हैदराबाद (नरेंद्र दिवाकर की रिपोर्ट) : वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन फ़ॉर धोबिस (WORD/वर्ड) की तरफ से यू पी बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा 2022 में कौशाम्बी जिले (उत्तर प्रदेश) में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों का सम्मान किया गया। वर्ड के सदस्यों ने साक्षी दिवाकर व पायल चौधरी, सिमरन चौधरी, लक्ष्मी देवी, अखिलेश दिवाकर, नेहा चौधरी, प्रशान्त चौधरी, मानसी चौधरी, खुशी चौधरी, प्रशान्त चौधरी, आकृष्ट चौधरी सहित समुदाय के दर्जनों बच्चों को उनके गांव-गांव, घर-घर जाकर हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा 2022 में उत्तीर्ण होने वाले प्रतिभाओं को सम्मानित किया।
वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन फ़ॉर धोबिस की तरफ से डॉक्टर विजय लाल कनौजिया, सामाजिक सक्रियतावादी प्रवीण दिवाकर, साथी संतोष चौधरी, वतन चौधरी और डॉक्टर नरेन्द्र दिवाकर ने सिराथू, सेहिया आमद करारी, मंझनपुर, बेहनपुरवा आदि गांवों में जाकर प्रतिभाओं को सामान्य अध्ययन की पुस्तकें और निष्काम कर्मयोगी राष्ट्रसंत गाडगे महाराज का फोटोफ्रेम भेंटकर सम्मानित किया और कैरियर संबंधी परामर्श एवं निर्देशन दिया।
वर्ड के सदस्यों ने छात्र-छात्राएं 10वीं और 12वीं के बाद कौन कौन से पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले सकते हैं और उनमें जॉब के क्या अवसर हैं इस पर भी जानकारी दी गई। बच्चों को यह भी बताया गया कि वे अपनी रुचि के अनुरूप पाठ्यक्रम में प्रवेश लें जिसमें वे अपना शतप्रतिशत दे सकें।
इस दौरान उन्हें यह भी आश्वस्त किया गया कि जो छात्र-छात्राएं एलएलबी, जेईई, मेडिकल, समाज कार्य, जन संचार, फ़िल्म एन्ड थिएटर, इंजीनियरिंग आदि जैसे व्यावसायिक/प्रोफेशनल व अन्य पाठ्यक्रम में प्रवेश लेना चाहते हैं या प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करना चाहते हैं उन्हें संबंधित क्षेत्र में कार्यरत विषय विशेषज्ञों से ऑनलाइन काउंसिलिंग का भी अवसर उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे वे आने डाउट क्लियर कर सकें।
संजीवनी हॉस्पिटल सरायअकिल कौशाम्बी में आदरणीय डा. आर के चौधरी जी और डा. अखिल चौधरी जी से मुलाकात कर मेडिकल संबंधी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के इच्छुक प्रतिभागियों के मार्गदर्शन हेतु अनुरोध किया गया जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकृति दी। भ्रमण के दौरान यह बात सामने आई कि अपने समुदाय में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। जागरूकता व कैरियर संबंधी उचित परामर्श मार्गदर्शन के आभाव में बहुत से बच्चे अपनी आगे की पढ़ाई नहीं जारी रख पाते क्योंकि घर वालों को और उन्हें भी लगता है कि उच्च शिक्षा लेने व आईएएस पीसीएस जैसी परीक्षाओं की तैयारी के लिए बहुत पैसों की जरूरत पड़ती है। यदि समय रहते बच्चों को उचित परामर्श एवं मार्गदर्शन मिल जाए तो हमारे समुदाय के बच्चे भी बहुत आगे निकल सकते हैं। गांव गांव जाकर प्रतिभाओं को सम्मानित करने का यह कार्य आगे भी जारी रहेगा।