हैदराबाद : तेलंगाना सरकार ने नागार्जुन सागर में बिजली उत्पादन रोक दिया है। 29 जून से नागार्जुन सागर में बिजली उत्पादन शुरू करने वाली जेन्को ने 30 मिलियन (3 करोड़) यूनिट बिजली का उत्पादन किया है। लगातार 11 दिनों तक बिजली का उत्पादन होता रहा। तेलंगाना सरकार के बिजली उत्पादन किये जाने को लेकर दोनों राज्यों के बीच विवाद उठ खड़ा हो गया।
इसी के चलते सभी परियोजनाओं के पास दोनों राज्यों की सरकार ने पुलिस बलों को तैनात कर दिया। आंध्र प्रदेश ने केंद्र सरकार और कृष्णा बोर्ड से शिकायत की है कि परियोजना में जल स्तर कम होने के बावजूद तेलंगाना सरकार बिजली का उत्पादन कर रही है। पत्र में यह भी लिखा कि पानी व्यर्थ ही समुद्र में मिल रहा है।
इसी क्रम में तेलंगाना सरकार ने कहा है कि वह तेलंगाना की जरूरतों के लिए अपने अधिकारों और विनियमों के अनुसार पनबिजली (Hydro-power) का उत्पादन कर रही है। दोनों राज्य की सरकारों ने श्रीशैलम परियोजना मुद्दे को लेकर बोर्ड को पत्र लिखे हैं। और अभी भी शिकायतें कर रही हैं।
तेलंगाना सरकार ने स्पष्ट किया कि वह अपने आवंटित हिस्से के पानी का उपयोग कर रही है। हालांकि एपी ने तर्क दिया है कि तेलंगाना सरकार इसलिए बिजली पैदा कर रहा है ताकि श्रीशैलम में पानी अधिकतम स्तर तक न पहुंचे। दूसरी ओर तेलंगाना ने रायलसीमा लिफ्ट सिंचाई परियोजना के निर्माण पर आपत्ति जताई है। इस विवाद के साथ कृष्णा जल के आवंटन पर भी इस महीने की 24 तारीख को केआरएमबी की बैठक में चर्चा की जाएगी और उम्मीद है कि दोनों राज्यों को आवश्यक निर्देश देगी।