हैदराबाद : इलेक्ट्रॉनिक कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) को केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने 13 जुलाई 2021 को हिंदी में प्रौद्योगिकी अनुवाद के क्षेत्र में उद्यमिता विषय पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में विशेष रुप से आमंत्रित आमंत्रित किया। इस अवसर पर ईसीआईएल मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी (राजभाषा) एवं प्रभारी, राजभाषा अनुभाग डॉक्टर राजनारायण अवस्थी ने प्रौद्योगिकी अनुवाद के क्षेत्र में ईसीआईएल को उद्यम का केंद्र बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों तथा इस क्षेत्र में छात्रों के लिए विभिन्न सुअवसर पर प्रसूतीकरण दिया।
उन्होंने कहा कि ईसीआईएल प्रौद्योगिकी अनुवाद से विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों एवं शोधार्थियों को उद्यमशील बनाने की दिशा में निरंतर अग्रसर है। प्रस्तुतीकरण में इस बात पर भी बल दिया गया कि आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति तथा कुशल भारत जैसी महत्वपूर्ण नीतियों को साकार तथा प्रभावी एवं परिणाम उन्मुखी बनाने की दिशा में प्रौद्योगिकी अनुवाद अत्यंत महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रोफ़ेसर केपी सुरेश, अधिष्ठाता, अकादमी ने किया। उन्होंने भाषा एवं प्रौद्योगिकी अनुवाद के विभिन्न उद्यमीशील आयामों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस दिशा में विश्वविद्यालय सतत कार्य कर रहा है। प्रोफेसर जैकब के, समन्वयक, प्लेसमेंट प्रकोष्ठ ने भी भाषा एवं अनुवाद के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए विश्वविद्यालयों तथा इस क्षेत्र में कार्य करें भाषा एवं प्रौद्योगिकी के विषय विशेषज्ञों को साथ मिलकर कार्य करने से निश्चित रूप से भाषा अध्ययन के क्षेत्र में भी उद्यमशीलता का विकास होगा। उन्होंने यह भी कहा कि आज के समसामयिक सूचना प्रौद्योगिकी के युग में छात्रों को उद्यमशीश बनना अत्यंत आवश्यक है।
विश्वविद्यालय के हिंदी एवं तुलनात्मक साहित्य विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर तरु यस पवार ने इस राष्ट्र कार्यशाला का सार्थकता पर प्रकाश डालते हुए सारगर्भित विचार रखें। उन्होंने कहा कि ईसीआईएल जैसे अंतरराष्ट्रीय महत्व के संस्थान के साथ जुड़कर विश्वविद्यालय के छात्राओं को प्रौद्योगिकी अनुवाद की दिशा में निश्चित ही उद्यमशील प्राप्त होगा।
कार्यक्रम का कुशल संचालन तथा विषय परिवर्तन डॉ सीमा चंद्रन सहायक प्रोफेसर तथा समन्वयक, प्लेसमेंट प्रकोष्ठ ने किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के अध्यापक, छात्र, शोधार्थियों सहित अनेक विश्वविद्यालयों कथा तथा राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थानों के अध्यापकों, शोधार्थियों एवं छात्रों ने सहभागिता की।