भारत का संविधान अन्य देशों से व्यापक और देश के आम आदमी का है ढाल: प्रो कृष्णदेव राव

हैदराबाद: राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (दिल्ली) के कुलपति प्रो पी कृष्णदेव राव ने कहा कि राष्ट्रीय संविधान दिवस के अवसर पर डॉ बीआर अंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी में भारत का संविधान दिवस मनाया गया। राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (दिल्ली) के कुलपति प्रो पी कृष्णदेव राव ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। उन्होंने “संविधान और नागरिक : कुछ प्रतिबिंब” विषय पर अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर राव ने कहा कि भारत का संविधान दुनिया के अन्य देशों से व्यापक है और आम आदमी के लिए ढाल का काम कर रहा है।

प्रो राव ने आगे कहा कि देश के नागरिकों को न्यायशास्त्र में साक्षरता बहुत आवश्यक है। अगर उन्हें न्यायशास्त्र की समझ रहेगी, तो वे न केवल अपने साथ हुए अन्याय का सामना करने में सक्षम होंगे, बल्कि अपराध में भी भारी कमी आएगी। संविधान निर्माता डॉ बीआर अम्बेडकर ने आम नागरिकों के मानवाधिकार, उपभोक्ता के अधिकार, महिला सशक्तिकरण और कैदियों के अधिकारों को प्रमुखता दी है। यही दूरदर्शी संविधान की महानता को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि हमारे देश के संविधान में निहित कई प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संरक्षण कानून बनाये गये हैं। इस वेबिनार की अध्यक्षता करने वाले विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो के सीतारामा राव ने कहा कि संविधान के कई पहलुओं की रक्षा करते हुए समय-समय पर बदलती परिस्थितियों को देखते हुए संविधान में संशोधन करने की आवश्यकता है। ऐसा होने पर हम अम्बेडकर की अपेक्षित परिणाम प्राप्त कर पाएंगे।

कार्यक्रम में संकाय निदेशक प्रो ई सुधारानी, कुल सचिव डॉ जी लक्ष्मा रेड्डी, प्रो घंटा चक्रपाणी, डॉ जी सरोजा और अन्य भी अपने विचार व्यक्त किये। इससे पहले विश्वविद्यालय के सभी यूनियनों के प्रतिनिधि, निदेशक, डीन और कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय परिसर में डॉ बीआर अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

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