हैदराबाद : इस समय पंजाब चर्चा का विषय है। यह चर्चा अमृतपाल सिंह को लेकर है। पंजाब के एक थाने पर कब्जे को लेकर वह पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है। दरअसल अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने पंजाब के अमृतसर जिले के अजनाला थाने को कब्जे में ले लिया। अमृतपाल सिंह के करीबी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। इसके विरोध में उसके समर्थकों ने थाने पर हमला बोल दिया। कई समर्थकों के हाथों में तलवारें और अन्य हथियार भी थे।
गौरतलब है कि अमृतपाल सिंह का जन्म 1993 में पंजाब के तरनतारन जिले के पट्टी गांव में हुआ था। वह अपने समर्थकों के बीच में गुरु वारिस के नाम से प्रसिद्ध है। अमृतपाल सिंह “वारिस पंजाब डे” नामक संगठन का मुखिया है।यह संगठन दावा करता है कि वह पंजाबी कल्चर को प्रमोट करता है।
इतना ही नहीं, अमृतपाल सिंह हमेशा विवादों में रहा है और अपने बयानों की वजह से काफी चर्चा में रहा है। अमृतपाल सिंह अपनी खालिस्तान समर्थक सोच की वजह से भी काफी चर्चा में रहता है। कुछ दिन पहले ही उसने गृह मंत्री अमित शाह को धमकी दी थी और इंदिरा गांधी जैसा हश्र करने की बात भी की थी।
साल 2018 में पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार किया था। क्योंकि उसने सिख कम्युनिटी के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का उपयोग किया था। वहीं वर्ष 2020 में उसे दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उस पर आरोप था कि उसने किसान आंदोलन के दौरान भड़काऊ भाषणों का उपयोग किया था।
अमृतपाल सिंह ने कुछ दिन पहले गृह मंत्री अमित शाह को धमकी दा थी कि अगर उन्होंने खालिस्तान आंदोलन को रोकने की कोशिश की, तो उनका भी वही हश्र होगा जो इंदिरा गांधी का हुआ था। लेकिन बाद में अमृतपाल सिंह ने इस बयान पर यू-टर्न ले लिया और कहा कि मैंने गृह मंत्री को किसी तरह की धमकी नहीं दी है। “वारिस पंजाब डे” की स्थापना दीप सिद्धू ने की थी, जिसकी पिछले साल सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। (एजेंसियां)