किया, जो कार्यक्रम की कवरेज के लिए पधारे थे। उन सभी का संस्था द्वारा कलम और मोती माला से सम्मान किया गया। इस तरह यह शानदार कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

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