सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, भारत (हैदराबाद) पूर्णतया साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था है। इस संस्था का गठन कोरोना काल में लाॅकडाउन के दौरान किया गया था। इसकी पहली गोष्ठी 31 मई 2020 को आयोजित की गई थी। उस समय हम सब घरों में कैद थे और सामाजिक दूरी बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी थी। साहित्यिक और सामाजिक गतिविधियां लगभग ठप्प हो गई थी और हम सब एक-दूसरे से मिलने को तरस गए थे। इसलिए उसका एक सर्वसम्मत हल निकाला गया और वह था ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन और उसी गोष्ठी के शुभारम्भ से इस एक संस्था का अनायास ही गठन हो गया।
मेरे कुछ युवा साथी कवि और कवयित्रियां अक्सर ओपन माइक इवेंट आयोजित करते थे, लेकिन इन परिस्थितियों में वह सम्भव नहीं था और सब काव्य पाठ के लिए उत्सुक थे। इसलिए मैंने तय किया कि एक साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मंच का गठन करके उसके अन्तर्गत साहित्यिक संगोष्ठियां आयोजित करुंगी और यह अत्यन्त प्रसन्नता की बात थी कि सभी साथियों ने इसका खुले दिल से स्वागत किया और इस तरह एक नई साहित्यिक संस्था का गठन हो गया।
इसके गठन के साथ ही इसके उद्देश्य भी तय किए गए। जिनमें प्रमुख थे- हिन्दी भाषा और साहित्य तथा भारतीय भाषाओं में रचित साहित्य को बढ़ावा देना, भारतीय संस्कृति को संरक्षित करना और सामाजिक कार्यों में योगदान देना। साहित्यिक कार्यक्रमों के अन्तर्गत नवोदित रचनाकारों को एक मंच प्रदान करना, जहां पर वे स्थापित साहित्यकारों के साथ मिलकर अपनी प्रतिभा को निखार सकें। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए मंच पर साहित्य सेवा से सम्बन्धित अनेक फीचर शृंखलाएं नियमित रूप से चल रही हैं। जिनमें प्रमुख हैं- चिंतन शृंखला, मंथन एवं मनन शृंखला, ‘चित्र शृंखला’, शब्द पुष्प शृंखला और हाइकु सृजन शृंखला आदि।
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संस्था का अपना व्हाट्स ऐप ग्रुप, फेसबुक ग्रुप और फेसबुक पेज है। साथ ही साथ यूट्यूब चैनल भी है। संस्था के फेसबुक पटल पर प्रत्येक रविवार को शाम 6.30 से 7.00 बजे तक एकल लाइव काव्य पाठ का आयोजन किया जाता है। इसके अन्तर्गत देश और विदेशों से ख्याति प्राप्त साहित्यकार अपना लाइव काव्य पाठ प्रस्तुत करते हैं। इस कार्यक्रम को विद्वजनों का भरपूर सहयोग एवं समर्थन प्राप्त हो रहा है। इसके अन्तर्गत अब तक 53 से अधिक साहित्यकार अपना लाइव काव्य पाठ प्रस्तुत कर चुके हैं।
प्रतिमाह संस्था द्वारा मासिक काव्य गोष्ठी और साहित्यिक एवं सांस्कृतिक विषयों पर परिचर्चा गोष्ठी का आयोजन नियमित रूप से किया जा रहा है और अनेक समाचार पत्रों और वेब पोर्टल्स पर कार्यक्रम की रिपोर्ट को अच्छा कवरेज मिलता है। संस्था के सदस्यों और देश-विदेश के साहित्यकारों के सहयोग से व्हाट्स ऐप ग्रुप और फेसबुक ग्रुप उत्तरोत्तर गति-प्रगति कर रहे हैं।
फेसबुक पेज
आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष के अवसर पर संस्था के फेसबुक पेज का गठन किया गया। इस पेज पर अब तक 100 से अधिक लाइव कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। जिनमें प्रमुख हैं- अमृत महोत्सव आजादी, हिन्दी दिवस पर विशेष कवि सम्मेलन, दीपावली पर गृहिणियों के लिए एक शाम गृहिणियों के नाम आदि। इसके अलावा ‘बसन्तोत्सव 2022’, ‘वेलेंटाइन डे स्पेशल प्रेमगीत महोत्सव’, महाशिवरात्रि पर्व पर भजन संध्या, महिला दिवस पर विशेष कार्यक्रम- सुर संगम संगीत संध्या का आयोजन, होली गीत महोत्सव, होली मिलन समारोह, चैत्र नवरात्रि एवं शारदीय नवरात्रि पर्व के शुभ अवसर पर लगातार नौ दिवसीय मातृ भक्ति गीत महोत्सव, भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव और मदर्स डे पर विशेष गीत-नृत्य महोत्सव आदि का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।
