हिंदी भाषा पाठ्यक्रम क्रेडिट में कटौती प्रस्ताव, उस्मानिया विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग की आपात बैठक

हैदराबाद: तेलंगाना राज्य उच्च शिक्षा परिषद की ओर से स्नातक स्तर पर भाषा विषयों के क्रेडिट को 20 से घटाकर 12 करने के प्रस्ताव के विरोध में आज उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद के हिन्दी विभाग, आर्ट्स कॉलेज में एक आपातकालीन बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में विभागाध्यक्ष प्रो. डब्ल्यू. मायादेवी, पाठ्यक्रम अध्यक्ष डॉ. संगीता व्यास, कला संकाय डीन प्रो. तलत सुल्ताना तथा विभिन्न विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों के हिन्दी प्राध्यापकगण, पाठ्यक्रम समिति के सदस्यगण एवं शोधार्थी प्रतिनिधि सम्मिलित हुए।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो. डब्ल्यू. मायादेवी ने प्रस्तावित क्रेडिट कटौती पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “हज़ार फूल चाहिए माला बनाने के लिए, एक हिन्दी चाहिए देश को बचाने के लिए।” उन्होंने स्पष्ट किया कि हिन्दी जैसी राष्ट्रभाषा के साथ किया जा रहा यह अन्याय केवल भाषा को ही नहीं, अपितु उससे जुड़े लाखों छात्रों और शिक्षकों के भविष्य को भी संकट में डाल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि 14 मई को तेलंगाना राज्य उच्च शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित बैठक में विभिन्न विश्वविद्यालयों के डीन, विभागाध्यक्ष, एवं पाठ्यक्रम समिति के अध्यक्षों को आमंत्रित किया गया था, जिसमें सभी भाषाओं के क्रेडिट को घटाकर 12 करने का प्रस्ताव रखा गया।

इस प्रस्ताव पर हिन्दी सहित अन्य भाषा विभागों के प्रतिनिधियों ने तत्काल विरोध दर्ज कराया। उन्होंने कहा कि यदि हिन्दी को स्नातक के अंतिम वर्ष के पाठ्यक्रम से हटा दिया गया, तो छात्रों को केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल जैसे राष्ट्रीय संस्थानों में नौकरी हेतु आवेदन के समय अयोग्य माना जाएगा, क्योंकि इन संस्थानों में स्नातक के तीनों वर्षों में हिन्दी का अध्ययन अनिवार्य होता है। यह निर्णय हिन्दी भाषा, हिन्दी साहित्य एवं हिन्दी शिक्षकों के लिए एक गहरा आघात सिद्ध होगा। उन्होंने हिन्दी की वर्तमान स्थिति की तुलना दलित समाज से करते हुए कहा – “जिस प्रकार दलितों का शोषण होता है, उसी प्रकार आज हिन्दी भाषा भी निरंतर उपेक्षा और अन्याय का शिकार हो रही है।” उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रस्ताव केवल हिन्दी भाषा नहीं, बल्कि सम्पूर्ण द्वितीय भाषा शिक्षकों के जीविकोपार्जन और अस्तित्व के लिए संकट बन जाएगा।

इस अवसर पर कला संकाय की डीन प्रो. तलत सुल्ताना ने कहा कि ‘तेलंगाना राज्य उच्च शिक्षा परिषद’ की बैठक में भाषा के संदर्भ में उठाए गए विषय पर जब उनके क्रेडिट को कम करने का प्रस्ताव रखा गया था, तो उन्होंने इसके स्थान पर 20 के जगह 22 क्रेडिट करने का सुझाव दिया था, दुर्भाग्य से जिसे अस्वीकार कर दिया गया। हिन्दी पाठ्यक्रम समिति की अध्यक्ष डॉ. संगीता व्यास ने कहा कि भाषा के अभाव में शिक्षा का कोई महत्त्व नहीं रह जाएगा | उन्होंने भाषा के महत्त्व को रेखांकित करते हुए सरकार से उसे पूर्ववत बनाए रखने का आह्वान किया है।

प्रो. विद्याधर प्राचार्य विवेक वर्धिनी महाविद्यालय, प्रो. अफसर उन्नीसा, डॉ. जगन, डॉ. राजेश, डॉ. राजेन्द्र, डॉ. कौर, डॉ. सुषमा देवी, डॉ.संध्या दास, डॉ. मधुकर ,डॉ. श्यामसुंदर, डॉ. अजय, डॉ. बी. भरत, डॉ. पिराजी सहित अनेक प्राध्यापकों ने इस विषय पर अपने विचार रखते हुए भाषा के 20 क्रेडिट को बनाए रखने का समर्थन किया। लगभग सभी प्राध्यापकों ने वर्तमान सूचना तकनीकी युग में तेजी से लुप्त होती भाषाओं के दुष्परिणाम की ओर सरकार को ध्यान देने के लिए अनुरोध किया है। मानव मूल्यों का परिष्करण करने में भाषा के महत्त्व को रेखांकित करते हुए सभी ने भाषा पाठ्यक्रम के 12 क्रेडिट प्रस्ताव का पुरजोर विरोध किया।

हिन्दी स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एम. राहुल ने भी छात्रों की ओर से गहरी नाराजगी प्रकट की और इस प्रस्ताव के विरुद्ध संगठित आंदोलन का आह्वान किया। इस आपातकालीन बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि हिन्दी सहित सभी भाषाओं के क्रेडिट्स में कटौती का यह निर्णय न केवल शैक्षणिक दृष्टिकोण से अनुचित है, बल्कि यह संविधान द्वारा प्रदत्त भाषाई समानता और शिक्षा के अधिकार का भी उल्लंघन है। यदि परिषद इस प्रस्ताव को वापस नहीं लेती है, तो शिक्षक एवं छात्र समुदाय शांतिपूर्ण आंदोलन एवं धरना-प्रदर्शन के माध्यम से विरोध दर्ज कराएंगे।

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हिंदी विभाग उस्मानिया विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर के रूप में पदोन्नति प्राप्त प्रोफ़ेसर सम्मानित

हिंदी विभाग, उस्मानिया विश्वविद्यालय की ओर से प्रोफ़ेसर के रूप में पदोन्नति प्राप्त प्रोफ़ेसर विद्याधर, प्राचार्य, विवेक वर्धिनी महाविद्यालय, प्रोफ़ेसर अफ़सर उन्नीसा बेगम और प्रोफ़ेसर सरिता को सम्मानित किया है।

कला संकाय की डीन प्रोफ़ेसर तलत सुल्ताना, हिंदी विभाग की अध्यक्ष प्रोफ़ेसर माया देवी और पाठ्यक्रम समिति की अध्यक्ष डॉ. संगीता व्यास ने इन प्रोफ़ेसरों को सम्मानित किया है।

इस अवसर पर डॉ. अजय, डॉ. राजेश, डॉ. राजेंद्र, डॉ. लीलावती, डॉ. सन्ध्यादास, डॉ. मधुकर, डॉ. नलिनी रेड्डी, डॉ. सुषमा देवी, डॉ. सुपर्णा मुखर्जी, डॉ. श्याम सुन्दर, डॉ. भरत और तेलंगाना राज्य के विभिन्न महाविद्यालयों के अनेक प्राध्यापक उपस्थित हुए हैं।

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