हैदराबाद: विगत दिनों रसायन और उर्वरक मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली के तत्वावधान में हिन्दी सलाहकार समिति की छमाही बैठक का संयोजन डॉ मनसुख मांडविया जी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। केंद्रीय मंत्री डॉ मांडविया जी एवं अन्य मंचस्थ एम पी सचिव तथा अधिकारी ने दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
डॉ अहिल्या मिश्र (हैदराबाद), डॉ दुर्गादत्त ओझा (जोधपुर), डॉ जोशी (अहमदाबाद), डॉ योगेश दुबे (मुंबई) एवं नागालैंड तथा असम के मानद सदस्यों के साथ विभिन्न विभागों के अधिकृत अधिकारी गण तथा मंत्रालय के अधीनस्थ सभी उपक्रमों के हिन्दी विभागों के अधिकारी गण ने कार्यक्रम में अपनी सहभागिता निभाई।
डॉ मनसुख मांडविया ने अध्यक्षीय टिप्पणी में कहा कि हिन्दी को जिस गति से हमें अपनाना चाहिये हम उस गतिशीलता से नहीं चल पा रहे हैं। किंतु हमारी कोशिश है कि सदस्यों द्वारा व्यक्त किए गये उपायों एवं समस्याओं पर हम पूरा ध्यान देकर इसका निदान करें। यथाशक्ति हिन्दी का देशव्यापी विस्तार हो सके।
उड़ीसा के वरिष्ठ एवं समिति के सदस्य ने सुझाव दिया कि हमारे मंत्रालय द्वारा व्यवहृत किये जानेवाले शब्दों का विधान स्वीकृत भाषाओं में शब्दकोश बनाया जाए। साथ ही इसे अपने मंत्रालय के प्रादेशिक स्तर पर विभिन्न सम्बद्ध विभागों में उपलब्ध करवाया जाए।
डॉ अहिल्या मिश्र ने अपने विचार रखते हुए कहा कि “ग” क्षेत्र में हिन्दी में मंत्रालय संबंधी पत्राचार बढ़ाया जाए। मद्रास (चेन्नई) फर्टिलाईजर में हिन्दी अधिकारी एवं विभाग के सभी पद रिक्त हैं। इसे यथाशीघ्र भरा जाए। हिन्दी उत्थान हेतु कई अन्य राय भी प्रस्तुत किये। सभी मानद सदस्यों ने भी अपनी-अपनी राय दी। इस दौरान सभी सदस्यों को शाल से सम्मानित किया गया।
डॉ अहिल्या मिश्र ने अंगवस्त्र एवं मोतीमाला से केन्द्रीय मंत्री डॉ मनसुख मांडविया का सम्मान किया। डॉ आशा मिश्रा ने मंत्री जी एवं सभी मंचस्थ अतिथियों को पुष्पक साहित्यिकी भेंट की। डॉ डी पी मिश्रा सलाहकार, केन्द्रीय मंत्री रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया। सचिव केन्द्रीय मंत्री, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के धन्यवाद से कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।