हिन्दी दिवस सितम्बर 2022 के अवसर पर ख्याति प्राप्त अंतरराष्ट्रीय साहित्यकार युगलों के साथ कवि सम्मेलन का आयोजन भी बहुत ही प्रभावशाली रहा। जिसमें अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वरिष्ठ साहित्यकार एवं मीडिया विशेषज्ञ श्री लक्ष्मीशंकर वाजपेयी और अन्तर्राष्ट्रीय कवयित्री ममता किरण के साथ-साथ डॉ. मनोज अबोध और डॉ. रूबी मोहन्ती, श्री राजेन्द्र निगम राज और श्रीमती इन्दु राज निगम, हैदराबाद के जाने-माने प्रतिष्ठित साहित्यकार प्रोफ़ेसर ऋषभदेव शर्मा और डॉ. पूर्णिमा शर्मा भी शामिल थे।
बाल कलाकारों के लिए विशेष कार्यक्रम
14 नवंबर 2022 को ‘बाल दिवस’ के अवसर पर नन्हे-मुन्ने बाल कलाकारों के लिए ‘बाल दिवस समारोह’ का आयोजन किया गया, जिसमें देश भर से चुने हुए बाल कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से अपनी बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। बाल कलाकारों की प्रतिभा को निखारने के लिए मंच पर 3-8 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसका विषय था- ‘मेरा प्यारा भारत देश’। इसके टाॅप 5 विजेताओं के साथ दिनांक 17.01.2022 को ‘राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता विजेता सम्मान समारोह और इंटरव्यू’ कार्यक्रम का लाइव आयोजन फेसबुक पेज पर किया गया। इसमें विजेता बच्चों ने अपने इंटरव्यू में अपनी रुचि और विशिष्टताओं के बारे में बताया।
अपनी बहुमुखी प्रतिभा का परिचय देते हुए सभी बच्चों ने कविता, कहानी और स्तोत्र का वाचन किया। उनके साथ बहुमुखी प्रतिभा के धनी दो किशोर वय लेखकों-सुश्री सन्निधि वर्मा और श्री अंशुमान मिश्रा का इंटरव्यू भी शामिल किया गया। इन दोनों प्रतिभाशाली लेखकों ने अपनी-अपनी पुस्तकें प्रकाशित की हैं। अंशुमान मिश्रा ने सकारात्मक सोच से परिपूर्ण ‘जिन्दगी के रास्ते पर’ पुस्तक का सृजन और प्रकाशन बिना किसी की सहायता के किया है। वे आगे निरन्तर लेखन में सक्रिय हैं। उन्होंने अपनी कहानियों का वाचन किया और सभी श्रोताओं से प्रशंसा प्राप्त की।
सन्निधि वर्मा हिन्दी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में कविताएं लिखती हैं। उनके दो साझा संकलन प्रकाशित हो चुके हैं और वे स्टोरी मिरर द्वारा ‘ऑथर ऑफ द ईयर’ के लिए नामांकित हुई हैं। वे खेलकूद, नृत्य और अन्य क्षेत्रों में भी सक्रिय हैं। उन्होंने कोरोना महामारी की वजह से स्कूल के बच्चों पर पड़ने वाले प्रभावों पर बहुत ही मर्मस्पर्शी कविता सुनाकर दर्शकों को भावविभोर कर दिया। गणतंत्र दिवस 2023 के अवसर पर ‘राष्ट्रीय बाल कवि सम्मेलन’ का आयोजन भी इस शृंखला का एक अटूट हिस्सा बन गया है। सूत्रधार मंच आगे भी बाल कलाकारों को प्रोत्साहन देने के लिए इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा।
अकस्मात वज्रपात
सब कुछ बहुत अच्छे ढंग से चल रहा था लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। कोरोना काल की चुनौतियां अब कम हो गई थी इसलिए सभी सदस्य एक ऑफलाइन कार्यक्रम की मांग कर रहे थे। इसलिए 13 नवम्बर 2022 को एक वृहद कार्यक्रम के आयोजन की रूपरेखा तैयार की गई। जिसमें संस्था का उद्घाटन, पुस्तक लोकार्पण और कवि सम्मेलन का आयोजन शामिल था। सभी तैयारियां पूरी हो चुकी थी लेकिन 3 दिन पूर्व अकस्मात हृदयाघात के कारण मेरे पतिदेव का निधन हो गया। मुझ पर और मेरे बच्चों पर तो जैसे वज्रपात हो गया और मन इस अनहोनी को स्वीकार ही नहीं कर रहा था। लेकिन ईश्वर को शायद यही मंजूर था। बहुत मुश्किल से अपने आपको एवं बच्चों को संभाला और उनके अधूरे कार्य को पूरा करने हेतु हिम्मत जुटाई। किसी भी संस्था का गठन करना मुश्किल नहीं होता, लेकिन उसके कार्यक्रमों को निरन्तर जारी रखना सदैव चुनौतीपूर्ण होता है।
