हैदराबाद: नगर के पत्रकारों को सुप्रीम कोर्ट में राहत मिली है। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमणा ने पत्रकारों के लिए आवास आवंटन और निर्माण के लिए हरी झंडी दी है। पत्रकारों, नौकरशाहों और जनप्रतिनिधियों के लिए आवास के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।
चीफ जस्टिस एनवी रमणा ने कहा कि पत्रकारों के मामलों को नौकरशाहों और जनप्रतिनिधियों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने याद दिलाया कि सरकार ने पत्रकारों को 12 साल पहले जगह आवंटित की थी। एक छोटे पत्रकार को परेशान क्यों किया चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह 8,000 से 50,000 के वेतन पाने वाले लगभग 8,000 पत्रकारों के अनुरोध पर विचार कर रहा है। CJI ने कहा कि पत्रकारों को जमीन आवंटित की गई, लेकिन विकसित नहीं की गई। उन्होंने कहा कि जगह के विकास के लिए 1.33 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम उन्हें पत्रकारों की जगह लेने की इजाजत दे रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उनके स्थान पर निर्माण करने की भी अनुमति दी है। CJI ने सुझाव दिया कि IAS, IPS और MP से संबंधित शेष मामलों को दूसरी पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाये।
इसी क्रम में प्रेस अकादमी के चेयरमैन अल्लम नारायण ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रसन्नता व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को न्याय मिला है।