हैदराबाद : केंद्रीय हिंदी संथान, हैदराबाद केंद्र में 471वाँ नवीकरण पाठ्यक्रम का उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया है। सर्वप्रथम दीप प्रज्जवलित कर सरस्वती वंदना की गयी। संस्थान गीत तथा स्वागत गीत गाया गया।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता निदेशक, केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा प्रो. सुनील बाबुराव कुलकर्णी ने की। मुख्य अतिथि डॉ. जी. तिरूपती, संयुक्त सचिव, एम.जे.पी.टी.बी.सी.डब्लू.आर.ई.आई.एस, विशिष्ट अतिथि, श्रीमती बेला, उप निदेशक, हिंदी शिक्षण योजना गृह मंत्रालय, भारत सरकार, हैदराबाद, आयोजक क्षेत्रीय निदेशक प्रो. गंगाधर वानोडे, पाठयक्रम प्रभारी सह-आचार्य डॉ. फत्ता राम नायक, डॉ. एस.राधा एवं डॉ. पकंज सिंह यादव मंच पर उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अध्यक्ष केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा के निदेशक प्रो. सुनील बाबुराव कुलकर्णी ने अपने उद्बोधन में कहा कि हिंदी ज्ञान उस समाज और वर्तमान आवश्यकता की पूर्ति करेगा। केंद्रीय हिंदी संस्थान का उद्देश्य हिंदीतर क्षेत्रों में प्रशिक्षण देना है। उसी कड़ी में हैदराबाद द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम यादगार रहेगा। व्यावहारिक हिंदी, प्रयोजनमूलक हिंदी तथा प्रौद्योगिकी भाषा से संबंधित ज्ञानार्जन के साथ ही अपने भीतर के भिन्न कौशलों के विकास में सहायक सिद्ध होगा ऐसा मेरा मानना है।
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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संयुक्त सचिव, एमजेपीटीबीसीडब्ल्यूआरईआईएस डॉ. जी. तिरूपती ने अपने वक्तव्य में कहा कि सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना इन चार कौशलों पर बल देने की आवश्यकता है। हिंदी के प्रति बच्चों को किस प्रकार आकर्षित किया जाए यह आप शिक्षकों की जिम्मेदारी है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि हिंदी शिक्षण योजना, गृह मंत्रालय, भारत सरकार की उप निदेशक श्रीमती बेला ने अपनी बात रखते हुए कहा कि माता-पिता गिली मिट्टी को आपको सौंपते हैं। उसे आकार देना, विकसित करना और देश के भावी नागरिक तैयार करना आपके हाथों में है। साथ ही हिंदी साहित्य की भाषा से आगे बढ़ कर संपर्क भाषा और जनभाषा के रूप में उभर चुकी है।
क्षेत्रीय निदेशक प्रो. गंगाधर वानोडे ने अपने उद्बोधन में संस्थान द्वारा चलाए जाने वाले विभिन्न पाठ्यक्रमों के बारे में जानकारी दी तथा भारत आज विश्व बाजार होता जा रहा है। आज विश्व की कई कंपनियों को अपने कर्मचारियों को भारत में हिंदी सीखने के लिए भेजते हैं। ‘ठंडा मतलब कोका-कोला’ हिंदी के एक वाक्य ने करोड़ों का व्यापार कर लिया है। आज हिंदी में रोज़गार की अपार संभावना है, उन्होंने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि हमें छात्रों के साथ हिंदी में बात करनी चाहिए तथा दो सप्ताह चलने वाली गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर डॉ. एस.राधा ने अपने वक्तव्य में कहा कि आप यहाँ पर्याप्त ज्ञान बटोर कर ले जाएँगे। अपने संस्मरणों के माध्यम से बताया कि हिंदी शिक्षण में जो पहले समस्याएँ थीं, अब नहीं रही। इस अवसर पर संस्थान के प्रशासनिक कर्मचारी शेख मस्तान वली, सजग तिवारी, डॉ. संदीप कुमार भी उपस्थित रहे तथा प्रतिभागियों ने भी कार्यक्रम को लेकर अपनी जिज्ञासाएँ तथा अपेक्षाएँ रखीं।
इस कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन प्राठ्यक्रम प्रभारी डॉ. फत्ताराम नायक ने दिया कार्यक्रम का संचालन अतिथि अध्यापक डॉ. पंकज सिंह यादव ने किया। कार्यक्रम में 47 (21 महिला, 26 पुरुष) प्रतिभागियों ने भाग लिया।