गहरी नींद में सो रहे व्यक्ति को उठाया जा सकता, मगर नाटक करने वाले को नहीं : राज्यपाल तमिलिसाई

[कुछ समय से तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के बीच गैप आ गया है। इसे राज भवन और प्रगति भवन के बीच दूरी भी कहा जा रहा है। हाल ही में राज्यपाल दिल्ली गई और मीडिया को संबोधित किया। उसका संक्षिप्त सारांश दिया गया है। राज्यपाल के संबोधन में संदेश है। प्रेरणा है। सुझाव है। गरिमा है। और बहुत कुछ है। पाठकों से आग्रह है कि आप राज भवन और प्रगति भवन की दूरी (गैप) को कैसे देखते और सोचते हैं। अपने विचार लिख भेज सकते हैं। ‘तेलंगाना समाचार’ में प्रकाशित किया जाएगा। पाठक अपने फोटो के साथ अपने विचार telanganasamachar1@gmail.com पर भेज सकते हैं]

हैदराबाद: इस समय तेलंगाना में राज्यपाल तमिलिसाई और मुख्यमंत्री केसीआर के बीच गैप को लेकर गंभीर चर्चा जारी है। मुख्यमंत्री केसीआर ने इस गैप के बारे में राज्यपाल के खिलाफ अब तक कोई गंभीर टिप्पणी नहीं की है। वैसे राज्यपाल तमिलिसाई ने भी प्रत्यक्ष रूप से सीएम केसीआर के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की है। मगर कभी-कभी अन्य मंत्री और टीआरएस के नेता इस गैप विवाद को लेकर बयान दे रहे है। राज्यपाल भी संविधान के दायरे में रहकर अपना पक्ष्य नि:संकोच रख रही है।

राज भवन और मुख्यमंत्री कार्यालय का सभी को सम्मान करना चाहिए

इसी क्रम में सोमवार को राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन केंद्रीय मंत्री जितेंदर सिंह के बेटे के विवाह समारोह में भाग लेने के लिए दिल्ली गई थी। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, “तमिलिसाई सौंदरराजन और के चंद्रशेखर राव आते और जाते हैं। मगर राज भवन कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय का सभी को सम्मान करना चाहिए। इतना ही नहीं गांव का सरपंच कार्यालय हो या राज भवन हो एक ही है।”

गहरी नींद में सो रहे व्यक्ति को उठाया जा सकता मगर नाटक करने वाले को नहीं

राज्यपाल ने प्रोटोकाल को लेकर उठे और उठाये गये सवाल के जवाब में कहा कि एक गहरी नींद में सो रहे व्यक्ति को उठाया जा सकता है। मगर नींद की नाटक करने वाले को वालों को कभी नहीं उठाया जा सकता है। साथ ही सवाल किया, “यदि लोगों की समस्याएं मंत्री, विधायक और नेता सुनते और हल करते तो लोग राज भवन क्यों आते? मैं लोगों की समस्याओं का हल कर रही हूं, तो इसमें गलत क्या है? लोगों से मिले तो गलत मतलब कैसे निकालते है? मैं किसी भी पद पर रहूं या न रहूं लोगों की सेवा करना मेरा लक्ष्य है।”

बिना छुट्टी लिए काम कर रही हूं

राज्यपाल तमिलिसाई ने कहा कि वह साल में एक भी दिन की छुट्टी लिए बिना राज्य के लोगों के लिए काम कर रही हैं। मैं केवल तीन दिन की छुट्टी ली जब मेरी मां का निधन हो गया था। आप चाहें तो मेरा ट्विटर अकाउंट चेक कर सकते हैं। तमिलिसाई ने कहा, “अगर पत्थर मेरे सिर को लगे और खून भी निकल आये तो भी मैं पीछे मुड़कर नहीं देखूंगी और मैं काम करने से पीछे नहीं हटूंगी। उन दायित्वों को पूरा करूंगी जिसे पूरा करने की आवश्यकता है।” उन्होंने कहा कि राज्यपाल की हैसियत से वह हर महीने राज्य के ताजा मुद्दों पर केंद्र को रिपोर्ट भेजती है। इस रिपोर्ट में सभी मुद्दों को शामिल किया जाता है। प्रोटोकाल उल्लंघन करने वाले आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ केंद्र सरकार फैसला लेगी।

