हैदराबाद: ब्रह्मर्षि समाज हैदराबाद ने जगतगीर गुट्टा स्थित अपने वंश पुरुष भगवान परशुराम के मंदिर के ज़मीन को अनाधिकृत क़ब्ज़े से बचाया। समाज के अध्यक्ष सुजीत ठाकुर ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि शनिवार को मंदिर परिसर के दीवार को बग़ल वाले लक्ष्मी माता मंदिर के कुछ लोगों ने तोड़ने की कोशिश की। लक्ष्मी माता मंदिर के नाम पर वे इस जमीन का अनाधिकृत क़ब्ज़ा कर रोड के लिए इस्तेमाल करना चाह रहे थे।
पता चलते ही तुरंत ब्रह्मर्षि समाज के कार्यकारिणी के पदाधिकारी और सदस्यों ने घटना स्थल पर जाकर उन्हें इस कार्य से रोका और अतिक्रमण होने से बचाया। अध्यक्ष सुजीत ठाकुर के साथ मिलकर पूर्व अध्यक्ष गोविन्द राय, रामगोपाल चौधरी, कोषाध्यक्ष पंकज कुमार, श्री परमानंद शर्मा, श्री हेमंत सिंह, श्री प्रेमशंकर सिंह, श्री रंजीत शुक्ला, श्री सौरभ सिंह और अन्य सदस्यों ने स्थानीय कॉर्पोरेटर जगन एवं एम एल ए विवेकानंद गौर से मिले और घटित घटना के बारे में अवगत कराया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि लगभग 15 वर्ष पुराने परशुराम मंदिर के अस्तित्व को बनाये रखने और कब्जे से रोकने के लिए मदद मांगी। कॉर्पोरेटर जगन एवं एम एल ए विवेकानंद गौर ने आश्वासन दिया कि लक्ष्मी माता मंदिर के पदाधिकारियों से बात करके इस समस्या का समाधान निकालेंगे। उन्होंने यह भी विश्वास दिलाया कि भविष्य में इस तरह की घटना को नहीं होने दिया जाएगा।
समाज के सदस्यों ने देवी मंदिर वालों से भी बात की। देवी मंदिर वालों ने भी आश्वासन दिया कि उनकी कोशिश रहेगी कि आगे ऐसा कार्य नहीं होने दिया जाएगा। मंदिर की ओर जाने की समस्या का समाधान किसी और तरीके से निकाला जायेगा। आपसी सहयोग और मेल जोल के साथ मंदिर के नीचे से सीढ़ी बनाकर दोनों मंदिर की ओर जाने का रास्ता बनाया जायेगा।
अगले दिन रविवार को परशुराम मंदिर पर अध्यक्ष महोदय ने इस गम्भीर मुद्दे पर बातचीत करने हेतु समाज के वरिष्ठ एवं कार्यकारिणी के सदस्यों की एक विशेष बैठक बुलाई। बैठक में इस समस्या का स्थायी हल निकालने हेतु चर्चा की गई। समस्या का स्थायी समाधान हेतु परशुराम मंदिर के चारों ओर दीवारी बनाने का सुझाव सदस्यों ने दिया। फैसला किया गया कि सबसे पहले यह कार्य संपन्न किया जाये।
बैठक में उपस्थित सदस्यों ने इस कार्य में अपना हर संभव सहयोग करने का आश्वास दिया। इस अवसर पर श्री संजीव मिश्रा, श्री अशोक कुमार, कपिल पांडेय, मोहन कुमार सिंह, सुनील कुमार सिंह, तिरुपति नाथ राय, मनोज साही, हेमंत सिंह, शत्रुघन सिंह, सुभाष चंद्र सिंह, संदीप ठाकुर अन्य सदस्यों ने अपने विचार रखे।