कोनसीमा का नाम बदलने के पीछे क्या है राज? क्या है आंदोलनकारियों की मांग?? अंबेडकर का यह सम्मान या अपमान???

हैदराबाद: मंगलवार को आंध्र प्रदेश के कोनसीमा जिले में आंदोलकारियों की उग्र रूप से स्थिति काफी बदल गई। आंदोलनकारी अचानक भड़क उठे। बहुत बड़ा हंगामा किया। किसी ने भी इसकी कल्पना तक नहीं की थी। क्या है इस आंदोलन और विवाद की असली वजह। आंदोलनकारियों की मांग पर नजर डालें तो स्थिति स्पष्ट हो जाती है।

जगन सरकार ने हाल ही में नये जिले बनाये। इन नये जिलों में उगादी से प्रशासन की शुरुआत भी हो चुकी है। इसी क्रम में अमलापुरम को मुख्यालय बनाकर कोनसीमा जिला बनाया गया। अब यही से असली कहानी शुरू होती है। जिले का नाम डॉ बीआर अम्बेडकर के नाम पर रखे जाने की मांग दलित, जन संगठन और विभिन्न दलों से की गई। इसके लिए आंदोलन भी किये गये।

तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू ने भी ‘बादुडे बादुडु’ (पीटना ही पीटना) आंदोलन कार्यक्रम के तहत कोनसीमा जिले के मुम्मडिवरम का दौरा किया। वहां के स्थानीय नेताओं ने जिले का नाम बदलने के मुद्दे पर चंद्रबाबू नायुडू से चर्चा की। स्थानीय नेताओं के विचार जानने के बाद उन्होंने सरकार से कोनसीमा जिले का नाम बदलकर डॉ बीआर अंबेडकर जिला करने की भी मांग की। जगन सरकार ने इन सभी अनुरोधों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। जिले का नाम बदलकर डॉ बीआर अंबेडकर जिला करने का निर्णय लिया और तुरंत कोनसीमा जिले का नाम बदल दिया। घोषणा की कि डॉ बीआर अम्बेडकर कोनसीमा जिला किया है।

सरकार के इस फैसले पर दलित समुदायों, वाईएसआरसीपी के सांसदों और कार्यकर्ताओं ने डॉ बीआर अंबेडकर कोनसीमा जिला बनाये जाने के मौके पर जश्न मनाया। वहीं कुछ लोग इस फैसले का कड़ा विरोध करने लगे। तब से जिले में कहीं न कहीं सरकार के खिलाफ धरना आंदोलन जारी है।

शुक्रवार को कोनसीमा जिले के सभी हिस्सों से लोग अमलापुरम के जिलाधीश कार्यालय के पास एकत्रित हुए आंदोलन पर उतर आये। आंदोलनकारियों ने कहना है कि जिले का नाम बदलकर कोनसीमा कर दिया गया है, जो उनकी भौगोलिक पहचान नहीं है। प्रदर्शनकारियों ने जिले का नाम नहीं बदलने और कोनसीमा ही रहने देने के समर्थन में नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता अम्बेडकर के प्रति उनके मन में सम्मान है। लेकिन उनका तर्क है कि अंबेडकर का कोई लेना-देना नहीं है ऐसे कोनसीमा जिले को उनका नाम रखा जाना ठीक नहीं है। इसी मांग को लेकर अमलापुरम में आंदोलन शुरू हुआ। आंदोलनकारी मांग कर रहे है कि जिले का नाम कोनसीमा ही रहने दें।

आंदोलन को तेज होते देख पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है। एसपी सुब्बा रेड्डी ने पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि कोनसीमा जिले में सोमवार से एक सप्ताह के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है। कोनासीमा के अमलापुरम, पी गन्नावरम निर्वाचन क्षेत्र और कोत्तपेट, काट्रेनिकोना और रावुलापलेम मंडलों में धारा 144 लागू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में किसी भी रैली, विरोध प्रदर्शन या जनसभा की अनुमति नहीं है। हालांकि अब तक शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा विरोध प्रदर्शन अचानक उग्र रूप धारण किया है। आंदोलनकारियों ने मंत्री विधायक के मकानों को आग लगाई और वाहन जलाये। मंत्री और विधायक के परिवार और कर्मचारी जान बचाकर भाग गये। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आंदोलन कितना उग्र रहा होगा।

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