हैदराबाद : तेलंगाना में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं। बीआरएस इस बार किसी भी कीमत पर हैट्रिक लगाना चाहती है। कांग्रेस और बीजेपी पार्टियां पूरी कोशिश कर रही हैं कि सीएम केसीआर को किसी भी हाल में तीसरी बार मुख्यमंत्री न बनने दिया जाये। इसी क्रम में कई प्रमुख संगठनों की ओर से जारी चुनावी सर्वेक्षणों से पार्टी नेताओं की दिल की धड़कने तेज कर दी है। अब तक जारी सभी सर्वेक्षणों ने किसी एक को स्पष्ट बहुमत नहीं दिया है।
इंडिया टुडे-सीवोटर
ताजा इंडिया टुडे-सीवोटर ने अपना सर्वे जारी किया है। इस सर्वे में भी साफ है कि तेलंगाना में कांग्रेस की ही हवा है। फिलहाल यह सर्वे तेलंगाना की राजनीति और चुनाव में हड़कंप मचा दिया है। ताजा सर्वे के मुताबिक बीआरएस बड़ा झटका लगा है। हालांकि, सर्वे का निष्कर्ष है कि अगर बीजेपी मौजूदा स्थिति से उबर भी जाए तो इसका कोई असर नहीं होगा। इंडिया टुडे-सीवोटर ने निष्कर्ष निकाला है कि कांग्रेस: 54 सीटें, बीआरएस: 49 सीटें, बीजेपी: 08 सीटें, वोटों का प्रतिशत:- कांग्रेस: 39 फीसदी, बीआरएस: 38 प्रतिशत वोट मिलेंगे।
इंडिया टुडे-सी वोटर सर्वे को ध्यान से देखें तो साफ है कि कांग्रेस और बीआरएस के बीच काटे की टक्कर है। इतना ही नहीं, सी वोटर सर्वे ने सीएम केसीआर के प्रशासन की विफलताओं पर भी विस्तार से चर्चा और व्याख्या की है। इस सर्वे से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। उधर, इतने बड़े संगठन द्वारा कराए गए सर्वे में इतनी सीटें मिलने की बात सामने आई तो बीआरएस के नेताओं ने स्थिति पर गंभीरता से विचार कर रहे है। जानकारी है कि केसीआर आज शाम या कल सुबह पार्टी नेताओं के साथ बैठक करने वाले है। तेलंगाना के लोगों की इस बात में काफी दिलचस्पी है कि अब तक कांग्रेस द्वारा अपने सर्वेक्षणों में ऐसा करने की आलोचना करने वाले बीआरएस नेता नवीनतम सर्वेक्षण पर क्या प्रतिक्रिया देते है।
मिशन चाणक्य सर्वे
दूसरी ओर मिशन चाणक्य सर्वे ने ‘मेरा राज्य- मेरा वोट- मेरा फैसला’ (ना रार्ष्ट्रम- ना वोटु – ना निर्णयम) के नारे के साथ जब राज्य भर में यह सर्वेक्षण किया गया। खुलासा हुआ कि तेलंगाना के लोग बीआरएस को पसंद कर रहे हैं। सभी आयु वर्ग के मतदाताओं का एक बड़ा प्रतिशत बीआरएस की ओर झुक रहा है। सर्वे से पता चला कि विधानसभा चुनाव में बीआरएस को 44.62 फीसदी वोट मिलेंगे। वही कांग्रेस 32.71 फीसदी पर सिमटती नजर आ रही है। सर्वे में यह भी पता चला कि बीजेपी को सिर्फ 17.6 फीसदी वोट मिलने की संभावना है। यह डेटा पिछले चार महीनों तक राज्य भर में व्यापक अध्ययन और 14 लाख लोगों की राय इकट्ठा करने के बाद सामने आया है। सर्वे से पता चला है कि अगर अब चुनाव हुए तो बीआरएस पार्टी कम से कम 76 सीटें जीतेगी।
सर्वेक्षणों से यह निष्कर्ष निकला है कि तेलंगाना में बीआरएस पार्टी एक बार फिर सत्ता में आएगी। शनिवार को जारी दो सर्वे संस्थाओं की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बीआरएस पार्टी 70 से ज्यादा सीटें जीतेगी. कहा जा रहा है कि लोग बीआरएस के पक्ष में हैं. इंडिया टीवी, फैक्ट्स मार्केटिंग एंड रिसर्च सर्विसेज ने विधानसभा चुनाव पर अलग-अलग सर्वे किया। इन दोनों सर्वेक्षणों से पता चलता है कि बीआरएस सामान्य बहुमत से अधिक सीटें जीतेगी। साथ ही कहा कि कांग्रेस पार्टी 30 सीटों पर रुक जाएगी। यह भी साफ किया कि बीजेपी 10 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी। साफ है कि इस चुनाव में तेलंगाना की जनता एक बार फिर बीआरएस को ताज पहनायेगी।
इंडिया टीवी सर्वे
प्रमुख राष्ट्रीय टीवी चैनल इंडिया टीवी द्वारा कराए गए सर्वे में लोगों ने बीआरएस को ताज पहनाया। इस सर्वे में यह बात सामने आई है कि बीआरएस पार्टी 70 सीटें जीतेगी। कांग्रेस को सिर्फ 34 सीटें मिलेंगी। वहीं बीजेपी सिंगल डिजिट में सिमट जाएगी। इस चुनाव में बीजेपी सिर्फ 7 सीटें जीतेगी। सर्वेक्षण में निष्कर्ष निकाला गया कि एआईएमआईएम भी 7 सीटें जीतेगी जबकि अन्य एक सीट जीतेंगे।
