कर भला होगा भला: सरकार एक बार फिर कर्ज के लिए हो गई तैयार, यह है नया इंडेंट

हैदराबाद: तेलंगाना सरकार एक बार फिर कर्ज के लिए तैयार हो गई है। वित्त वर्ष इस तरह शुरू हुआ है या नहीं सरकार ने आरबीआई से नये कर्ज देने की अपील की है। अगले तीन महीनों में 15,000 करोड़ रुपये के कर्ज का इंडेंट लगाया है। यह विवरण आरबीआई द्वारा घोषित विभिन्न राज्यों के तिमाही ऋण कैलेंडर में स्पष्ट किया गया है।

कैलेंडर के हिसाब से तेलंगाना सरकार ने अप्रैल में 3,000 करोड़ रुपये, मई में 8,000 करोड़ रुपये और जून में 4,000 करोड़ रुपये की कर्ज की अपील की है। आरबीआई यह रकम हर महीना आयोजित बॉन्ड ऑक्शन के जरिए जुटाएगा। आरबीआई कैलेंडर के मुताबिक, तेलंगाना सरकार चालू वित्त वर्ष के लिए कुल 59,672 करोड़ रुपये का कर्ज लेने का फैसला किया है।

कर्ज के लिए कर्ज

दरअसल राज्य सरकार पर इन सात सालों में किये गये कर्ज के किस्त और उनके ब्याज का बोझ काफी बढ़ गया हैृ। पिछले साल औसतन 1,500 करोड़ रुपये ब्याज का भुगतान किया है। अब इसके अलावा हर माह 100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान करना होगा। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि इससे कर्ज चुकाने के लिए अतिरिक्त कर्ज लेने की जरूरत आई है।

रैतु-बंधु

पिछले साल वित्त वर्ष के पहले तीन महीनों में 8,000 करोड़ रुपये कर्ज लेने वाली तेलंगाना सरकार के इस साल और अधिक कर्ज ले रही है। अकेले मई महीने में 8,000 करोड़ रुपये का कर्ज ले रही है। अधिकारियों का कहना है कि जून महीने में रैतु-बंधु की रकम भुगतान करना है। इसीलिए सरकार को उस स्तर कर्ज ले रही हैं। पिछले साल भी रैतु-बंधु कर्ज ही स्रोत रहा है। सरकार जून से ही नया आसरा पेंशन देने का विचार कर रही है। इसलिए वह सरकार कर्ज ले रही है।

कर्ज मिलने पर वेतन

हर महीने पहली तारीख को सरकारी कर्मचारियों का खाते में जमा होना चाहिए। मगर देरी हो रही है। सातवीं तारीख तक अधिकांश कर्मचारियों का वेतन उनके खातों में जमा नहीं हो रहा है। पेंशनभोगियों की भी यही स्थिति है। इसी क्रम में सरकार उनके वेतन के लिए भी कर्ज पर निर्भर है। इस महीने की 11 तारीख तक 1,000 करोड़ रुपये का इंडेंट लगाया है। कहा जा रहा है कि कर्ज मिलते ही कर्मचारियों के वेतन का भुगतान कर दिया जाएगा। वेज एंड मीन्स के तहत 1,700 करोड़ रुपये लेने की अनुमति है। वहीं अधिकारियों का कहना है कि सरकार ने आरबीआई से वह रकम पहले ही ले चुकी है। यह भी कहा जा रहा है कि इस माह देय आसरा पेंशन का भुगतान इस माह की आखिर तक दिया जाएगा।

नये निगमों के नाम पर ज्यादा कर्ज

अगले साल मार्च तक सरकार का कर्ज 5 लाख करोड़ रुपये के पार जाने की उम्मीद है। इस साल 59,632 करोड़ रुपये कर्ज के अलावा, पुराने निगमों के साथ-साथ नये निगमों के नाम पर और अधिक कर्ज लेगा। यह 1.36 लाख करोड़ रुपये होने की संभावना है। इसके साथ ही बजट में दिखाये गये 3.44 लाख करोड़ रुपये के कर्ज और इसे मिलाकर कुल कर्ज 5 लाख करोड़ रुपये को पार कर जाएगा।

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