पुनः कार्यक्रम प्रारम्भ
मार्च 2023 में लाइव कार्यक्रम पुनः प्रारम्भ किए गए। जिनमें ‘सूत्रधार फाल्गुन महोत्सव युगल कवि सम्मेलन’ का आयोजन किया गया, जिसमें दिल्ली से जाने-माने ख्याति प्राप्त साहित्यकार युगल श्री लक्ष्मीशंकर वाजपेयी और ममता किरण, अमेरिका से अंतरराष्ट्रीय व्यंग्यकार डाॅ. हरीश नवल और कवयित्री एवं चित्रकार डॉ. स्नेह सुधा नवल, गुरुग्राम से सुप्रसिद्ध साहित्यकार दम्पत्ति श्री राकेश नमित और डॉ. नमिता राकेश की गरिमामय उपस्थिति रही। तत्पश्चात चैत्र नवरात्रि के शुभ अवसर पर पुनः ‘नौ दिवसीय मातृ भक्ति गीत महोत्सव’ का आयोजन किया गया। नौ दिन तक लगातार शाम 7 बजे से एक घंटे तक देश और विदेश से ख्याति प्राप्त साहित्यकारों ने माता की भक्ति में भक्ति गीतों की गंगा प्रवाहित की। इसी कड़ी में 23 अप्रैल 2023 को एक और कार्यक्रम जुड़ गया। वह था- अक्षय तृतीया महोत्सव विशेष गीत संध्या का आयोजन। रवीन्द्र नाथ टैगोर की जन्म जयन्ती के अवसर पर ‘रवीन्द्र जयन्ती संगीत समारोह’ और 14 मई 2023 को ‘मदर्स डे विशेष गीत-नृत्य महोत्सव’ में नन्हे-मुन्ने बाल कलाकारों द्वारा अपनी माताओं के सम्मान में एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दी गई।
तृतीय वार्षिकोत्सव समारोह का आयोजन
संस्था के स्थापना दिवस के अवसर पर ‘तृतीय वार्षिकोत्सव समारोह’ का ऑनलाइन आयोजन लगातार 3 दिन तक बहुत धूमधाम से किया गया। जिसके अन्तर्गत आयोजित ‘बहुभाषी कवि सम्मेलन’ में पूरे देश भर से 32 साहित्यकारों ने 17 भाषाओं में काव्य पाठ किया। दूसरे दिन ‘प्रवासी भारतीय कवयित्री सम्मेलन’ में संयुक्त राज्य अमेरिका, दुबई, कुवैत, केन्या और कनाडा से ख्याति प्राप्त कवयित्रियों ने अपनी शानदार प्रस्तुतियां दी। तीसरे दिन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में लब्ध प्रतिष्ठ गीतकारों ने अपने शानदार काव्य पाठ से कवि सम्मेलन में काव्य धारा की त्रिवेणी बहा दी।
सूत्रधार उद्घाटन समारोह, पुस्तक लोकार्पण एवं कवि सम्मेलन
सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, भारत हैदराबाद द्वारा अब तक 3 वर्षों की साहित्यिक एवं सांस्कृतिक यात्रा अनवरत ऑनलाइन जारी थी। अब 11 जून 2023 को संस्था द्वारा ऑफलाइन कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया जा रहा है। जो सुबह 11 बजे प्रारम्भ होकर शाम 6 बजे तक चलेगा। इसके अन्तर्गत संस्था का विधिवत उद्घाटन किया जाएगा। साथ ही साथ कहानीकार आर्या झा के कहानी संग्रह- ‘आधा इश्क़’ का लोकार्पण वरिष्ठ साहित्यकार डॉ अहिल्या मिश्र द्वारा किया जाएगा। यह कार्यक्रम केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, हैदराबाद केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। इसके साथ ही वृहद कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया जा रहा है।
आगे संस्था द्वारा सामाजिक दायित्व निर्वहन के अन्तर्गत वृद्धाश्रम और अनाथाश्रम आदि को सहयोग देना एवं उनके मनोरंजन हेतु कार्यक्रम का आयोजन करना शामिल है। साथ ही साथ बच्चों के रचनात्मक कार्यों को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करना भी शामिल है। वर्तमान में संस्था के कार्यों को देखते हुए मजरूह सुल्तानपुरी का एक शेर याद आ रहा है-
‘अकेला ही चला था जानिब-ए-मंजिल मगर,
लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया।’
सरिता सुराणा
संस्थापिका
सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, भारत
हैदराबाद