कादंबिनी क्लब की मासिक गोष्ठी में ‘हिन्दी साहित्य में फ़ायकू’ विधा पर इन वक्ताओं ने डाला प्रकाश

हैदराबाद: कादंबिनी क्लब हैदराबाद के तत्वावधान में रविवार को चंद्रप्रकाश दायमा की अध्यक्षता में गूगल मीट के माध्यम से क्लब की ३७७वीं मासिक गोष्ठी का आयोजन सम्पन्न हुआ। प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी देते हुए डॉ अहिल्या मिश्र (क्लब अध्यक्ष) एवं मीना मूथा (कार्यक्रम संयोजिका) ने आगे बताया कि प्रथम सत्र का आरंभ डॉ रमा द्विवेदी द्वारा सरस्वती वंदना कि प्रस्तुति से हुआ।

इस अवसर पर डॉक्टर अहिल्या मिश्र ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि क्लब की ३० वर्षों की यात्रा कोई छोटी यात्रा नहीं है। इस संस्था के लिए समर्पित सदस्य निरंतर ही इस साहित्यिक यात्रा के महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और रहेंगे। साथ ही नए लोग श्रद्धा और ईमानदारी से कादंबिनी परिवार में जुड़ रहे हैं उनका भी स्वागत है ।

संगोष्ठी सत्र संयोजक अवधेश कुमार सिन्हा (दिल्ली) ने कहा कि हमारे बीच मुख्य वक्ता अमन कुमार (संपादक ओपन हाउस , साप्ताहिक समाचार पत्र , नजीबाबाद) मुख्य वक्ता के रूप में ‘हिन्दी साहित्य में फ़ायकू’ (नई विधा) विषय पर अपने विचार रखेंगे। साथ ही अमन कुमार को विचार व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया।

अमन कुमार ने अपनी बात रखते हुए कहा कि साहित्य में समर्पण भाव होना चाहिए। फ़ायकू के संबंध में बताते हुए उन्होंने कहा कि यह विधा शाब्दिक छंद है। ४ शब्द , ३ शब्द और अंतिम पंक्ति ‘तुम्हारे लिए’ के साथ इस विधा की रचना होती है। हिन्दी साहित्य विभिन्न विधाओं का कॉम्बो है। ओपन डोर समाचार पत्र के माध्यम से यह विधा प्रचारित प्रसारित हो रही है। किसी भी अलंकार का प्रयोग आप फ़ायकू में कर सकते हैं। उन्होंने विभिन्न रचनाकारों की फ़ायकू रचनाएं भी पढ़कर सुनाई।

डॉ अहिल्या मिश्र ने कहा कि फ़ायकू कम शब्दों में साधारणीकरण है। चंद्रप्रकाश दायमा ने अध्यक्षीय बात में कहा कि अमन कुमार ने जिस प्रकार से फ़ायकू विधा के संबंध में समझाया है तुरंत पटल पर फ़ायकू बनने लगे हैं। यह एक भाव प्रधान विधा है। आमजन फ़ायकू को साहित्य के रूप स्वीकार करेंगे या नहीं ये तो भविष्य ही बताएगा फिलहाल यह सरल और सहज अवश्य है।

अवधेश कुमार सिन्हा ने प्रथम सत्र का धन्यवाद ज्ञापित किया। और प्रसिद्ध साहित्यकार स्वर्गीय राजेन्द्र अवस्थी जिनका आशीर्वाद और स्नेह कादंबिनी क्लब को सदा मिलता रहा उनकी चर्चा की और उनकी कविताओं पर समीक्षा प्रकाशित हुई है ये बात बताई।

द्वितीय सत्र

कवि गोष्ठी सत्र की अध्यक्षता विनीता शर्मा ने किया और मीरा ठाकुर ने विशेष अतिथि के तौर पर उपस्थित हुईं। इसमें सरिता सुराना, स्वाति गुप्ता, चंद्र प्रकाश दायमा, अमन कुमार त्यागी, आर्या झा, डॉ मंजु शर्मा, उमेशचंद्र श्रीवास्तव, अजय कुमार पांडे, डॉ राजेन्द्र कौर, किरण सिंह, डॉ संगीता शर्मा, तृप्ति मिश्रा, भावना पुरोहित, विनोद गिरि अनोखा, ज्योति नारायण, शशि राय, आक्षी त्यागी, तरुणा, मीरा ठाकुर, रमा बहेड, पुष्पा वर्मा, डॉ राजीव कुमार सिंह,

दर्शन सिंह, ईन्दू सिंह, चंद्र लेखा कोठारी, भगवती अग्रवाल, डॉ सुरभी दत्त, सुनीता लुल्ला, अवधेश कुमार सिन्हा, प्रवीण प्रणव ने काव्य पाठ किया । शिल्पी भटनागर, राशि सिन्हा, डॉ आशा मिश्रा, सत्यरायण काकड़ा, प्रमोद सिंह, डॉ अनीता मिश्रा, सीताराम माने, डॉ गंगाधर वानोडे, मदन देवी पोकरणा व अन्य की उपस्थिति रही।

विनीता शर्मा ने अध्यक्षीय टिप्पणी में कहा कि सभी ने बहुत प्रासंगिक और सुंदर रचनाएं सुनाईं। साहित्य की सभी काव्य विधाएं सुनने को मिलीं। उन्होंने सभी को साधुवाद दिया। प्रवीण प्रणव ने तकनीकी संचालन किया। डॉ अहिल्या मिश्र ने सबको धन्यवाद दिया और मीना मुथा ने कार्यक्रम का संचालन किया। भावना पुरोहित को वैवाहिक वर्षगांठ और डॉ संगीता शर्मा को सुपुत्र के विवाह पर क्लब की ओर से बधाई दी गई।

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