हैदराबाद : तेलंगाना उच्च न्यायालय ने यूनेस्को की ओर से विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किये जाने के बाद रामप्पा मंदिर के संरक्षण की जांच शुरू की है। मीडिया में रामप्पा मंदिर को लेकर आये लेखों को संज्ञान (सुमोटो) में लेते हुए हाईकोर्ट ने अहम आदेश जारी किये हैं। मुख्य न्यायाधीश हिमा कोहली और न्यायमूर्ति विजयसेन रेड्डी की खंडपीठ ने सरकार को निर्देश दिया कि रामप्पा मंदिर को यूनेस्को की ओर से निर्धारित समय सीमा के भीतर संरक्षित किया जाये। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने अहम टिप्पणियां भी की है।
खंडपीठ ने कहा कि रामप्पा मंदिर को विश्व धरोहर के रूप में पहचान मिलना तेलंगाना के लिए गर्व की बात है। रामप्पा मंदिर दुनिया के नक्शे में खड़ा होना प्रसन्नता की बात है। हाईकोर्ट ने सरकार को इसके व्यापक देखभाल के लिए तुरंत एक समिति गठित करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि तेलंगाना पुरातत्व विभाग, कलेक्टर और पुलिस के साथ तुरंत एक कमेटी गठित की जाये। खंडपीठ ने निर्देश दिया कि 4 अगस्त के भीतर समिति की पहली बैठक हो जाये।
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हाईकोर्ट ने क्षेत्रीय स्तर का निरीक्षण करने और विश्व धरोहर संपत्ति के संरक्षण के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने का भी आदेश दिया है। रामप्पा मंदिर को वैश्विक अपेक्षाओं के अनुरूप विकसित किया जाये। ऐसा होने पर यह एक वैश्विक पर्यटन स्थल बन जाएगा। खंडपीठ ने चेतावनी दी कि अगर विरासत संरक्षण के मामले में अधिकारियों की ओर से लापरवाही बरती गई तो पूरा देश हमारी निंदा करेगा और दोषी ठहराएगा। उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि रामप्पा मंदिर के विकास मुद्दे को कोर्ट स्वयं देखरेख करेगी।