किसानों के आत्महत्या मामलों में तेलंगाना चौथे स्थान पर : NCRB

हैदराबाद : सरकार की योजनाएं किसानों की आत्महत्याओं को रोक नहीं पा रही है। तेलंगाना सरकार कह रही है कि हमारी सरकार किसानों की हितों की है। किसानों के कल्याण के लिए अनेक योजनाओं को लागू कर रहे हैं। मगर किसानों की आत्महत्याओं को रोकने में नाकाम साबित हो गई है।

तेलंगाना सरकार की प्रतिष्ठित ‘रैतु बंधु’ और ‘रैतु बीमा’ किसानों के लिए काफी नहीं हो रही है। इसके चलते किसानों के आत्महत्याओं के मामले में देश में तेलंगाना चौथे और आंध्र प्रदेश तीसरे स्थान पर हैं।

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 में तेलंगाना में 466 किसानों ने आत्महत्या कर लिये हैं। इनके अलावा पांच मजदूर किसानों ने भी आत्महत्या की हैं। इसके साथ ही तेलंगाना में कुल 471 किसानों ने आत्महत्या कर ली हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, पूरे देश में 5,567 किसानों ने आत्महत्या की हैं। इनमें सबसे अधिक यानी पहले स्थान पर महाराष्ट्र है। महाराष्ट्र में 2,567 किसानों ने आत्महत्या कर ली हैं। दूसरे स्थान पर कर्नाटक है। कर्नाटक में 1,072 किसानों ने आत्महत्या की हैं। तीसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश है। एपी में 563 किसानों ने आत्महत्या की हैं। चौथे स्थान पर तेलंगाना है। तेलंगाना में 466 किसानों ने आत्महत्या कर ली हैं।

तेलंगाना में आत्महत्या करने वालों में 419 पुरुष और 47 महिलाएं हैं। इसके अलावा आत्महत्या करने वाले पांच मजदूर किसानों में चार पुरुष और एक महिला शामिल हैं।

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