स्वतंत्र भारत वज्रोत्सव के समापन समारोह में CM KCR बोले- “इस देश को उन्माद में धकेलने की कपटपूर्ण कोशिशें की जा रही है”

हैदराबाद: मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी गरीबों की उम्मीदें पूरी नहीं हुई हैं। इन सबकी अनदेखी कर इस देश को उन्माद में धकेलने की कपटपूर्ण कोशिशें की जा रही है। इसे हम सब देख रहे हैं। सब देखकर चुप रहना ठीक नहीं। समझने के बाद भी समझ में न आने जैसा अभिनय करना प्रतिभा की निशानी नहीं है।

सीएम केसीआर ने कहा कि अगर वीर पुरुष, बुद्धिजीवी और समाज के हितैषी एक हो जाये और समाज का सही तरीके से नेतृत्व करें, तो उस समाज को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है। ऐसे करने पर ही एक अच्छे समाज का निर्माण होगा। सीएम केसीआर ने सोमवार को एलबी स्टेडियम में आयोजित स्वतंत्र भारत वज्रोत्सव के समापन समारोह में भाग लिया और संबोधित किया। इससे पहले सीएम ने राष्ट्रध्वज को फहराया।

हमारा भारत महात्मा गांधी का जन्मस्थान है

केसीआर ने कहा कि हमारे देश में हमारे तेलंगाना की एक विशेष पहचान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम इस पीढ़ी के बच्चों और युवाओं में स्वतंत्र भारत की भावना के प्रति जागरूकता फैलाने की मंशा से चलाए जा रहे हैं। इन सबसे ऊपर जैसा कि मैंने उद्घाटन कार्यक्रम में कहा है कि सार्वभौमिक सिद्धांत, अहिंसा, और विश्व मानवता को संदेश कि शांतिपूर्ण आंदोलनों से कितना भी शक्तिशाली परास्त किया जा सकता है। हमारा भारत महात्मा गांधी का जन्मस्थान है। केसीआर ने स्पष्ट किया कि ऐसे देश में बच्चों को गांधी, उनके आचरण और स्वतंत्रता संग्राम में उनकी शानदार भूमिका के बारे में जानने की जरूरत है।

शंकर महादेवन के गीत ने मचाया तहलका

हैदराबाद: भारतीय बॉलीवुड संगीत निर्देशक शंकर महादेवन ने अपनी गायकी से तहलका मचा दिया। एलबी स्टेडियम में चल रहे स्वतंत्र भारत वज्रोत्सव के समापन समारोह के दौरान शंकर महादेवन ने अपनी आवाज से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। शंकर महादेवन ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत गणनायकाय गीत से की।

देशपति श्रीनिवास ने की शंकर महादेवन की तारीफ

तेलंगाना सरकार के सलाहकार देशपति श्रीनिवास ने शंकर महादेवन का परिचय देते हुए कहा कि जिनके नाम से ही पूरा भारत समुंदर की लहर की तरह उठता है। जिनके नाम से एक अद्भुत गीत हमारे दिलों में भर जाता है। वह कर्नाटक संगीत के विद्वान हैं। हिंदुस्तानी संगीत के विद्वान है। सभी पश्चिमी संगीत कलाओं में महारत हासिल की है। 1988 में उन्होंने ब्रीदलेस गाना गाकर एक नई शैली बनाई। इसने भारत को एक शक्तिशाली संगीतमय तूफान की तरह बदल दिया है। उन्होंने अपने गायन से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। पद्म श्री पुरस्कार केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किया है।

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