MIDHANI: ‘नई शिक्षा नीति : मातृभाषा और राजभाषा’ विषय पर डॉ संजय कुमार झा व प्रो शकीला खानम ने रखे यह विचार

हैदराबाद: गुरुवार को रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत भारत सरकार के उद्यम मिश्र धातु निगम लिमिटेड (मिधानि) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ संजय कुमार झा की अध्यक्षता में हिंदी दिवस समारोह-2022 के समापन के उपलक्ष्य में “नई शिक्षा नीति : मातृभाषा और राजभाषा” विषय पर व्याख्यान कार्यक्रम संपन्न हुआ। अध्यक्षीय भाषण में डॉ. संजय कुमार झा ने कहा कि आरंभिक शिक्षा मातृभाषा में करने के बाद विद्यार्थी को उच्च शिक्षा के लिए अंग्रेजी भाषा में पढ़ाई करना काफी कष्टकर होता है। वह मेहनत से अंग्रेजी सीखता है और फिर जब वह केंद्र सरकार के कार्यालय में काम करने आता है तो उसे राजभाषा हिंदी में काम करने की आवश्यकता होती है, तो उसे कार्यालयीन कामकाज की हिंदी भी सीखनी पड़ती है।

इसके लिए उसे फिर से मेहनत करनी पड़ती है। यह भी थोड़ा कष्टकर होता है। किंतु हिंदी शिक्षण योजना के तहत हिंदी भाषा का प्रशिक्षण प्राप्त करके कर्मचारी अपना कामकाज हिंदी में करने के लिए कार्यसाधक ज्ञान अर्जित कर सकते हैं। मिधानि के कर्मचारी निर्धारित प्रतिशत के अनुसार कार्यसाधक ज्ञान अर्जित कर चुके हैं। इसके आधार पर ही मिधानि का नाम भारत के गजट में अनुसूचित किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि नई शिक्षा नीति के सुचारू रूप से लागू होने पर विद्यार्थियों को शायद भाषा की समस्या का सामना करना नहीं पड़ेगा। वे अपनी मातृभाषा में दक्ष होने के साथ-साथ देश की राजभाषा में भी संप्रेषण के लिए सक्षम होनी संभानाएँ अवश्य ही बढ़ जाएँगी।

कार्यक्रम की मुख्य वक्ता प्रो. शकीला खानम, डीन, कला संकाय, डॉ. बी. आर अम्बेडकर सार्वत्रिक विश्वविद्यालय ने “नई शिक्षा नीति : मातृभाषा और राजभाषा” विषय पर अपने व्याख्यान देते हुए कहा कि बालक के शिक्षण में मातृभाषा की बहुत बड़ी भूमिका है। इसी मनोविज्ञान के आधार पर सरकार ने नई शिक्षा नीति 2020 बनाई है। उन्होंने कहा कि भारत में 1968 व 1986 के 34 साल बाद तीसरी बार शिक्षा नीति में परिवर्तन का प्रयास इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति के द्वारा किया गया है जिसका उद्देश्य सभी को शत प्रतिशत भविष्यपरक व रोजगारपरक शिक्षा देना है। इसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय किया गया है जिसके अंतर्गत शिक्षा विभाग आता है।अब बच्चों का स्कूल में दाखिला 6 साल के बजाय 3 साल में किया जाएगा। इस नई शिक्षा नीति में 10+2 स्ट्रीम सिस्टम का विलोप करके 5+3+3+4 मल्टिपल एंट्री व एग्जिट सिस्टम को अपनाया गया है। जिसके तहत बच्चों को पहले 5+ प्रोग्राम में पहले 3 साल तक किसी स्कूल या आँगनवाड़ी में प्ले स्कूल की तरह खेलना-कूदना शामिल रहेगा।

तत्पश्चात क्रमश: कक्षा 1 व कक्षा 2 की पढ़ाई कराई जाएगी। इसे फाउंडेशन स्टेज नाम दिया गया है। इसमें कोई परीक्षा नहीं होगी। इसके बाद अगले +3 प्रोग्राम में क्रमश: कक्षा 3, 4 व 5 की पढ़ाई होगी जो स्थानीय या मातृभाषा में होगी। इसे प्रीपेटरी स्टेज नाम दिया गया है। इसके बाद अगले +3 प्रोग्राम में क्रमश: कक्षा 6, 7 व 8 की पढ़ाई कराई जाएगी, जिसे मिडिल स्टेज नाम दिया गया है। इसमें परंपरागत विषयों के अलावा कंप्यूटर की शिक्षा तथा अन्य रुचि अनुसार व्यवसायिक पाठ्यक्रम शामिल किया जाएगा और भारत की अनुसूचित भाषाओं में से किसी एक भाषा की पढ़ाई कराई जाएगी। कक्षा 6 से व्यवसायिक शिक्षा उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएगी, जिससे कि कौशल विकास सही समय पर प्रारंभ किया जा सके। इसके अंतिम +4 प्रोग्राम के तहत कक्षा 9, 10, 11 व कक्षा 12 की पढ़ाई कराई जाएगी, जिसे सेकेण्डरी स्टेज नाम दिया गया है। इसमें स्ट्रीम जैसे कामर्स, आर्ट या विज्ञान न चुनकर किसी से भी रुचि अनुसार विषय चयन कर सकेंगे और एक विदेशी भाषा का भी ज्ञान दिया जाएगा।

