हैदराबाद: ऐसा लगता है कि टीपीसीसी अध्यक्ष पद को लेकर कांग्रेस पार्टी में भड़क उठी असंतोष की ज्वाला हुजूराबाद उपचुनाव के बाद ब्लास्ट हो चुकी है। तेलंगाना कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष पद नहीं मिलने से गहरे अंसुष्ट में बैठे नेता और भुवनगिरी के सांसद कोमटिरेड्डी वेंकट रेड्डी ने एक बार फिर गेयर बदला है। मौका मिलते ही टीपीसीसी अध्यक्ष की सीधी आलोचना करते है। और कभी-कभी व्यंग्य भी कसते रहते हैं।
इसी क्रम में कोमटिरेड्डी ने रविवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी में पलायन करके आये नेताओं का अब पार्टी में वर्चस्व हो गया है। इन पलायन नेताओं का रैवया देखकर लगता है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता चले गये तो भी पार्टी को कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। मनमानी कर सकते है।
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सांसद ने कहा कि कल से वह अपना ‘तड़ाखा’ दिखाने जा रहे हैं। सभी मान बैठे थे कि आंध्र प्रदेश में कांग्रेस पार्टी का भविष्य नहीं है। मगर बद्वेल चुनाव में कांग्रेस को 6,000 वोट पड़े हैं। आने वाले चुनाव में सत्ता में आने का दावा करने वाली तेलंगाना कांग्रेस को हुजूराबाद में 3,000 वोट मिलना कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है। यह बड़े नेता दावा कर रहे है कि आने वाले चुनाव में 72 से 78 सीटें मिलेगी और कांग्रेस की सरकार बनाएगी। इतना ही नहीं वह गृहमंत्री और यह उपमुख्यमंत्री पद पर बैठने की बात करने वाले नेता ही जाने कि यह सब कैसे संभव है।
कोमटिरेड्डी ने हुजूराबाद चुनाव में कांग्रेस को 3,000 वोट मिलने पर अप्रत्यक्ष रूप से रेवंत की आलोचना की। उन्होंने कहा कि हम बड़े नेता नहीं हैं! हम जिले तक सीमित रहने वाले नेता हैं। फिर भी भुवनगिरी और नलगोंडा में 15 सीटों पर जीत का दावा करते हैं। कांग्रेस पार्टी में तेलुगु देशम पार्टी का खून भरा जा रहा है। टीडीपी से पलायन करके आये नेताओं को बड़े-बड़े पदों पर बिठाया गया है। अब यह बड़े नेता सोच रहे हैं कि कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता बाहर जाते हैं तो वे जैसा चाहें वैसा कर सकते हैं।
कोमटिरेड्डी ने मंचेरियाला जिले के नेता और पूर्व एमएलसी प्रेमसागर विद्रोह पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। प्रेमसागर के बयान में कुछ भी गलत नहीं है। खुद के एजेंडे और खुद के गानों के साथ सभाएं किये जाते है तो कांग्रेस पार्टी कभी भी मजबूत नहीं होगी। इतना ही नहीं विधायक श्रीधर बाबू और एमएलसी जीवन रेड्डी समेत किसी भी नेताओं के विचार जाने बिना ही पार्टी में फैसले लिये जा रहे हैं। जब से रेवंत रेड्डी टीपीसीसी के अध्यक्ष बने हैं, तब से एक मीटिंग के लिए भी मुझे नही बुलाया गया है। इतना ही नहीं, मुझे राजनीतिक मामलों की समिति में 13 नंबर पर रखा गया है। वह शीघ्र ही सोनिया गांधी और राहुल गांधी को तेलंगाना की राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में अवगत कराएंगे।
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