हैदराबाद : साहित्य सेवा समिति, हैदराबाद तेलंगाना की 115 वीं गोष्ठी का आयोजन ऑनलाइन गूगल मीट पर सफलता पूर्ण संपन्न हुआ। मौसम के मिजाज को देखते हुए ऑनलाइन गोष्ठी करना सुखद रहा है। कार्यक्रम में तकनीकी सहयोग एवं संचालन गीता अग्रवाल द्वारा किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सुप्रतिष्ठित कवि पुरुषोत्तम कडे़ल की स्वरचित सरस्वती वंदना से हुआ।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र में चर्चा का विषय “महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध, कारण व निराकरण” रहा है। विषय प्रवेशक के रूप में कार्यक्रम के अध्यक्ष व समिति अध्यक्ष डॉ दया कृष्ण गोयल ने मानव सृजन के प्रारंभ से सनातनी युगों व ऐतिहासिक कालखंडों के साथ-साथ आधुनिक कानूनी परिधि की विषमताओं को समाहित करते हुए महिलाओं की दिशा व दशा को दर्शाया। श्रीमती ममता जायसवाल समिति की महामंत्री ने विषय प्रमुख प्रवक्ता डॉ अर्चना पांडेय सहायक निदेशक (राज भाषा डी आर डी एल डी आर डी ओ) का परिचय दिया।
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महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध व निराकरण के विषय की प्रमुख प्रवक्ता के रूप में डॉ अर्चना पांडेय ने विषय पर गंभीर व सार गर्भित प्रस्तुतिकरण किया। इन्होंने पौराणिक गाथाओं, वर्तमान नीतिपरक कथाओं, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ व कंगना रानावत आदि के वक्तव्यों के माध्यम से विषय को बड़ी गूढ़ता से प्रस्तुत किया। परिवेश माहौल में लिंग असमानता को अस्वीकारना व निजी निर्णय क्षमता का नारी में भाव विकास करने पर बल देते हुए अर्चना ने शारीरिक स्वास्थ्य बल के अतिरिक्त समाज में मानसिक विकृति को सुधारने पर बल दिया और सम विषयक कविता द्वारा अपने वक्तव्य को विराम दिया।
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इसी चर्चा को आगे बढ़ाते हुए जी परमेश्वर ने भीष्म पितामह को संदर्भित करते हुए समाज के दोहरे मानकीकरण पर प्रश्न उठाए। कवि पुरुषोत्तम कडेल ने फिल्मों व संस्कार हीनता को कारण मानते हुए मानव को स्वयं इसका जिम्मेदार बताया। दर्शन सिंह ने महिलाओं के प्रति अपराध के नवीन आकड़े प्रस्तुत किए। विभा भारती ने नारी को स्वतंत्रता और स्वच्छंदता की भिन्नता को समझाने की अपील की। वस्तुतः सभी प्रतिभागियों ने प्रमुखता कानून की कड़ाई, तेजी व सामाजिक चारित्रिक सुधार व नारी आत्मरक्षा बल पर जोर दिया।
प्रथम सत्र के समान द्वितीय सत्र का कुशल संचालन करते हुए गीता अग्रवाल ने महामंत्री ममता जायसवाल के संग काव्य गोष्ठी संपन्न करवाईं। काव्य गोष्ठी में गणमान्य कवियों में दया कृष्ण गोयल, डॉ अर्चना पांडेय, पुरुषोत्तम कडे़ल, गीता अग्रवाल, उमेश चंद यादव, ममता जायसवाल, दर्शन सिंह, विभा भारती, किरण सिंह, तृप्ति मिश्रा, उमेश चंद्र श्रीवास्तव, पूजा महेश, वर्षा शर्मा, इंदू सिंह, विनोद गिरि अनोखा, राजनाथ पांडेय, दयाशंकर, उपस्थित रहे एवं काव्य पाठ किया।
साहित्य सेवा समिति की गोष्ठी में कई साहित्य सुधिगण उपस्थित थे। मुख्य रूप से श्रुतिकांत भारती, डॉ सुषमा, गिरधारी लाल गुप्ता, उर्मिला पुरोहित, रचना चतुर्वेदी, कंचन श्रीवास्तव, रेखा अग्रवाल और अन्य शामिल है। दया कृष्ण गोयल के अध्यक्षीय टिप्पणी व पुरुषोत्तम कडेल के धन्यवाद ज्ञापन द्वारा कार्यक्रम का समापन हुआ।