अमरावती : आंध्र प्रदेश में पैदा होने वाले हर शिशु के लिए आधार कार्ड में दर्ज अनिवार्य कर दिया गया है। प्रदेश स्वास्थ्य के प्रधान सचिव अनिल कुमार सिंघाल ने निर्देश दिया है कि अस्पतालों में पैदा होने वाले हर शिशु के लिए आधार पंजीकरण अनिवार्य किया जाये। जब तक मां को अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है, तब तक इसकी प्रकार की प्रक्रिया को पूरा किया जाये। सिंघाल ने मंगलगिरी में एपीआईआईसी भवन में जन्म और मृत्यु पंजीकरण पर आयोजित एक विशेष बैठक में यह निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा कि गर्भवती महिला के अस्पताल में भर्ती होने से लेकर और प्रसव के तीन दिन के भीतर शिशु को आधार कार्ड के साथ जोड़ दिया जाये। साथ ही यह भी कहा कि पैदा होते ही शिशुओं के उंगलियों और आंखों के निशान में स्पष्टता नहीं होती है। इसलिए पांच साल की उम्र तक बच्चों की उंगलियों के निशान और आईरिस को आधार में दर्ज किया जाये।
सिंघैल ने आगे कहा कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए एक स्थायी आधार कार्ड सुनिश्चित किया जाये। अस्पतालों में शिशु के पैदा होते ही जन्म प्रमाण पत्र तैयार किया जाये और उसकी छुट्टी होते समय उसे दे दिया जाये। भविष्य में किसी माता-पिता को अपने बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र के लिए परेशानियों का सामना नहीं करना चाहिए। शिशु जन्म के अलावा, मृत्यु भी दर्ज किया जाये। साथ ही मौत के कारणों का भी प्रमाणपत्र में उल्लेख किया जाये।