हैदराबाद : ब्रह्मर्षि सेवा समाज ने बुधवार को गणतंत्र दिवस एवं श्रद्धांजलि सभा का आयोजन जगतगीर गुट्टा स्थित अपने वंश पुरुष भगवान परशुराम मंदिर परिशर में सम्पन्न किया। समाज के सह सचिव रंजीत कुमार शुक्ला ने प्रेस को बताया कि कार्यक्रम का शुभारम्भ ध्वजारोहण के साथ हुआ। 26 जनवरी राष्ट्र का गणतंत्र दिवस है और इसी दिन ब्रह्मर्षि समाज की स्थापना दिवस भी है अतः समाज इस दिवस को दोहरे जोश और उत्साह से मनाता आ रहा है।
राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव एवं निष्ठा का परिचय देते हुए समाज के अध्यक्ष सुजीत ठाकुर ने अपने कर कमलों से तिरंगा लहराया और सभी सदस्यों ने एक सुर में राष्ट्र ग़ाण करते हुए व भारत माता का जयकार करते हुए राष्ट्र भक्ति का कर्तव्य निभाया। अवसर पर स्वतंत्रता सेनानियों को भी याद किया गया जिनकी वजह से देश को आज़ादी मिली और समाज के लोग भी इस आज़ादी को पूर्णतः भोग रहे हैं।
तत्पश्चात् समाज के संस्थापक अध्यक्ष स्वर्गीय रामजी मिश्रा जो गत माह ईश्वर को प्यारे हो गए एवं पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय श्यामनंदन सिंह जिनकी आत्मा पिछले वर्ष पंचतत्व में विलीन हो गई के याद में विधिवत श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। ये दोनों पूर्व अध्यक्ष समाज के निर्माण काल से समाज के साथ रहे और इनके जाने से समाज को गहरा धक्का लगा है। यह एक ऐसी क्षति है जिसकी भरपाई करना नामुमकिन है। सभा में दोनों दिवंगत आत्माओं की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण कर सदस्यों ने उनके साथ बिताए गए क्षणों को स्मरण करते हुए शब्द सुमन अर्पित किया। बीती यादों को ताज़ा किया और समाज के लिए उनके योगदानों को रेखांकित किया।
वर्तमान अध्यक्ष सुजीत ठाकुर ने उनके प्रति सम्मान एवं आदर भाव व्यक्त करते हुए कहा कि दोनों ने समाज को बनाने में दिन रात एक कर दी और उनका हाथ सदा समाज के सिर पर रहा। समाज ने उनकी उँगली पकड़ कर चलना सीखा है। उनके योगदानों को शब्दों में बांधना मुश्किल है। आज उनके जाने से हम अनाथ सा महसूस कर रहे हैं। उनके बताए रास्ते पे चलते रहना और समाज को आगे बढ़ाना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
समाज निर्माण में उनके सहायक एवं समाज के पूर्व अध्यक्ष गोविंद जी राय ने संस्थापक अध्यक्ष के साथ बिताए गए पलों को याद करते हुए कहा कि उनके जूनियर होने के बावजूद उन्होंने कभी अपने बड़े होने का आभास नहीं होने दिया। काम करते वक्त भी सदा मित्रवत् व्यवहार रखा जिससे किसी भी कार्य में कोई कठिनाई नहीं आई। एक दूसरे के सुख दुःख में शामिल होते रहे। सालगिरह या कोई विशेष अवसर हो फ़ोन करके आशीर्वाद देना वे कभी नहीं भूले। समाज के कार्य में सदैव आगे रहे ही व्यक्तिगत तौर पर भी समाज के सदस्य उनके स्नेहपात्र थे।
स्वर्गीय श्यमनंदन सिंह को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उनके लिए कुछ कहना कठिन है। आज यदि इस मंदिर पर हम सभी इकट्ठा हैं तो सिर्फ़ उनकी वजह से। यदि वे नहीं होते तो समाज का यह मंदिर नहीं होता। समाज के कार्य में हर पड़ाव पर उनकी कमी खलती है और हमेशा खलेगी। पिछले एक वर्षों में हमने समाज के दो महत्वपूर्ण व्यक्तित्व को खोया है जिसकी भरपाई करना कठिन है।
पूर्व अध्यक्ष गोपाल चौधरी ने उन्हें याद करते हुए कहा कि समाज बनाने में और मंदिर बनाने में आदरणीय राम जी मिश्र एवं श्यमनंदन बाबू का योगदान अविस्मरणीय है। यदि वे न होते तो आज हम यहाँ नहीं होते। घर घर घूमकर उन्होंने समाज से लोगों को समाज से जोड़ा। आज यदि ब्रह्मर्षि समाज में हज़ारों की संख्या सदस्य है तो इसमें इन दोनों का अहम योगदान है। ये नहीं होते तो शायद समाज की परिकल्पना सम्भव नहीं होती।
समाज की उपाध्यक्ष श्रीमती सुधा राय ने समाज के कार्य में संस्थापक अध्यक्ष के साथ बिताए गए क्षणों को याद करते हुए कहा कि वे ऐसे ज़िंदादिल इंसान थे जो समाज के कार्य में अपनी दुःख पीड़ा सब भूल जाते थे। उन्होंने आगे कहा कि श्यमनंदन सिंह जी के रहते हम महिलाओं को कभी किसी आयोजन के लिए फ़िक्र नहीं करनी पड़ी। सूचना मिलते ही वे सारी तैयारी करवा देते थे और समाज के लिए कुछ न कुछ करते रहने के लिए हम सभी को प्रेरित करते रहते थे। समाज को संगठित होकर समाज की भलाई का काम करते रहना ही इन दोनों व्यक्तित्व के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
श्री शत्रुघन सिंह (स्वर्गीय रामजी मिश्र के साथी एवं श्यमनंदन सिंह के चाचा) ने भी उन्हें याद किया और उनकी कमी का एहसास करते हुए भावविभोर होते रहे। अंत में दो मिनट का मौन धारण कर गमगीन माहौल के साथ श्रद्धांजलि सभा का समापन हुआ
अवसर पर स्वर्गीय श्यमनंदन सिंह के पुत्र श्री सुनील सिंह एवं श्री अमरेश सिंह के साथ सहसचिव रंजीत शुक्ला, कोषाध्यक्ष पंकज कुमार, वरिष्ठ सदस्य सी के सिंह, श्री मुकेश कुमार, श्री मानवेंद्र मिश्रा, श्री तिरुपति राय, महिला अध्यक्षा श्रीमती रागिनी सिन्हा, श्रीमती गीतू शर्मा, श्रीमती मीतू शर्मा, श्रीमती माधुरी राय, श्री मनोज शाही, डॉ आशा मिश्रा, श्रीमती निश्चला, श्रीमती प्रियंका सिंह, श्री अनुराग शर्मा, श्री प्रेमशंकर सिंह, श्री कन्हैया शर्मा, श्री कमला सिंह, श्री सरोज सिंह, श्री कपिल शर्मा, श्री सुशील राय, श्री एच एस तिवारी, श्री सुभाष सिंह, श्री मोहन सिंह, श्री अमित मिश्रा, श्री चंद्रशेखर चौधरी और अन्य ने पधारकर श्रद्धा सुमन अर्पित किया।