डॉ. खानम ने बाताया कि नई शिक्षा नीति में 21वीं सदी के अनुरूप कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग, क्रिप्टो, व्लॉकचेन संबंधी आधुनिक पाठ्यक्रम भी शामिल किए जाएंगे जिससे स्नातक स्तर पर शिक्षार्थियों को लचीले पाठ्यक्रम से अपने रूचि के अनुसार विषय का चयन करने में आसानी हो सकती है। इसमें विभिन्न स्तर (वर्षों की शिक्षा) पर प्रवेश तथा निकास करने की भी व्यवस्था है। सर्टिफिकेट, डिप्लोमा अथवा स्नातक की उपाधि दी जाएंगी। चूंकि आरंभिक शिक्षा स्थानीय भाषा या मातृभाषा में होगी और भारत की अन्य भाषाओं से जब चयन का अवसर मिलेगा तो संभव है अभिभावक अपने बालकों के लिए देश की राजभाषा का चयन करें। उच्च शिक्षा भी मातृभाषा तथा राजभाषा में करने की व्यवस्था रहेगी। इससे हिंदी में कामकाज करने की दिकतों का समाधान हो पाएगा। संविधान के लागू होने के बाद से अब तक केंद्र सरकार के कार्यालयों में हिंदी के जितना काम हो रहा है उसे नई शिक्षा नीति को मॉडल में पढ़कर आए विद्यार्थियों द्वारा गति प्रदान करने की संभावनाएँ अवश्य बढ़ जाएँगी।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. उपेंदर वेन्नम, आईपीओस, मुख्य सतर्कता अधिकारी ने कहा कि मातृभाषा हम माँ से सीखते हैं। माँ हमारी प्रथम गुरु होती है। जिस तरह वह हमें इस जगत में लाती है उसी तरह हम माँ से मिली भाषा के माध्यम से इस जगत को देखने और समझने का प्रयास करते हैं। जो विध्यविद्यार्थी मातृभाषा में दक्ष होते वे विश्व की अन्य भाषाओं को बड़ी आसानी से सीखते हैं। मातृभाषा में अध्ययन न करने के कारण ही शायद इस समय के विद्यार्थियों के सामने अंग्रेजी तथा हिंदी में संप्रेषण की कमी देखी जा रही है। मातृभाषा एक खिड़की के समान है जो विश्व की अन्य भाषाओं के साथ जुड़ने और सीखने में बड़ी भूमिका निभा सकती है। इसीलिए विद्यार्थियों को चाहिए कि वे चाहे किसी माध्यम से विद्याध्ययन करें किंतु मातृभाषा की पुस्तकें पढ़ते रहें। पठन से भाषा कौशल में अवश्य सुधार होता है और लिखित व मौखिक संप्रेषण के समय शब्द चयन की कला वे सीख सकते हैं।

कार्यक्रम के अंत में अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, मुख्य सतर्कता अधिकारी तथा मुख्य अतिथि ने हिंदी पक्षोत्सव के अवसर पर आयोजित शब्दावली, निबंध, वाक, प्रेरक प्रसंग और प्रश्नमंच प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कारों से सम्मानित किया। इन सभी प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले वाईड प्लेट मिल को रोलिंग ट्रॉफी ‘मिधानि राजभाषा गरिमा पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। इसी के साथ वर्ष 2021-22 के दौरान कार्यालय का कामकाज हिंदी में करने वाले 50 कर्मचारियों को नकद पुरस्कार तथा प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। प्रतियोगिताओं के निर्णायक श्री प्रवीण एस वारद, उ.म.प्र. (भंडार), श्री टीजे राव, उ.म.प्र. (ईएमएस व सीओई), श्री सत्यनारायण, हिंदी अध्यापक (डीएवी स्कूल) और श्रीमती सावित्री, हिंदी अध्यापक (डीएवी स्कूल) को स्मृति चिह्न देकर सम्मानिक किया गया।

कार्यक्रम के आरंभ में श्री प्रवीण एस वारद, उप महाप्रबंधक (भंडार) तथा डॉ. सौरभ दीक्षित, वरि. प्र. (एएमडी) ने हिंदी दिवस पर जारी किए गए माननीय गृह मंत्री और माननीय रक्षा मंत्री के संदेश का क्रमशः वाचन किया। इस अवसर पर श्री रोहित निगुडकर, उ.म.प्र. (वित्त एवं लेखा) ने अपनी स्वरचित कविताओं का वाचन किया।

कार्यक्रम का शुभारंक्ष दीप प्रज्वलन तथा श्रीमती सुंधुमाधुरी, उ.प्र. (वित्त एवं लेखा), श्रीमती पी वर्षा, कनिष्ठ कार्यपालक (वित्त) तथा श्री विजय कुमार कुशवाह, तकनीशीयन, मेल्टशॉप द्वारा मिधानि गीत से हुआ। संचालन डॉ. बी. बालाजी, उप प्रबंधक (हिंदी अनुभाग एवं निगम संचार) ने किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में हिंदी अनुभाग की अवर कार्यपालक श्रीमती डी वी रत्ना कुमारी का सक्रिय सहयोग रहा। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ।

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