हैदराबाद : साल 2024 के पेरिस ओलंपिक खेल 26 जुलाई से 11 अगस्त तक आयोजित होंगे। यह फ्रांस में अब तक का सबसे बड़ा आयोजन होने वाला है। इस संस्करण, जिसे आधिकारिक रूप से XXXIII ओलंपियाड के रूप में जाना जाता है, में कई नए इवेंट्स, फॉर्मेट परिवर्तन और स्थिरता तथा युवा सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
दुनिया भर के लगभग 10,500 खिलाड़ी, 329 स्पर्धाओं में ओलंपिक पदक के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगे। इसमें भारत के 120 एथलीट्स भी शामिल होंगे। पेरिस में ही 28 अगस्त से 8 सितंबर तक पैरालंपिक खेल होंगे, जिसमें 549 स्पर्धाओं में 4,400 एथलीट्स पदक के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहेंगे। पैरालंपिक्स में जहां 184 देश अपने खिलाड़ी भेज रहे हैं, वहीं ओलंपिक खेलों में इस बार 206 देशों के खिलाड़ी शामिल हो रहे हैं।
पेरिस ओलंपिक एक भव्य आयोजन होगा, जिसमें शामिल होंगे:
पेरिस और इसके आसपास के 35 स्थल
200 से अधिक राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों (NOCs) और IOC शरणार्थी ओलंपिक टीम के 10,500 एथलीट
19 दिनों में 329 इवेंट्स
36 खेल, जिनमें चार नए खेल शामिल हैं
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वर्ष 2024 में पेरिस 33वें ओलंपिक खेलों की मेजबानी करने जा रहा है। यहां दुनिया के 10 हजार से भी अधिक एथलीट पदक जीतने की दावेदारी पेश करेंगे। नीरज चोपड़ा से लेकर मीराबाई चानू और निखत जरीन के रूप में विश्व स्तरीय बॉक्सर से भारत को पदक की उम्मीद होगी। इस बार भारतीय दल में 113 एथलीट शामिल हैं। पिछली बार भारत ने एक स्वर्ण, 2 रजत और 4 कांस्य पदक जीते थे। जानते हैं कि इस बार किन खेलों में कौन से एथलीट पदक के लिए दावेदारी पेश करेंगे।
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तीरंदाजी – दीपिका कुमारी, धीरज बोम्मदेवरा, प्रवीण जाधव, तरुणदीप राय, भजन कौर, अंकिता भगत
एथलेटिक्स – नीरज चोपड़ा, किशोर जेना, अब्दुल्ला अबुबकर, मोहम्मद अनस, मुहम्मद अजमल, अक्शदीप सिंह, विकास सिंह, परमजीत सिंह बिष्ट, प्रियंका गोस्वामी, अविनाश साबले, पारुल चौधरी, ज्योति याराजी, किरण पहल, तेजिंदरपाल सिंह तूर, आभा खटुआ, अनु रानी, सर्वेश कुशारे, प्रवीण चित्रावेल, अमोज जेकब, संतोष तमिलरासन, राजेश रमेश, मिजो चाको कुरियन, विद्या रामराज, ज्योतिका श्री दांडी, एमआर पूर्वम्मा, सुभा वेंकटेशन, प्राची, सूरज पवार, जेसविन एल्ड्रिन, किरण पाल
बैडमिंटन – पीवी सिंधु, चिराग शेट्टी, सात्विक साईराज रेड्डी, एचएस प्रणय, लक्ष्य सेन, अश्विनी पोनप्पा, तनिशा क्रास्तो
