केंद्रीय हिंदी संस्थान: 450वां नवीकरण पाठ्यक्रम संपन्न, डॉ के श्याम सुंदर बोले- “हिंदी की सेवा को देश की सेवा के रूप में देखें”

हैदराबाद: केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र में तेलंगाना ट्राइबल वेलफेयर रेजिडेंशियल एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस सोसाइटी (TTWREIS) के गुरुकुल आश्रम के हिंदी अध्यापकों के लिए 450वां ऑफलाइन नवीकरण पाठ्यक्रम 11 से 22 जुलाई तक क्षेत्रीय निदेशक डॉ गंगाधर वानोडे के नेतृत्व में आयोजित किया गया।

डॉ गंगाधर वानोडे (क्षेत्रीय निदेशक केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र) इस नवीकरण पाठ्यक्रम के संयोजक हैं। जिसमें जिसमें अध्यापकों के स्तर की जाँच की गई। इस पाठ्यक्रम में कुल 35 (33 महिला, 02 पुरुष) प्रतिभागियों ने नियमित कक्षा में भाग लिया।

यह पाठ्यक्रम 11 जुलाई से अध्यापन कार्य हेतु विधिवत कक्षाएँ संचालित की गई। इस पाठ्यक्रम में डॉ गंगाधर वानोडे ने भाषा विज्ञान, ध्वनि विचार, उच्चारण, लेखन, व्यावहारिक हिंदी संरचना एवं भाषा परिमार्जन के साथ-साथ ध्वनि विज्ञान, व्याकरण, सर्जनात्मक लेखन, पुस्तक पाठ, अभ्यास चर्चा, मौखिक अभिव्यक्त, वाचन लेखन विषयक जानकारी दी।

इनके अलावा डॉ कामेश्वरी ने व्याकरण तथा उसके विविध पक्ष, डॉ पीआर घनाते ने हिंदी भाषा का उद्भव विकास एवं भारतीय संस्कृति, डॉ विनीता कृष्णा सिन्हा ने हिंदी साहित्य का संक्षिप्त इतिहास, पाठ्यपुस्तक चर्चा/विश्लेषण, डॉ राजीव कुमार सिंह ने हिंदी शिक्षण में प्रौद्योगिकी का प्रयोग, हिंदी में रोजगार की समस्याएँ, श्री सी पी सिंह ने शिक्षा मनोविज्ञान, पाठ्योजना, भाषा कौशल, भाषा शिक्षण एवं साहित्य शिक्षण, डॉ के श्याम सुंदर ने प्रयोजनमूलक हिंदी एवं सृजनात्मक लेखन और डॉ अनीता गांगुली ने वाक्य संरचना, संधि तथा समास आदि विषयों की जानकारी दी तथा समस्याओं का समाधान स्मार्ट बोर्ड तथा श्यामपट्ट पर लिखकर किया।

इसी क्रम में 21 जुलाई को ‘पर परीक्षण’ लिया गया। परीक्षण का परिणाम 22 जुलाई को घोषित किया गया। परीक्षण के आधार पर प्रथम पुरस्कार श्रीमती बी चंद्रकला, द्वितीय पुरस्कार श्रीमती टी वाणीश्री तथा तृतीय पुरस्कार के प्रसन्ना लक्ष्मी को प्राप्त हुआ। इस दौरान प्रतिभागियों द्वारा हस्तलिखित पत्रिका ‘ज्ञान कलश’ की रचना की गई।

नवीकरण पाठ्यक्रम का समापन समारोह की अध्यक्षता एवं संयोजक/क्षेत्रीय निदेशक डॉ गंगाधर वानोडे ने की। मुख्य अतिथि के रूप में गुरुकुल आश्रम (तेलंगाना) के उप-सचिव श्रीनिवास रेड्डी, विशिष्ट अतिथि के रूप में ओएसडी श्रीनिवासन कुमार एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री कोटेश्वर राव एवं अतिथि अध्यापक डॉ के श्यामसुंदर तथा केंद्र के सदस्य डॉ एस राधा एवं हिंदी अध्यापक प्रतिभागी उपस्थित थे।

प्रतिभागियों ने उपस्थित सभी अतिथियों का पुष्पगुच्छ तथा शॉल भेंट कर स्वागत किया। इस दौरान प्रतिभागियों ने नवीकरण पाठ्यक्रम के संबंध में अपनी अपनी प्रतिक्रियाएँ व्यक्त कीं और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

उप सचिव श्री श्रीनिवास रेड्डी ने प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तुत मंतव्य तथा प्रतिक्रिया पर संतोष व्यक्त किया तथा भविष्य विद्यालय के छात्रों को इस पाठ्यक्रम से प्राप्त ज्ञान के अनुसार अध्यापन कार्य करने का सुझाव दिया। ओएसडी श्री श्रीनिवासन तथा कोटेश्वर राव ने प्रतिभागियों को आशीर्वचन दिया।

डॉ के श्याम सुंदर ने प्रतिभागियों को आशीर्वचन देते हुए कहा कि वे हिंदी की सेवा को अपने देश की सेवा के रूप में देखें। प्रशिक्षण में प्राप्त ज्ञान का उपयोग कर विद्यार्थियों में रूचि उत्पन्न करें।

इस अवसर पर प्रतिभागी अध्यापकों ने गुरुकुल आश्रम विभाग से पधारे पदाधिकारियों को अपनी समस्याओं से अवगत कराया। कार्यक्रम समाप्ति के पाश्चात संस्थान की सदस्य डॉ एस राधा ने उपस्थित सभी महानुभवों तथा प्रतिभागियों के प्रति आधार व्यक्त किया। समापन समारोह का सफल संचालन हिंदी अध्यापिका श्रीमती पी नाग वसंता ने किया। अन्य कार्यक्रमों में सभी प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया

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