हैदराबाद : देश में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के केस बढ़ते जा रहे हैं। इसी के चलते केंद्र ने गुरुवार को ओमिक्रॉन की स्थिति और तैयारियों की समीक्षा बैठक आयोजित की। बैठक में केंद्र ने राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों से कहा सभी सावधानियों का पालन किया जाये। साथ ही चौकन्ना रहते हुए ओमिक्रॉन से बचाव के लिए सभी कड़ाई बरती जाये।
बैठक में राज्य सरकारों को सतर्क रहने और जिलों में निगरानी करने की सलाह दी गई है। केंद्र ने राज्यों को आने वाले त्योहारों से पहले स्थानीय प्रतिबंधों पर विचार करने की भी निर्देश दिये हैं। केंद्र ने कहा कि ओमिक्रॉन अन्य वेरिएंट की अपेक्षा तेजी से फैलता है। इसलिए इसके खतरे को देखते हुए कमजोर आबादी की रक्षा करने के लिए आवश्यक कदम उठाये।
साथ ही ओमिक्रॉन की रोकथाम के लिए कंटेन्मेंट जोन और जोन को चिन्हित किया जाये। रात में कर्फ्यू लगाने और बड़ी सभाओं के लिए सख्त नियम लागू करने का निर्देश दिया है। विशेष रूप से नए कोरोना वेरिएंट कंटेन्मेंट जोन पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
टीकाकरण के बारे में केंद्र ने राज्यों को सलाह दी है पहली और दूसरी खुराक वैक्सीन लगवा कर सौ फीसदी टॉरगेट पूरा करें। राज्य और केंद्रशासित प्रदेश की सरकारें घर-घर टीकाकरण अभियान को मजबूत किया जाये, जहां टीकाकरण औसत से कम हुआ है।
केंद्र ने निकट भविष्य में चुनाव वाले राज्यों को सलाह दी कि ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए विशेष रूप से कम कवरेज वाले जिलों में कमजोर आबादी की रक्षा के लिए टीकाकरण में तेजी ले आये।
केंद्र सरकार के कोरोना पर निर्देश
इससे पहले केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों को पत्र भेजा है। पत्र में कोरोना को रोकने के लिए कई निर्देश दिए गए। राज्यों को कोरोना टेस्टिंग और निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्र ने राज्य सरकारों को अपने प्रदेश में 100 फीसदी वैक्सीनेशन पूरा करने के लिए कहा है। कोरोना पर नियंत्रण रखने के लिए घर-घर जाकर संक्रमितों की तलाश करने, उनकी टेस्टिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्र ने आरटी पीसीआर टेस्ट की संख्या बढ़ाने को भी कहा है।
कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने के रिस्क को देखते हुए सभी राज्य सरकारों से अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाने, एंबुलेंस, ऑक्सीजन और दवाओं का बफर स्टॉक बढ़ाने की भी सलाह दी है। केंद्र ने निर्देश दिए है कि नए क्लस्टर कंटेनमेंट जोन बनाए जाएं। बफर जोन तैयार किए जाएं। यहां से मिले सभी क्लस्टर में सैंपल को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा जाए। जीनोम सिक्वेंसिंग से ये पता चलता है कि सैंपल में कोरोना का कौन सा वैरिएंट है।
इसके अलावा पहले की तरह फिर से रात्रि कर्फ्यू लागू किया जा सकता है। बड़ी सभाओं पर रोक लग सकती है। शादी, पार्टी या अंतिम संस्कार के मौके पर शामिल होने वाले लोगों की संख्या सीमित की जा सकती है। (एजेंसियां)