कांग्रेस और बीआरएस के बीच वोटों का 10 फीसदी अंतर
कांग्रेस ऐसे व्यवहार कर रही है मानो वह राज्य में सत्ता में आ गई है। लेकिन ताजा सर्वेक्षणों से यह निष्कर्ष निकला है कि कांग्रेस वोटों के मामले में बीआरएस से करीब दस फीसदी पीछे है। बीआरएस को 42.5 फीसदी और कांग्रेस को 33.1 फीसदी वोट मिलने की बात सामने आई है। यानी इन दोनों पार्टियों के बीच वोटों का अंतर 9.4 फीसदी है। अगर वोटों का अंतर दो या तीन फीसदी तक हो तो माना जाता है कि पार्टियों के बीच प्रतिस्पर्धा है। अगर इस गणना में 10 फीसदी का अंतर आता है तो साफ है कि कांग्रेस पार्टी किसी भी स्तर पर बीआरएस के मुकाबले में नहीं है। वहीं बीजेपी 16.3 फीसदी वोट मिलने की संभावना है।
केसीआर की हैट्रिक पक्की
बीजेपी ने भी कांग्रेस पार्टी जैसी ही गलतियां की हैं। इसीलिए वह पार्टी राज्य में बीआरएस की तरह आगे नहीं बढ़ पाई। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में उसे केवल एक सीट मिली थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में उसे 4 सीटें मिलीं। इसके अलावा, पार्टी लंबे समय तक अपनी ताकत बरकरार नहीं रख सकी, भले ही वह हैदराबाद जीएचएमसी चुनावों में दूसरे स्थान पर रही। इस बार के चुनाव में मूल क्षेत्र ही गायब हो गई है। पिछले चुनाव में कांग्रेस की ताकत के बावजूद उसे लोगों ने खारिज कर दिया क्योंकि उसने तेलंगाना का विरोध करने वाली टीडीपी के साथ चुनाव लड़ा था।
हालांकि बीजेपी को सबसे पहले ओबीसी राग मिला, लेकिन यहां बीसी समुदाय से आने वाले बंडी संजय को अध्यक्ष पद से हटाकर किशन रेड्डी को जिम्मेदारी दे दी गई, जिससे बीजेपी को नुकसान हुआ। इंडिया टीवी ने अपने सर्वे में खुलासा किया कि जहां 43 फीसदी लोग केसीआर को सीएम बनाना चाहते हैं, वहीं 30 फीसदी लोग कांग्रेस के रेवंत रेड्डी को, 11 फीसदी लोग बीजेपी के बंडी संजय को और सिर्फ 4 फीसदी लोग किशन रेड्डी को चाहते हैं. इंडिया टीवी के पैनल में भाग लेने वाले वरिष्ठ पत्रकारों और चुनाव विश्लेषकों ने निष्कर्ष निकाला कि केसीआर के नेतृत्व वाली बीआरएस की तेलंगाना में जीत और हैट्रिक तय है।
फैक्ट्स सर्वे
फैक्ट्स मार्केटिंग एंड रिसर्च सर्विसेज द्वारा कराए गए प्रीपोल सर्वे में लोगों ने बीआरएस को खूब सराहा है। बीआरएस को लोगों सर आंखों पर बिठा लिया है। बीआरएस पार्टी कुल 119 सीटों में से 73-78 सीटें जीतने जा रही है। इस प्रकार बीआरएस एक बार फिर से सत्ता हासिल कर लेगी। संगठन ने तेलंगाना के 17,850 मतदान केंद्रों पर 1.12 लाख मतदाताओं की राय एकत्र की और सर्वेक्षण किया। इसमें अधिकांश मतदाता बीआरएस के पक्ष में है। सर्वे के मुताबिक कांग्रेस को सिर्फ 25-30 सीटें ही मिलने की संभावना है। बीजेपी सिंगल डिजिट में सिमट गई है। बीजेपी को सिर्फ 6-10 सीटें मिलेंगी। एमआईएम को 7-8 सीटें और अन्य को एक सीट मिलेगी।
केसीआर और सरकार का प्रदर्शन बहुत अच्छा है
फैक्ट्स मार्केटिंग एंड रिसर्च सर्विसेज ने सर्वे में किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी, सीएम के रूप में केसीआर का प्रदर्शन और सरकार के प्रदर्शन पर मतदाताओं की राय एकत्र की है। सीएम के तौर पर केसीआर का प्रदर्शन है और सरकार का प्रदर्शन भी बेहतरीन है. 36.9 प्रतिशत लोगों ने कहा कि सीएम केसीआर का प्रदर्शन बहुत अच्छा है, जबकि अन्य 37.2 प्रतिशत ने कहा कि अच्छा है। वहीं 31.9 फीसदी लोगों की राय है कि सरकार का प्रदर्शन भी काफी अच्छा है, जबकि 38.7 फीसदी लोगों की राय है कि सरकार का प्रदर्शन अच्छा है. इस तरह ज्यादातर लोगों ने सीएम केसीआर और सरकार के कामकाज की सराहना की।