तेलंगाना कांग्रेस पार्टी दरार, दंगल में आलाकमान

हैदराबाद: आपसी मतभेद, आलोचना, प्रति-आलोचना, चुनौतियां, चेतावनियों का मिश्रण ही कांग्रेस पार्टी हैं। इस तरह कांग्रेस को आपसी मतभेद वाली पार्टी कहा जाने लगा है। कांग्रेस पार्टी की खूबी यह है कि सामान्य कार्यकर्ता भी बड़े-बड़े नेता की आलोचना करता है। यह कैसा अनुशासन है? सवाल के जवाब में नेता कहते हैं कि हमारी पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र अधिक है।

इस समय तेलंगाना कांग्रेस में सत्ता संघर्ष जारी है। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता रेवंत रेड्डी को टीपीसीसी अध्यक्ष पद से हटाने की मांग कर रहे हैं। विवाद बवंडर में बदल गया और पार्टी दो हिस्सों में बंट गई। खबर है कि दरार को मिटाने के लिए आलाकमान मैदान में उतरी है।

कांग्रेस पार्टी के नेता सवाल कर रहे है कि पार्टी के नेताओं को टीआरएस नेताओं के साथ क्या काम हैं? क्यों उनसे बार-बार मिलते रहते है? सवाल कर रहे है कि वीएच हनुमंत राव वित्तमंत्री हरीश राव से क्यों मिले हैं? कोकापेट में क्या बातचीत हुई है। इसका खुलासा करने की मांग कर रहे है। यदि पार्टी में दिक्कतें है तो मिलकर बात करनी चाहिए। लेकिन दुश्मन के सामने जाकर घुटने कैसे टेकते है। आरोप है कि वीएच ने हरीश राव से मुलाकात के बाद बैठक बुलाई है।

कुछ नेता रेवंत रेड्डी के समर्थन में आगे आ रहे हैं। उनका कहना है क टीपीसीसी के नये अध्यक्ष के आगमन के साथ ही कांग्रेस पार्टी के प्रति लोगों में विश्वास बढ़ा है। कांग्रेस पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता को देखकर टीआरएस को डर सताने लगा है। सभी सर्वेक्षण कांग्रेस के अनुकूल आ रहे है। यह देखकर टीआरएस पार्टी कांग्रेस पार्टी में फूट डालने की कोशिश कर रही हैं। इसी बीच कांग्रेस पार्टी के नेताओं की बैठकें हुई है। आज की कांग्रेसी नेताओं की बैठक को लेकर राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चा है।

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