इंदौर (मप्र): हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार द्वारा सतत स्पर्धाओं की श्रंखला जारी है। इसी कड़ी में ‘पावन सावन-मन का आँगन’ विषय पर 70वीं स्पर्धा आयोजित कराई गई। इसमें सुंदर रचनाएं लिखकर प्रथम विजेता बनने का सौभाग्य संजय वर्मा ‘दृष्टि’ व डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ ने पाया है।
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मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन और संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने परिणाम जारी करते हुए यह जानकारी दी। आपने बताया कि प्राप्त प्रविष्टियों में से श्रेष्ठता अनुरुप निर्णायक मंडल ने गद्य में ‘मनोहारी पावन सावनी मन और अंगना’ आलेख हेतु ‘श्रेया’ (झारखंड) को प्रथम स्थान दिया है तो ‘आया पावन सावन’ पर डॉ. अनुज प्रभात (बिहार) को द्वितीय स्थान मिला है। इसी प्रकार पद्य में पहले क्रम पर संजय वर्मा ‘दॄष्टि’ (मप्र) की रचना ‘झूले झूलती है बेटियाँ’ रही है।
मंच की संयोजक प्रो. डॉ. सोनाली सिंह, मार्गदर्शक डॉ. एम. एल. गुप्ता ‘आदित्य’, सरंक्षक डॉ. अशोक जी (बिहार), परामर्शदाता डॉ. पुनीत द्विवेदी (मप्र), विशिष्ट सहयोगी एच. एस. चाहिल व प्रचार प्रमुख श्रीमती ममता तिवारी ‘ममता’ (छग) ने सभी विजेताओं व सहभागियों को हार्दिक बधाई दी है।
श्रीमती जैन ने बताया कि हिंदी साहित्य अकादमी (मप्र) से अभा नारद मुनि पुरस्कार-सम्मान एवं 1 राष्ट्रीय कीर्तिमान प्राप्त 1.52 करोड़ दर्शकों-पाठकों के अपार स्नेह और 8 सम्मान पाने वाले इस मंच द्वारा आयोजित उक्त स्पर्धा में पद्य वर्ग में ही दूसरे स्थान हेतु ‘सखी रे सावन पावन लागे’ रचना के लिए श्री पाण्डेय (उप्र) को एवं ‘झड़ी लगी जो सावन की’ पर आशा आजाद को तृतीय स्थान हेतु विजेता चयनित किया गया है।