हैदराबाद : तुर्की और सीरिया में आए भूकंप ने भयानक तबाही मचाई है। तुर्की में पिछले 20 साल में आया यह सबसे भयावह भूकंप है। शनिवार को तुर्की-सीरिया मरने वालों की संख्या 24,000 पार हो गई। हालांकि, बारिश और ठंड के चलते राहत- बचाव अभियान में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
तुर्की में भारतीय राजदूत वीरेंद्र पॉल ने बताया कि तुर्की में 3000 भारतीय हैं। बहुत से भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में नहीं हैं, कई बाहर चले गए हैं। हम उनके संपर्क में हैं। हमें अभी तक किसी भारतीय के फंसे होने की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि पांच C-17 विमान पहले ही आ चुके हैं। हम खोज, बचाव कार्यों और मेडिकल रिलीफ पर फोकस कर रहे हैं। 101 NDRF टीम के सदस्य गाज़ियांटेप में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं।” इसी क्रम में भारतीय राजदूत ने कहा कि हाटे प्रांत में भारतीय सेना द्वारा एक फील्ड अस्पताल स्थापित किया गया है। तीस बिस्तरों वाले अस्पताल की स्थापना के लिए दो C-17 विमान मेडिकल टीम लेकर पहुंची है।
तुर्की में सोमवार को 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। इस भूकंप के बाद भी कई हल्के झटके महसूस किए गए। जैसे-जैसे मलबे के ढेर हटाए जा रहे हैं उनके नीचे से लाशें निकल रही हैं। वहीं मौसम के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त (UNHCR) के मुताबिक, सीरिया और तुर्की में आए भूकंप से सीरिया में कम से कम 5.3 मिलियन लोग बेघर हो गए हैं। भूकंप के बाद दोनों देशों में कम से कम 8,70,000 लोगों को भोजन की तुरंत आवश्यकता है।
इसी क्रम में तुर्की के राष्ट्रपति राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन और सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद ने भूकंप प्रभावित इलाकों का दौरा किया है। एर्दोगन ने माना कि सोमवार को आए भूकंप के बाद सरकार को जिस तेजी से राहत कार्य चलाना था, उतनी तेजी से काम हो नहीं पाया। तुर्की में कई देशों की ठीम राहत-बचाव कार्य के लिए पहुंची है। भारत की ओर से राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीम भी पहुंची है जो दिन-रात कड़ी मेहनत कर रही है। तुर्की और सीरिया की मदद के लिए भारत ने ‘ऑपरेशन दोस्त’ अभियान चलाया है। भारत से NDRF की तीन टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए तुर्की पहुंची हैं।
राहत-बचाव अभियान के बीच पूरे तुर्की के रेस्टोरेंट मालिकों ने शुक्रवार को आपदा से बचे लोगों को कबाब, चावल और भोजन परोसने के लिए सोमवार के विनाशकारी भूकंप से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक हैटे की यात्रा की। खबरें आ रही है कि तुर्की में आए शक्तिशाली भूकंप के कारण यह देश 10 फीट खिसक गया है। तुर्की में आए भूकंप की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि टेक्टोनिक प्लेट खिसक गईं। डरहम यूनिवर्सिटी के स्ट्रक्चरल जियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. बॉब होल्डवर्थ का कहना है कि अगर भूकंप 6.5 से 6.9 की तीव्रता से आता है तो जमीन एक मीटर तक खिसक जाती है। वहीं, इससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने के कारण जमीन इससे भी ज्यादा खिसक सकती है। (एजेंसियां)