बॉक्सिंग – अमित पंगल, निखत जरीन, लवलीना बोरगोहेन, जैसमीन लंबोडिया, प्रीति पवार, निशांत देव
इक्वेस्ट्रियन – अनुष अगरवाल
गोल्फ – शुभांकर शर्मा, गगनजीत भुल्लर, अदिति अशोक, दीक्षा डागर
हॉकी – पीआर श्रीजेश, जरमनप्रीत सिंह, अमित रोहिदास, हरमनप्रीत सिंह (कप्तान), सुमित, संजय, राजकुमार पाल, शमशेर सिंह, मनप्रीत सिंह, हार्दिक सिंह, विवेक सागर प्रसाद, अभिषेक, सुखजीत सिंह, ललित कुमार उपाध्याय, मनदीप सिंह, गुजरंत सिंह
शूटिंग – मनु भाकर, ईशा सिंह, अंजुम मौदगिल, ऐश्वर्या प्रताप तोमर, राजेश्वरी कुमारी, श्रेयसी सिंह, अनंतजीत सिंह, रायजा ढिलोन, माहेश्वरी चौहान, संदीप सिंह, अर्जुन बाबुता, एलानेविल वालारिवन, रमिता जिंदल, स्वप्निल कुसाले, सिफ्ट कौर सामरा, रिदम सांगवान, सरबजोत सिंह, अर्जुन सिंह चीमा
सेलिंग – विष्णु सरवनन, नेत्रा कुमानन
टेबल टेनिस – शरत कमल, मनिका बत्रा, श्रीजा अकुला, हरमीत देसाई, मानव ठक्कर, अर्चना कामत
टेनिस – सुमित नागल, रोहन बोपन्ना, श्रीराम बालाजी
कुश्ती – विनेश फोगाट, अंशु मलिक, अमन सहरावत, निशा दहिया, रीतिका हूडा, अंतिम पंगल
भारोत्तोलन – मीराबाई चानू
तैराकी – धिनिधि देसिंगू, श्रीहरि नटराज
रोविंग – बलराज पोविंग
जूडो – तुलिका मान
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कुश्ती में भारत को कम से कम तीन मेडल की उम्मीद
गौरतलब है कि ओलिंपिक में हॉकी के बाद भारत ने कुश्ती में ही सबसे ज्यादा सात मेडल जीते हैं। यही कारण है कि पिछले दिनों भारतीय कुश्ती में मचे बवाल के बावजूद इस खेल से मेडल की उम्मीद घटी नहीं है। पिछले दिन भारतीय कुश्ती में हुई उठा-पटक की वजह से प्लेयर्स के लिए ट्रेनिंग कैंप नहीं लगे। ट्रायल का पता नहीं रहा। ट्रेनिंग का कोई सही शेड्यूल नहीं रहा। इसका असर क्वॉलिफिकेशन पर पड़ा और सिर्फ एक पुरुष पहलवान ही पेरिस के लिए क्वॉलिफाई कर सका। सब सामान्य रहता तो कई और पहलवान अभी पेरिस में होते क्योंकि भारत के लिए अब कुश्ती में ओलिंपिक क्वॉलिफिकेशन बड़ा मसला नहीं रह गया है, यहां अब पदकों के संख्या पर बात होती है। पूर्व रेसलर ओलिंपियन और नेशनल कोच रहे ज्ञान सिंह ने मीडिया से ओलिंपिक में कुश्ती की उम्मीदों पर खास बातचीत की।
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ज्ञान सिंह ने कहा, “इस बार हमारे कुल छह पहलवान ओलिंपिक में हैं और मुझे कम से कम तीन पदक आते दिख रहे हैं। पेरिस जा रहे एकमात्र भारतीय पुरुष पहलवान अमन सहरावत से पदक की उम्मीद है, क्योंकि पिछले कुछ समय में उन्होंने जिस भी प्रतियोगिता में भाग लिया है वहां खुद को साबित किया है। मैं महिला पहलवान विनेश फोगाट को भी पदक का प्रबल दावेदार मान रहा हूं। उनके पास काफी अनुभव है। उनकी खास बात यह है