तेलंगाना के लिए 17 सितंबर खास है। इस दिन को तेलंगाना में तीन राजनीति दल तीन प्रकार से मनाते हैं। यह तीन दलों की अपनी वोटों की राजनीति है। इस बार 17 सितंबर एक और उपलब्धि हासिल करने जा रही है। वह यह है कि कादंबिनी क्लब की संस्थापक अध्यक्ष और साहित्य पुत्री डॉ अहिल्या मिश्र जी का अभिनंदन समारोह यानी जन्म दिवस है। कार्यक्रम के आयोजकों ने पूरे दिन भर चलने वाले इस कार्यक्रम की सभी प्रकार की तैयारी कर ली है।
इस संदर्भ में डॉ अहिल्या मिश्र जी ने ‘तेलंगाना समाचार’ को बताया- “17 सितंबर को होने वाला कार्यक्रम मेरे लिए इतने दिनों से की गई मेहनत की पूंजी है। इसका वर्णन शब्दों से नहीं कर सकती हूं। इस समय मुझे बहुत खुशी हो रही है। इस दौरान पुस्तकों का लोकार्पण है। कार्यक्रम के स्थानीय साहित्यकारों के अलावा देश भर के साहित्य प्रेमी और परिजन भी बड़ी संख्या में भाग ले रहे हैं।” यह साहित्य पुत्री जितनी खुशी से हमसे बात कर रही थी उसका वर्णन करने के लिए हमारे पास भी शब्द नहीं है। वह बहुत खुश है। भविष्य में भी ऐसी ही खुश रहे ऐसी हमारी अपेक्षा है।
आपको बता दें कि कादम्बिनी क्लब हैदराबाद, ऑथर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया (हैदराबाद चैप्टर), एवं साहित्य गरिमा पुरस्कार समिति के संयुक्त तत्वावधान में 17 सितंबर को क्लब अध्यक्ष डॉ अहिल्या मिश्र के 75वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मदनबाई क़ीमती सभागार (महिला नवजीवन मंडल प्रांगण, रामकोट) में प्रातः 10 बजे से अमृत महोत्सव एवं अभिनंदन समारोह का आयोजन किया जाएगा।
कार्यक्रम संयोजक मीना मुथा, डॉ रमा द्विवेदी एवं देवा प्रसाद मायला ने बताया कि कादम्बिनी क्लब की साहित्यिक यात्रा 30वें वर्ष में गतिमान है। डॉ अहिल्या मिश्र के 75वें जन्मदिवस को साहित्यिक संस्थाओं के तत्वावधान में सभी साहित्यकार एकत्रित होकर उन्हें बधाई देंगे। इस विशेष अवसर पर संस्थाओं ने डॉ अहिल्या मिश्र पर केंद्रित अभिनंदन ग्रंथ (संपादक प्रवीण प्रणव और डॉ आशा मिश्रा ‘मुक्ता’) के साथ 7 पुस्तकों का लोकार्पण करने का फ़ैसला लिया है।
यह समारोह 2 सत्रों में संपन्न होगा। प्रथम सत्र में कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉक्टर शिव शंकर अवस्थी (महासचिव, ऑथर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया, नई दिल्ली) करेंगे। मुख्य अतिथि प्रो. एम रामचंद्रन होंगे। विशेष अतिथि के तौर पर डॉ गंगाधर वानोडे, समाज सेवी अमृत कुमार जैन व पुस्तक लोकार्पण कर्ता प्रो. ऋषभदेव शर्मा मंचासीन होंगे।
प्रथम सत्र में बट वृक्ष की छाँव (अभिनंदन ग्रंथ), तेलंगाना प्रदेश में हिंदी की स्थिति (डॉ अहिल्या मिश्र) और पुष्पक साहित्यिकी का लोकार्पण होगा। इन पुस्तकों पर बातें क्रमशः प्रो. ऋषभदेव शर्मा, डॉ सुषमा देवी और डॉ सुरभी दत्त करेंगी। सत्र का संचालन शिल्पी भटनागर करेंगी। शुभ्रा महंतो इस अवसर पर गीतों की सुमधुर प्रस्तुति देंगी।
दूसरे सत्र में डॉ पी मणिक्याम्बा सत्र की अध्यक्षता करेंगी। मुख्य अतिथि डॉ उषा रानी राव बेंगलुरु, विशेष अतिथि के रूप में वेणुगोपाल भट्टड व डॉ मोहन गुप्ता एवं पुस्तक लोकार्पण कर्ता के रूप में प्रो शुभदा वांजपे मंच पर उपस्थित होंगे। इस सत्र में ‘साँझ अभी शेष है’ (सं डॉ उषा रानी राव), ‘मुक्ता की परख’ (सं प्रवीण प्रणव, अवधेश कुमार सिन्हा), ‘वैचारिक समालोचन’ और ‘मैं मंज़िल का पथिक अकेला’ पुस्तकों का लोकार्पण होगा और इन पुस्तकों के संबंध में क्रमशः डॉ उषा रानी राव, डॉ सुपर्णा मुखर्जी, राशि सिन्हा और डॉ संगीता शर्मा अपने विचार रखेंगी। द्वितीय सत्र का संचालन मोहिनी गुप्ता करेंगी। तत्पश्चात रवि वैद के संचालन में कवि सम्मेलन सत्र का आरंभ होगा।
प्रस्तुत आयोजन हेतु विभिन्न व्यवस्थाओं को क्लब के सदस्यों में विभाजित किया गया। भावना पुरोहित, आर्या झा तृप्ति मिश्रा, जी परमेश्वर, दीपा कृष्णदीप, पुरुषोत्तम कड़ेल, सीताराम माने, विनोदगिरी अनोखा, भगवती अग्रवाल, सरिता सुराणा आदि को विभिन्न कार्यभार सौंपा गया। सभी साहित्य सृजनकार और साहित्य प्रेमियों से इस अविस्मरणीय कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अनुरोध किया गया। मंच व्यवस्था, स्वागत समिति, लोकार्पण व्यवस्था, भोजन व्यवस्था, ग्रंथ वितरण व्यवस्था आदि समितियां बनायी गई। आयोजकों ने सभी कवि, साहित्यकार, लेखक और पत्रकारों से बड़ी संख्या में भाग लेने का आग्रह किया है।