कवि, साहित्यकार. चिकित्सक एवं समाजसेवी डॉ अशोक पाण्डेय ‘गुलशन’ को साहित्यिक सेवाओं के लिए 763 तथा सामाजिक सेवाओं हेतु 1708 सम्मान, पुरस्कार, उपाधियाँ, प्रशस्ति-प्रमाण पत्र प्रदान किये गये हैं। डॉ गुलशन को विश्व के 39 देशों की विभिन्न संस्थाओं द्वारा प्रदत्त साहित्यिक सम्मानों में पांच देशों से पांच डॉक्टर ऑफ़ लिटरेचर तथा 18 देशों से 25 ऑनरेरी डॉक्टरेट, पांच देशों से 10 अंतर्राष्ट्रीय सम्मान एवं भारत के छह प्रान्तों से 12 राष्ट्रीय सम्मानोपाधियाँ प्रमुख हैं।
ग़ज़ल, मुक्तक, शेर, कविता, कहानी,गीत, दोहा तथा पटकथा की विधा में उनकी 26 पुस्तकें प्रकाशित तथा 11 पुस्तकें उनके द्वारा सम्पादित हैं। हिन्दी तथा अवधी भाषा के लेखक डॉ गुलशन की तीन हजार से अधिक रचनायें छह देशों सहित भारत के 22 प्रान्तों तथा उप्र के 56 जनपदों से प्रकाशित 1217 नाम के समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, संकलनों तथा शोध ग्रन्थों में प्रकाशित हैं। डॉ गुलशन द्वारा रचित आरती तथा चालीसा को प्रख्यात गायिका पद्मश्री डॉ सोमा घोष सहित आकाशवाणी के गायक गायिकाओं ने स्वरबद्ध किया है।
लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड में नाम दर्ज कराने वाले डॉ गुलशन के नाम सबसे बड़ी ग़ज़ल, सबसे लम्बी गजल, अद्वितीय ग़ज़ल, सबसे छोटी गजल, दोहा गजल, मुहावरा गजल, बड़ा/लम्बा/अद्वितीय गीत, एक वर्ष में सबसे अधिक साहित्यिक सम्मान प्राप्त करने तथा अधिकतम साहित्यिक सम्मान प्राप्त करने, अधिकतम संख्या में ऑनरेरी डॉक्टरेट प्राप्त करने तथा भारतीय डाक से देश-विदेश से सर्वाधिक हिन्दी अख़बारों के संग्रहकर्ता सहित 56 विश्व/अंतर्राष्ट्रीय/राष्ट्रीय रिकार्ड हैं।
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डॉ गुलशन ने भारतीय राजदूतावास द्वारा आयोजित तीन दिवसीय साहित्यिक समारोह में काठमाण्डू,चतुर्थ अन्तर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में भूटान, छठवें अन्तर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में थाईलैंड तथा इंडोनेशिया के विश्व हिन्दी उत्सव में प्रतिभाग किया है तथा सम्मानित किये गये हैं। लखनऊ विवि द्वारा डॉ अशोक ‘गुलशन’ का हिन्दी साहित्य में योगदान विषय पर शोध छात्रा द्वारा एमफिल तथा बुंदेलखण्ड विवि के पीएचडी की उपाधि हेतु वर्ष 2011 में प्रस्तुत शोध प्रबन्ध में इनकी छोटी बहर की ग़ज़ल सम्मिलित की गयी है।
शायरी 4 यूएसएमएस गपशप, दूरदर्शन उत्तर प्रदेश, आकाशवाणी लखनऊ, जनसंदेश एवं पूर्वापोस्ट टीवी तथा भारत एवं नेपालगंज के एफएम चैनलों पर इनकी रचनायें प्रसारित होती हैं। यह अपने मित्रों व शुभ चिन्तकों के लगभग 4500 पत्रों के संकलनकर्ता भी हैं । इन्होने शताधिक पुस्तकों के समीक्षक डॉ गुलशन ने लगभग आठ सौ अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, साहित्यिक समारोह एवॅ मुशायरों में काव्यपाठ किया है और यह वर्ष 1978 से सतत साहित्य सृजन कर रहे हैं |
35 वर्ष पांच दिन तक उप्र सरकार के अधीन आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी एवं क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी के पद पर कार्यरत रहने के पश्चात सेवानिवृत्त डॉ अशोक गुलशन को राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान उप्र, लखनऊ द्वारा उनके कहानी संग्रह ’ काग़ज के पंख’ पर वर्ष-2011-12 में 51000 रुपये की सम्मान राशि सहित अमृत लाल नागर पुरस्कार तथा ‘ख्व़ाब के साये’ (काव्य संग्रह) पर वर्ष-2021 में एक लाख रूपये की सम्मान राशि सहित डॉ हरिवंश राय बच्चन पुरस्कार एवं इंडोनेशिया में एक लाख की सम्मान राशि सहित दुष्यन्त कुमार ग़ज़ल सम्मान से सम्मानित किया गया है।