भारतीयों को कनाडा जाना हो रहा है मुश्किल, यह है बड़ी वजह

हैदराबाद : भारत-कनाडा के बीच पिछले एक साल से तनावपूर्ण रिश्ते हैं। खालिस्तानियों को लेकर दोनों देशों के बीच शुरू हुआ विवाद धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है। कनाडा ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार उसके यहां रहने वाले सिखों के खिलाफ हिंसा भड़काने का काम कर रही है। इससे भारत पहले ही इनकार कर चुका है। कनाडा को इस बात का भी डर सता रहा है कि भारत उस पर साइबर अटैक भी कर सकता है। मौजूदा हालात काफी ज्यादा बिगड़े हुए हैं।

हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत-कनाडा विवाद की वजह से व्यापार पर असर नहीं पड़ने वाला है। मगर इसका प्रभाव कनाडा में पढ़ने और काम करने जाने वाले भारतीयों पर जरूर पड़ेगा, जिनके लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। कनाडा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति को बताया है कि गृह मंत्री अमित शाह सिखों के खिलाफ साजिश के पीछे हैं। भारत सरकार ने अधिकारी के इस बयान को खारिज कर दिया है। मगर इससे दोनों देशों के रिश्तों में खटास और बढ़ सकती है।

दरअसल, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पिछले साल सिंतबर में दावा किया था कि सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में हुई हत्या के पीछे भारतीय एजेंट्स का हाथ था। भारत ने इन आरोपों से इनकार किया था। हाल ही में कनाडा ने आरोप लगाया कि भारतीय उच्चायुक्त भी इस हत्या के पीछे शामिल थे। इसके बाद कनाडा ने भारत के छह राजनयिकों को देश से बाहर कर दिया। निज्जर हत्या मामले में चार लोगों पर मुकदमा भी चल रहा है।

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भारत से सबसे ज्यादा लोग कनाडा में पढ़ने और काम करने के लिए जाते हैं। मगर पिछले साल से ही भारतीयों को वीजा मिलने में देरी का सामना करना पड़ रहा है। भारत में कनाडा के सिर्फ चार इमिग्रेशन अधिकारी ही रह गए हैं। अक्टूबर 2023 में इनकी संख्या 27 थी। कनाडा के इमिग्रेशन मिनिस्टर मार्क मिलर ने कहा कि इससे वीजा जारी करने में देरी हो रही है। उन्होंने कहा, “मैंने अपने सहयोगियों को बताया है कि स्थिति और खराब हो सकती है, उन्हें इसके लिए तैयार रहना होगा।”

कम संख्या में इमिग्रेशन अधिकारी होने की वजह से सबसे ज्यादा प्रभाव भारतीय छात्रों पर पड़ने वाला है, जो कनाडा में पढ़ना चाहते हैं। उन्हें अब अपने स्टडी परमिट को हासिल करने के लिए महीनों तक इंतजार करना पड़ सकता है। इस वजह से उनकी पढ़ाई के अधर में लटकने की संभावना भी बढ़ रही है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि कनाडा में धीरे-धीरे भारत से होने वाले इमिग्रेशन में गिरावट भी देखने को मिल सकती है, क्योंकि लोग यहां आने से पहले अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। (नवभारत टाइम्स से साभार)

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