कौशाम्बी (डॉ नरेन्द्र कुमार दिवाकर की रिपोर्ट): 8 अगस्त को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जनपद न्यायालय कौशाम्बी (उत्तर प्रदेश) के तत्वावधान में भवन्स मेहता महाविद्यालय, भरवारी में पॉश एक्ट और पीसीपीएनडीटी एक्ट विषय पर विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में डॉ. नरेन्द्र दिवाकर ने गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम, 1994 एवं कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न (रोकथाम, प्रतिषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पूर्णिमा प्रांजल अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कौशाम्बी ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को प्रदान की जाने वाली विभिन्न सुविधाओं, पॉक्सो एक्ट, भारतीय संविधान, लोक अदालत, वैकल्पिक विवाद समाधान पद्धति प्रि-लिटिगेशन, किशोर न्याय अधिनियम आदि के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि लोग अपने छोटे-छोटे मुकदमों का हल वैकल्पिक विवाद समाधान पद्धति के जरिए करा सकते हैं।
लोगों को कोई समस्या हो तो वे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कौशाम्बी के कार्यालय में जाकर या तहसील स्तर पर बने लीगल एड क्लीनिक में कार्यरत पीएलवीज से संपर्क कर अपना शिकायती आवेदन दे सकते हैं। पात्र व्यक्तियों को निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान की जाती है जिसके तहत मुकदमा से जुड़ा सारा खर्च जिला विधिक सेवा प्राधिकरण वहन करता है। विद्यार्थियों को इन प्रावधानों के बारे में जानना जरूरी हो जाता है जिससे वे भविष्य में एक समझदार और जागरूक नागरिक बनें और अपने आपको अपराधियों और आपराधिक समूहों के चंगुल से बचा सकें। क्योंकि किशोर मानव अंगों की तस्करी करने वाले अपराधियों और आपराधिक समूहों के लिए एक सॉफ्ट टॉरगेट बन जाते हैं।
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कार्यक्रम को डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस कौंसेल अख्तर अहमद खान एडवोकेट, डॉ. सी पी श्रीवास्तव, प्रोफेसर श्वेता यादव, राजस्व निरीक्षक सुरेन्द्र सिंह, प्राचार्य प्रबोध श्रीवास्तव ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में डॉ. नीति मिश्रा, डॉ. दीपक कुमार, डॉ. संजू, डॉ. धर्मेन्द्र अग्रहरि, डॉ. सतीश चंद्र, पी एल वी गण मनीषा दिवाकर, अखिलेश चौधरी, कृष्णा कपूर, नीलेश, प्रिया त्रिपाठी सहित सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।