हैदराबाद : तेलंगाना में धान की खरीदी का मुद्दा किसानों के लिए अभिशाप बनता जा रहा है। एक तरफ बारिश से कम हुई पैदावार तो दूसरी तरफ उगाई गई फसल को खरीदी नहीं करना और खरीदी गई तो भी सही दाम नहीं मिलने से किसान गंभीर तनाव में है। कम ज्यादा करके बेचने के लिए आईकेसी केंद्रों पर गये तो कई दिनों तक इंतजार करने की नौबत है। ऐसे वैसे बेचे जाने पर भी अनेक किलोग्राम की कटौती की जा रही है।
इस सिलसिलेवार मार से तेलंगाना का अनाज पैदा करने वाला किसान सहम नहीं पा रहा है। धान का रोपण किये जाने के पाप के कारण बटई खेत का किराया भी नहीं चुका पा रहा है। इस तरह कर्ज के बोझ से परेशान तेलंगाना के किसान आत्महत्या कर लेना चिंता का विषय है। अब तक तेलंगाना में अनेक किसानों ने आत्महत्या कर ली हैं।
परसो कामारेरड्डी जिले में किसान बीरय्या और कल जगित्याल में ऐलय्या नामक किसानों की आईकेपी सेंटर में ही दम तोड़ दिया। आज मेदक जिले में एक और किसान ने आत्महत्या कर ली। उगाई गई फसल को सही दाम नहीं मिलने से किसान दुखी हो गया। निसहाय स्थिति में किसान ने आत्महत्या का सहारा लिया। कीटनाशनक पीकर आत्महत्या कर ली। किसान ने सुसाइड से पहले चिट्ठी में लिखा है, ”मैं क्या कर सकता हूं सर?” इस चिट्ठी को देखकर सभी के आंसू छलक आये हैं। मगर सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है।
मिली जानकारी के अनुसार, मेदक जिले के हवेली घनपुर मंडल के बोगड़ा भूपतिपुर निवासी किसान रवि कुमार (50) ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली। फसल की पैदावार को सही दाम नहीं मिलने से रवि कुमार ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली। किसान रवि कुमार ने आत्महत्या करने से पहले मुख्यमंत्री केसीआर के नाम पत्र लिखा। किसान का यह पत्र तेलंगाना के किसानों की दुर्दशा और दुख को बयां करता है।
रविकु मार ने, मुख्यमंत्री केसीआर जी कहते हुए सुसाइड लेटर लिखा है। उसने पत्र में लिखा है कि हमें बताया गया कि मानसून मौसम में बारिक चावल की फसल की जाये। मैंने अधिकारियों के कहने के अनुसार बारिक चावल फसल की बुआई की। उपज कम हुई और वाजिब दाम भी नहीं मिला। रविकुमार ने आगे लिखा है कि मुख्यमंत्री आप ही बताइए मैं क्या कर सकता हूं। मेरे खेत में धान की फसल ही होती है।