हैदराबाद: बिजली संस्थाओं (कंपनी) की ओर से की जा आपूर्ति और हर महीने वसूल किये जाने वाले बिजली बिलों में दर्ज होने वाली यूनिट में बड़ा अंतर है। तेलंगाना में हरदिन लाखों यूनिट की बिजली चोरी (गायब हो) रही है। बिजली संस्थाओं की एनर्जी ऑडिट से पता चला है कि हैदराबाद के पुराने शहर आसमनगढ़ संभाग और चारमीनार संभाग के बाद गज्वेल और सिद्दीपेट में सबसे अधिक बिजली (गायब) चोरी हो रही है।
मीटरों के साथ छेड़छाड़ और अवैध कनेक्शन
आसमनगढ़ संभाग में 39 फीसदी, चारमीनार संभाग में 38 फीसदी, गज्वेल में 35.5 फीसदी, बेगमबाजार में 35 फीसदी, सिद्दीपेट में 32.31 फीसदी और मेहदीपट्टनम में 22 फीसदी बिजली नुकसान (चोरी) होने का पता चला है। हालांकि इनमें से कुछ बिजली को तकनीकी क्षति के रूप में निकाले जाने पर भी बाकि किधर जा रही है इस पर अधिकारी ध्यान केंद्रीत कर रहे है। कहा जा रहा है कि हैदराबाद के कई हिस्सों में मीटरों के साथ छेड़छाड़ और अवैध कनेक्शन के कारण बिजली का नुकसान हो रहा है।
ग्रेटर हैदराबाद में 50 लाख यूनिट गायब
अकेले ग्रेटर हैदराबाद में रोजाना 50 लाख यूनिट बिजली की चोरी (नुकसान) होने का खुलासा हुआ है। ग्रेटर में हर दिन 56 मिलियन यूनिट बिजली की आपूर्ति की जा रही है। बिलिंग हिसाब में 51 मिलियन यूनिट आ रही है। 5 मिलियन यूनिट यानी 50 लाख यूनिट बिजली हिसाब में नहीं आ रही है।
खुलासा
पिछले साल जुलाई, अगस्त और सितंबर के तीन महीनों की ‘त्रैमासिक ऊर्जा लेखा परीक्षा’ में यह खुलासा हुआ है। बिजली ऑडिट रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्रेटर हैदराबाद में हर महीने 100 करोड़ रुपये की दर से हर साल 1,200 करोड़ रुपये की बिजली चोरी हो रही है। पता चला है कि घरेलू बिजली कनेक्शन लेकर व्यावसायिक के लिए उपयोग करना, मीटरों के साथ छेड़छाड़ करना और अवैध कनेक्शन के कारण बिजली नुकसान (लास) हो रही है।
15 महीनों से शून्य बिलिंग
हर पचास बिजली कनेक्शनों में से एक अवैध कनेक्शन होने का खुलासा हुआ है। आरोप हैं कि अवैध कनेक्शनों के मामले में बिजली कर्मचारी देखकर भी अनजान रह रहे हैं। हाल ही में मानिकोंडा चित्रपुरी कॉलोनी में बड़े-बड़े भवनों के निर्माण के लिए बिजली का उपयोग करने पर भी 15 महीनों से शून्य बिलिंग आई है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बिजली कैसी और कौन चोरी कर रहे हैं।