तेलंगाना में 18 साल से अधिक उम्र वालों को निजी वैक्सीन केंद्रों में टीका, और इनके लिए खास इंतेजाम

हैदराबाद : लोगों की बढ़ती परेशानी और चारों ओर से हो रही आलोचनाओं की बीच आखिर तेलंगाना सरकार ने 18 साल से ऊपर के लोगों को टीका लगाने को हरी झंडी दी है। इस महीने की 28 तारीख से साल 18 साल से अधिक उम्र के लोग राज्य भर के निजी वैक्सीन केंद्रों पर टीका लगा सकते हैं।

जन स्वास्थ्य निदेशक श्रीनिवास राव ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। सरकार ने स्पष्ट किया कि निजी अस्पताल के वैक्सीन केंद्रों को सरकार वैक्सीन की आपूर्ति नहीं करेगी और वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से सीधे ऑर्डर देकर खरीद सकती है।

सरकार ने आगे कहा कि उत्पाद कंपनियों से खरीदी गई टीकों के मूल्य पर लोगों से 150 रुपये सेवा शुल्क वसूल कर सकती है। इससे अधिक रकम लेने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने निजी अस्पतालों से कहा है कि अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों के साथ समन्वय करके निजी वैक्सीन केंद्रों के माध्यम से कार्यस्थल में टीकाकरण कर सकती हैं। इसके अलावा बड़े समुदायों, कॉलोनियों, आईटी कंपनियों और सभी प्रकार के कार्यालयों में टीकाकरण के शिविर स्थापित किए जा सकते हैं।

सुपर-स्प्रेडर्स को पहली प्राथमिकता

स्वास्थ्य विभाग ने आगे कहा कि सरकारी केंद्रों में 18 वर्षीय सुपर-स्प्रेडर्स (Super-Spreaders) को प्राथमिकता देगी और उनका टीकाकरण इस महीने की 28 तारीख से करेगी। अधिकारियों का कहना है कि इसके लिए करीब 4.90 लाख वैक्सीन डोज तैयार किए जा चुके हैं। हालांकि अधिकारियों ने बताया है कि प्रदेश में करीब 30 लाख लोगों की पहचान सुपर-स्प्रेडर्स के तौर पर की गई है।

यह हैं सुपर-स्प्रेडर्स

सुपर-स्प्रेडर्स के रूप में ड्राइवर, गैस, फूड डिलीवरी बॉय, रॉशन डीलर, किराणा संचालक, पेट्रोल पंप कर्मचारी, स्ट्रीट वेंडर, रैतु बाजार के व्यापारी, दूध, फूल और फल विक्रेता, शराब की दुकान के कर्मचारी, कूरियर, मेडिकल शॉप के कर्मचारी, डाक, रेलवे, बैंक, बिजली और मंदिरों में काम करने वाले कर्मचारियों की पहचान की गई। केंद्र से आने वाली खुराकों की संख्या के आधार पर इन सभी को चरणबद्ध तरीके से टीकाकरण किया जाएगा।

मंत्री हरीश राव ने की समीक्षा

मंत्री हरीश राव और सीएस सोमेश कुमार ने बीआरके भवन में सुपर-स्प्रेडर्स के टीकाकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की है। सुपर-स्प्रेडर्स की पहचान और प्रक्रियाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। पहले ऑटो चालकों का टीकाकरण करने का फैसला लिया गया। इनमें से एक लाख से अधिक ऑटो चालक जीएचएमसी में हैं और इन सभी के लिए एक ही दिन में टीकाकरण पूरा करने की व्यवस्था की जा रही है। ऑटो चालकों की पहचान करने की जिम्मेदारी परिवहन विभाग को सौंपा गया है। उसके बाद संबंधित संघों के माध्यम से पंजीकरण किये जाने वालों को आरटीए कार्यालयों में टीका लगाया जाएगा। इनमें एक लाख से अधिक जीएचएमसी में हैं और उन सभी के लिए एक ही दिन में टीकाकरण पूरा करने की व्यवस्था की जा रही है।

आपको बता दें कि तेलंगाना में कुछ दिनों से टीकाकरण बंद है। सरकार की ओर से बताया गया कि वैक्सीन उपलब्ध होने के कारण टीकाकरण बंद करने का फैसला लिया गया है।

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