कि वह घबराती नहीं हैं। लड़ना जानती हैं। सिर्फ किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया है। इसके अलावा पिछले दिनों जो कुछ हुआ है उसके बाद से विनेश ओलिंपिक पदक जीतकर अपने आलोचकों को जवाब देना चाह रही होंगी। हालांकि, विमिंस कैटिगरी में मेडल की भविष्यवाणी करना आसान नहीं, लेकिन फिर भी मैं युवा रेसलर अंतिम पंघाल से भी पदक की उम्मीद करता हूं।
ज्यादा वेट कैटिगरी में मैं मेडल की उम्मीद नहीं कर रहा क्योंकि इनमें हमारा प्रदर्शन शुरुआत से खास नहीं रहा है। इसकी एक बड़ी वजह भौगोलिक परिस्थितियां हैं। हेवीवेट कैटिगरी में पश्चिम के पहलवान ज्यादा मजबूत हैं। मसल पावर में वह हमसे बेहतर हैं। हमारे पहलवानों के पास स्पीड और स्टैमिना अधिक है। हम लोअर वेट कैटिगरी में ज्यादा सफल रहते हैं। पैरिस ओलिंपिक्स में भी लोअर और मिडल वेट कैटिगरी से ही मुझे पदक की उम्मीद है। सपोर्ट स्टाफ की भूमिका अहमपदक सिर्फ ऐथलीट के खेल पर ही नहीं निर्भर करता। उसके साथ गए सपोर्ट स्टाफ की भूमिका भी अहम होती है। अमन पदक का दावेदार हैं, लेकिन यह उनका पहला ओलिंपिक है और ऐसे में प्रेशर होना लाजिमी है। हालांकि यह भी सही है कि मैट पर उतरते ही प्रेशर जैसी कोई चीज नहीं होती और वहां आपका दांव-पेच काम आता है। मैच के पहले और दौरान भी ऐथलीट का मनोबल ऊंचा करना होता है। इस बार कैंप नहीं लगने की वजह से कोच, सपोर्ट स्टाफ और रेसलर के बीच ज्यादा बॉन्डिग नजर नहीं आ रही है। देखना है कि भारतीय कुश्ती दल इससे कैसे उबरता है।”
పారిస్ ఒలింపిక్స్లో భారత బ్యాడ్మింటన్
పారిస్ ఒలింపిక్స్లో భారత బ్యాడ్మింటన్ పురుషుల డబుల్స్ స్టార్ జోడీ సాత్విక్-చిరాగ్ జంటకు సులవైన డ్రా లభించింది. బ్యాడ్మింటన్ వరల్డ్ ఫెడరేషన్(బీడబ్ల్యూఎఫ్) సోమవారం పురుషుల డబుల్స్ గ్రూపు స్టేజ్ డ్రాను రిలీజ్ చేసింది. అందులో సాత్విక్ జోడీని గ్రూపు-సిలో చేర్చారు. గ్రూపులో సాత్విక్-చిరాగ్ జంట పెద్దగా పోటీ లేకపోవడంతో నాకౌట్కు చేరుకోవడం ఖాయంగానే కనిపిస్తోంది.
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గ్రూపులో భారత జంటకు వరల్డ్ నం.6 ఆల్ఫియన్-ఆర్డియంటో(ఇండోనేషియా) జోడీతో మాత్రమే సవాల్ ఎదురుకానుంది. తమ కంటే తక్కువ ర్యాంక్ కలిగిన మార్క్ లామ్స్ఫస్-మార్విన్ సీడెల్(జర్మనీ), లూకాస్ కార్వీ-రోనన్ లాబర్(ఫ్రెంచ్) జంటలపై విజయం నల్లేరు మీద నడకే. వారిపై మంచి రికార్డు కూడా కలిగి ఉన్నది. ప్రస్తుతం వరల్డ్ నం.3 ర్యాంక్లో ఉన్న సాత్విక్, చిరాగ్ మంచి ఫామ్లో ఉన్నారు. ఈ ఏడాది నాలుగు టోర్నీల్లో ఫైనల్కు చేరుకున్నారు. ఫ్రెంచ్ ఓపెన్, థాయిలాండ్ ఓపెన్ విజేతగా నిలిచారు. ఒలింపిక్స్లో సాత్విక్-చిరాగ్ జంటపై పతక ఆశలు భారీగా ఉన్నాయి. (ఏజెన్సీలు)