राज्यपाल की हैसियत रिपोर्ट भेजते हैं

उन्होंने कहा कि अनाज खरीद में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच के अनुरोध पर विचार किया जा रहा है। फाइल संबंधित विभाग/संस्था को भेजी गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एक राज्यपाल के रूप में अगर किसी विषय पर कोई शिकायत मिलती है तो उस पर जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्यपाल की हैसियत से ही अनाज खरीद के मुद्दे के बारे में केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजा है।

भद्राद्री कोत्तागुडेम दौरे में सुरक्षा भी जरूरी

राज्यपाल ने याद किया कि उगादि के दिन और महिला दिवस पर प्रोटोकॉल पर खुलकर बात की है। उन्होंने कहा कि हाल ही में सड़क मार्ग से भद्राद्री कोत्तागुडेम की यात्रा की है। हालांकि तेलंगाना सरकार ने दौरे के लिए कोई प्रोटोकॉल का इंतजाम नहीं किया। राज्यपाल ने कहा कि यह एरिया पूरी तरह से नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। यह दौरा केवल प्रोटोकॉल से जुड़ा नहीं है। सुरक्षा भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने उन खबरों पर टिप्पणी करने से इनकार किया कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की दौड़ में है। “मैं इस मामले पर टिप्पणी नहीं करना चाहती हूं। मैं हमेशा यही सोचता रहती हूं कि लोग और देश के लिए क्या किया जाये।”

राजभवन के आमंत्रणों को राजनीतिक नजरिए से न देखें

राज्यपाल तमिलसाई ने कहा कि राजभवन के निमंत्रण को राजनीतिक नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। राज्यपाल ने उगादि समारोह में मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों की अनुपस्थिति का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में राज्यपाल के साथ मतभेदों के बावजूद राजभवन का सम्मान करते है। मेरी पहचान नहीं किये जाने और प्रोटोकॉल नहीं दिये जाने पर भी मैं राज्यपाल के हैसियत से सीएम केसीआर और अन्य मंत्रियों के जन्मदिन पर बधाई भेज संदेश भेजती हूं।

भाजपा व्यक्ति कैसे कहते?

राज्यपाल ने तमिलसाई से कहा, “यह मान लेना ठीक नहीं है कि लोगों द्वारा चुना गया व्यक्ति ही श्रेष्ठ है। केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किये जाने वाले राज्यपाल कौन है?” केंद्र सरकार हर किसी को राज्यपाल नियुक्त नहीं करती है। राज्यपाल पद के लिए कई योग्यताओं पर गौर किया जाता है। वह एक महान राजनीतिक परिवार से आई हैं। एक डॉक्टर के रूप में सार्वजनिक सेवा काम किया है। अब संवैधानिक पद पर काम कर रही हूं। उन्होंने कहा, “हां, यह सच है कि मैंने भाजपा में अतीत में कार्य किया है। लेकिन अब मैं संवैधानिक की राज्यपाल पद पर हूं। राज्यपाल ने सवाल किया कि कल तक कांग्रेस में रह चुके व्यक्ति को टीआरएस शामिल कर लेते है। बाद में एमएलसी बनाते है। क्या वह व्यक्ति अब कांग्रेस का एजेंट नहीं है? ऐसे समय में राज्यपाल को बीजेपी का व्यक्ति कैसे कहते है?” उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति को या एक कार्यालय को अपमानित करना ठीक नहीं है।

लड़ाई विपक्ष के साथ होनी चाहिए

राज्यपाल ने कहा कि लड़ाई विपक्ष के साथ होनी चाहिए। राज्यपाल से नहीं। केंद्र के साथ संबंध ठीक नहीं मानकर राज्यपाल को केंद्र सरकार का आदमी माना जाना उचित नहीं है। अगर ऐसी कोई बात है तो इस बारे में वह कुछ नहीं कर सकती है। हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि यह कोई बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि राजभवन और प्रगति भवन के बीच की दूरी (गैप) पर केंद्र सरकार ध्यान नहीं देने को लेकर जो खबरें आ रही है वह केवल अटकलबाजी मात्र है।

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