हैदराबाद: हर साल राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा दिखाने वाली पंचायतों को पुरस्कार दिये जाते हैं। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए तेलंगाना के 19 गांवों को चार श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार मिले हैं। इनमें मुख्यमंत्री फार्म हाउस के पास स्थित एर्रावेल्ली गांव को भी सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार मिला है।
इस महीने की 24 तारीख को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जा रहा है। इसी क्रम में तेलंगाना में चयनित पंचायतों में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाये और अधिकारी इस सभाओं में भाग ले। इसके चलते केंद्रीय ग्रामीण विकास सचिव ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव को एक पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में तेलंगाना में पुरस्कार के लिए चयनित पंचायतों में सभाओं का आयोजन करने और अधिकारियों को भाग लेने का निर्देश दिया है।
जिला श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ जिले के रूप में सिरिसिल्ला को मान्यता मिली है। प्रमुख पंचायत (मंडलस्तर) श्रेणी में वरंगल जिले के पर्वतगिरि, पेद्दापल्ली जिला के पेद्दापल्ली, सूर्यापेट जिले के तिरुमलगिरी और जगित्याल जिले के कोडिम्याला को चुना गया है। बाल हितैषी पंचायत के रूप में वनपर्ती जिले के चंद्रपुर और विकास योजना में उत्तम पंचायत के रूप में सिद्दीपेट जिले के मार्कुक मंडल के एर्रावेली और नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार के लिए नारायणपेट जिले के मक्तल मंडल के मंतंगोड गांव का चयन किया गया।
उत्तम पंचायत के रूप में आदिलाबाद जिले के मुखरा (के), करीमनगर जिले के वेल्चाला, महबूबाबाद जिले के वेंकटपुरम, सिद्दीपेट जिले के जक्कापुर व बुरुगुपल्ली, महबूबनगर जिले के गुंड्लापोट्लपल्ली, सिरिसिल्ला जिले के मद्दीकुंटा व मंडेपल्ली, वरंगल जिले के मरियापुरम, पेद्दापल्ली जिले के नागरम व हरिपुरम गांव चुने गये हैं।
केंद्रीय ग्रामीण विकास सचिव ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से सर्वश्रेष्ठ चयनित ग्राम पंचायतों के खातों में नकद राशि सीधे जमा की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि पिछले वर्ष पुरस्कार प्राप्त करने वाले गांवों को प्राप्त सहायता राशि को किसी उद्देश्य के लिए कैसे खर्च किया गया है इसके उपयोगिता प्रमाण पत्र विवरण इस माह की 15 तारीख तक सौंपा जाये।
आपको बता दें कि हर साल देश में 24अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में मनाया जाता है। पंचायती राज मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस का आयोजन किया जाता है। देश में पहली बार अप्रैल 2010 में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया गया था। महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज सपने को सकार करते हुए, 1992 में संविधान में 73वां संशोधन किया गया और पंचायती राज संस्थान के कॉन्सेप्ट को पेश किया गया। 24 अप्रैल को 73वां संवैधानिक संशोधन लागू हुआ था।
24 अप्रैल 1993 देश के ज़मीनी स्तर पर सत्तान के विकेन्द्री करण के इतिहास में सबसे महत्व पूर्ण दिनों में से एक है। इस कानून की द्वारा स्थानीय निकायों को ज्यादा से ज्यादा शक्तियां दी गई है। उनको आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय की शक्ति और जिम्मेदारियां दी गई। राजस्थान पहला ऐसा राज्य था जिसने 1959में दिवंगत प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के समय में पंचायती राज व्यवस्था लागू किया था।
पिछले वर्ष प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर एकीकृत ई-ग्रामस्वराज पोर्टल और एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया था। यह पंचायती राज मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक नई पहल थी। इसके द्वारा ग्राम पंचायतों को अपनी ग्राम पंचायत विकास योजना को तैयार करने और कार्यान्वित करने के लिए एक मंच मिल गया था। इसका उद्देश्य गांव में स्वामित्व योजना को ठीक कर संपत्ति को लेकर कलह की स्थिति को खत्म करना है।