हैदराबाद: दिल्ली शराब घोटाला तेलुगु राज्यों में हड़कंप मचा रहा है। सीबीआई अधिकारियों ने इस मामले की जांच तेज कर दी है। इस घोटाले में संदिग्ध माने जाने वाले तेलुगु राज्यों के प्रमुख लोगों के मकानों और कार्यालयों पर सीबीआई की छापेमारी की गई। कई लोगों को हिरासत में लिया गया और पूछताछ की गई। उनके द्वारा दिए गए बयानों और एकत्र किए गए सबूतों के आधार पर पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया।
इसी क्रम में बोइनापल्ली अभिषेक राव को 9 अक्टूबर को हैदराबाद से गिरफ्तार किया। यह चर्चा का गर्म विषय बना है। टीआरएस नेताओं से अच्छे संबंध रखने वाले अभिषेक राव की गिरफ्तारी दोनों तेलुगु राज्यों में हड़कंप मच गया है। इससे पहले गिरफ्तार विजय नायर के बयान के आधार पर सीबीआई के अधिकारियों ने बोइनपल्ली अभिषेक राव को हैदराबाद से गिरफ्तार कर दिल्ली ले गई। दो दिन की जांच और पूछताछ के बाद अधिकारियों ने अभिषेक राव की हिरासत रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में शराब घोटाले से जुड़े अहम पहलुओं का खुलासा हुआ है।
अधिकारियों ने जांच में पाया कि शराब घोटाले में दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद में बैठकें की गई। सीबीआई जांच में यह भी खुलासा हुआ कि अभिषेक राव ने दिल्ली शराब घोटाले में अहम भूमिका निभाई। सीबीआई अधिकारियों ने खुलासा किया कि अभिषेक राव ‘सौतालाभी’ के नाम से लेन-देन करता रहा है। इंडो स्पिरिट के मालिक विजय नायर और दिनेश अरोड़ा के साथ मिलकर घोटाले की योजना बनाई है। नवंबर 2021 से जुलाई 2022 तक यह पाया गया है कि आरोपियों ने कई बैठकें की हैं।
अधिकारियों ने बताया कि बोइनपल्ली अभिषेक राव ने सौतालाभी के नाम से पैसे वसूल किए। अधिकारियों ने यह भी पाया कि इस तरह से एकत्रित किये गये 3.80 करोड़ रुपये हवाला के रूप में ट्रांसफर किए गए। खुलासा हुआ है कि अभिषेक ने हवाला के रूप में समीर महेंद्रू को पैसे ट्रांसफर किए हैं। इस सिलसिले में सीबीआई अधिकारियों ने अभिषेक से कई बार कैश अफेयर्स को लेकर पूछताछ की। अभिषेक को दिल्ली के बड़ी हस्तियों ने 3 एकाउंट से पैसे भेजे हैं।
हालांकि, अभिषेक राव से 8 बार पूछताछ कर चुके सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि अभिषेक यह नहीं बता रहे हैं कि पैसे किसने भेजे हैं। पता चला कि अभिषेक ने कुछ सरकारी अधिकारियों को हवाला के रूप में पैसे दिए हैं। दिल्ली शराब घोटाले में अहम भूमिका निभाने वाले अभिषेक राव ही जानते हैं कि इस घोटाले में किसे पैसा मिला है। लेकिन उसने जांच के दौरान अपना मुंह नहीं खोला। अगर उसका मुंह खुलता है तो अनेक सरकारी अधिकारी और राजनीतिक नेताओं के नाम सामने आएंगे। सीबीआई अधिकारियों ने खुलासा किया कि कुछ अन्य संदिग्ध आरोपियों की भूमिका पर भी स्पष्टता आएगी।