गुजरात केबल ब्रिज हादसा: अब तक निकाली गईं 60 लाशें, 100 से अधिक लापता, 4 लाख मुआवजे की घोषणा और…

हैदराबाद: गुजरात के मोरबी में रविवार शाम को एक बड़ा दर्दनाक हादसा हुआ है। यहां पर एक केबल ब्रिज पुल टूट जाने से दर्जनों लोगों की मौत हो गई है। अब तक 60 से ज्यादा लाशें नदी से निकाली जा चुकी हैं। मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। अभी भी 100 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे है। दर्जनों लोगों को अब तक अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है। यह केबल पुल मच्छु नदी पर बना है। हादसे को लेकर गुजरात सरकार ने SIT जांच के आदेश दिए हैं। वहीं मोरबी जिला प्रशासन ने हेल्पलाइ नंबर- 02822 243300 जारी किया है।

बताया जा रहा है कि घटना के समय पुल के ऊपर छठ पूजा मनाने 400-500 श्रद्धालु मौजूद थे। घटना के बाद मौके पर हड़कंप मच गया। पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंची हैं। राहत कार्य शुरू कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि पुल जर्जर हो चुका था। पांच दिन पहले ही इसे फिर से मरम्मत के बाद लोगों के लिए खोला गया था।

गुजरात मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से जानकारी दी गई है कि भारतीय नौसेना के 50 कर्मियों के साथ NDRF के 3 दस्तें, भारतीय वायुसेना के 30 जवानों के साथ बचाव और राहत अभियान के लिए सेना के 2 कॉलम और फायर ब्रिगेड की 7 टीमें राजकोट, जामनगर, दीव और सुरेंद्रनगर से उन्नत उपकरणों के साथ मोरबी के लिए रवाना हुई हैं। वहीं SDRF की 3 और राज्य रिजर्व पुलिस के 2 दस्तें भी बचाव और राहत कार्यों के लिए मोरबी पहुंच रही हैं। इलाज के लिए राजकोट सिविल अस्पताल में एक आइसोलेशन वार्ड भी बनाया गया है।

रक्षा अधिकारी ने बताया कि एनडीआरएफ टीम के साथ वायुसेना का विमान राहत कार्यों के लिए रवाना हो गया है। एक घंटे में दूसरा विमान भेजा जाएगा। जामनगर और आसपास के अन्य स्थानों में बचाव कार्यों के लिए हेलीकाप्टरों को तैयार रखा गया है। भुज और अन्य स्थानों गरुड़ कमांडो को मोरबी के लिए भेजा गया है।

गुजरात के मोरबी की मच्छु नदी पर बना यह ब्रिज काफी पुराना है। मोरबी के इस ऐतिहासिक ब्रिज का निर्माण महाराजा वाघजी ठाकोर ने 1887 में कराया था। इस पुल की कुल लंबाई 765 फुट और चौड़ाई साढ़े चार फुट की है। ऐसा कहा जाता है कि महाराजा महल से राज दरबार जाने के लिए इस पुल का इस्तेमाल करते थे। तीन दिन पहले खुला यह ब्रिज पिछले सात महीने से रेनोवेशन के लिए बंद था। दीवाली की छुट्टी के चलते इस पर बड़ी संख्या लोग घूमने पहुंचे थे।

घटना स्थल पर पहुंचे बीजेपी सांसद मोहनभाई कल्याणजी कुंदरियापानी ने बताया कि नदी के पानी को बाहर निकालने के लिए पंप मंगाया गया है। पानी निकाला जा रहा है। लेकिन नदी में बहुत ज्यादा पानी आ रहा है, जिसके चलते परेशानी आ रही है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार काम कर रही हैं। अंधेरा होने के चलते राहत कार्य में परेशानी आ रही है।

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खबर है कि पुल की मरम्मत के लिए दो करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। अगले 15 साल के लिए ओरेवा ट्रस्ट को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसमें रखरखाव का खर्च शामिल था। विशेषज्ञों ने पुल की मरम्मत के लिए भी विशेष सामग्री मंगवाकर यह काम किया था।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुजरात के मोरबी में हुए हादसे पर दुख जताया है। राष्ट्रपति ने कहा कि इस हादसे ने मुझे चिंतित कर दिया है। मेरी संवेदनाएं प्रभावित लोगों के साथ हैं।

घटना के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ट्वीट किया, ‘मोरबी में सस्पेंशन ब्रिज गिरने की त्रासदी से मुझे गहरा दुख हुआ है। राहत और बचाव कार्य जारी है। घायलों के तत्काल उपचार की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। मैं इस संबंध में जिला प्रशासन के लगातार संपर्क में हूं।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं त्रासदी में जान गंवाने वाले नागरिकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। राज्य सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 4 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।

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